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🥈 भारत को गौरव: गुरप्रीत सिंह ने निशानेबाजी विश्व चैंपियनशिप में जीता रजत पदक

भारतीय निशानेबाज गुरप्रीत सिंह ने देश का नाम रोशन करते हुए प्रतिष्ठित निशानेबाजी विश्व चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन किया है। उन्हें पुरुषों की 25 मीटर सेंटर फायर पिस्टल स्पर्धा में रजत पदक (सिल्वर मेडल) हासिल हुआ है। यह उपलब्धि एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मंच पर निशानेबाजी में भारत के बढ़ते दबदबे को दर्शाती है।

🎯 गुरप्रीत का बेहतरीन प्रदर्शन

 

गुरप्रीत सिंह ने फाइनल राउंड में जबरदस्त एकाग्रता और सटीकता का परिचय दिया। 25 मीटर सेंटर फायर पिस्टल एक चुनौतीपूर्ण स्पर्धा है, जिसमें निशानेबाज को गति और सटीकता का बेहतरीन संतुलन दिखाना होता है। पूरे टूर्नामेंट के दौरान गुरप्रीत का निशाना सटीक रहा, जिससे उन्होंने फाइनल में अपनी जगह बनाई।

फाइनल मुकाबले में उनका प्रदर्शन विश्व चैंपियन बनने के बेहद करीब था। वह थोड़े से अंतर से स्वर्ण पदक से चूक गए, लेकिन उनका रजत पदक भारत के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह पदक न केवल गुरप्रीत के व्यक्तिगत कौशल और कड़ी मेहनत का प्रमाण है, बल्कि यह देश के युवा निशानेबाजों के लिए भी एक बड़ी प्रेरणा है। उन्होंने यह साबित कर दिया कि भारतीय निशानेबाज अब किसी भी अंतरराष्ट्रीय मंच पर शीर्ष प्रतिस्पर्धा देने के लिए तैयार हैं।

🇮🇳 पदक तालिका में भारत की स्थिति मजबूत

 

गुरप्रीत सिंह द्वारा जीते गए इस रजत पदक ने निशानेबाजी विश्व चैंपियनशिप की पदक तालिका में भारत की स्थिति को और मजबूत कर दिया है। इस चैंपियनशिप में भारत ने लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है और इस नए रजत पदक के साथ, देश पदक तालिका में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है।

पदक तालिका में शीर्ष पर बने रहना दर्शाता है कि भारतीय निशानेबाजी का आधार मजबूत हो रहा है और यह सिर्फ एक या दो खिलाड़ियों तक सीमित नहीं है, बल्कि एक पूरी टीम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शानदार प्रदर्शन कर रही है। यह प्रदर्शन भविष्य के ओलंपिक खेलों और अन्य प्रमुख प्रतियोगिताओं के लिए भी एक सकारात्मक संकेत है।

📈 भारतीय निशानेबाजी का बढ़ता दबदबा

 

पिछले कुछ वर्षों में, भारतीय निशानेबाजों ने अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। यह उपलब्धि भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) और राष्ट्रीय राइफल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) द्वारा खिलाड़ियों को दी जा रही बेहतर कोचिंग, आधुनिक प्रशिक्षण सुविधाओं और वित्तीय समर्थन का परिणाम है।

गुरप्रीत सिंह का यह पदक दिखाता है कि भारत अब केवल कुछ चुनिंदा स्पर्धाओं तक ही सीमित नहीं है, बल्कि विभिन्न श्रेणियों में विश्व स्तरीय प्रतिभाएं उभर रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि सही दिशा में लगातार प्रयास किए जाने पर आने वाले समय में भारत निशानेबाजी में एक वैश्विक शक्ति बनकर उभरेगा। यह पदक भारतीय खेल इतिहास में एक और सुनहरा अध्याय जोड़ता है।

©️ श्री गंगानगर न्यूज़ ©️