
भारत की सबसे प्रतिष्ठित घरेलू क्रिकेट प्रतियोगिता रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) में मंगलवार (19 नवंबर, 2025) को एक बेहद दुर्लभ और विवादास्पद क्षण देखने को मिला, जिसने क्रिकेट प्रेमियों और विशेषज्ञों के बीच नियमों को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है। एक महत्वपूर्ण मैच के दौरान, एक बल्लेबाज को क्रिकेट के 34वें नियम यानी ‘दो बार गेंद मारने (Hit The Ball Twice)’ के तहत आउट करार दिया गया, जिससे मैदान पर और पवेलियन में काफी बवाल हो गया।
क्या हुआ था मैदान पर?
यह घटना मैच की दूसरी पारी में हुई, जब एक बल्लेबाज रक्षात्मक शॉट खेलने का प्रयास कर रहा था। गेंद बल्ले से लगने के बाद विकेटों की ओर जा रही थी। बल्लेबाज ने तुरंत अपने विकेट बचाने के लिए, जानबूझकर, अपने बल्ले से गेंद को दूसरी बार मारा और उसे विकेट से दूर धकेल दिया।
फील्डिंग कर रही टीम ने तत्काल ‘दो बार गेंद मारने’ के नियम के तहत आउट की अपील की। मैदानी अंपायर ने लंबी चर्चा के बाद बल्लेबाज को आउट करार दिया। इस फैसले पर बल्लेबाज ने गहरी नाराजगी व्यक्त की, क्योंकि उसका तर्क था कि वह केवल अपने विकेट की रक्षा कर रहा था, न कि दूसरा रन लेने या रन आउट होने से बचने की कोशिश कर रहा था।
नियम 34 क्या कहता है?
क्रिकेट के नियम 34 के अनुसार, कोई भी बल्लेबाज, जो पहले ही गेंद को एक बार खेल चुका है, जानबूझकर गेंद को दूसरी बार नहीं मार सकता, सिवाय इसके कि वह गेंद को विकेटों को हिट करने से बचा रहा हो। नियम यह भी स्पष्ट करता है कि बल्लेबाज दूसरी बार गेंद को केवल तब ही मार सकता है जब ऐसा करना रन बनाने के इरादे से न हो। चूंकि इस मामले में बल्लेबाज ने अपने विकेट बचाने के लिए गेंद को मारा, इसलिए यह आउट का विवादास्पद मामला बन गया।
अंपायरों ने संभवतः यह निर्णय लिया कि बल्लेबाज ने जिस तरीके से गेंद को दूसरी बार खेला, वह विकेट बचाने की साधारण क्रिया से अधिक था, या हो सकता है कि उन्होंने माना हो कि बल्लेबाज ने उस गेंद पर रन लेने का इरादा बना लिया था।
अश्विन की टिप्पणी और विवाद
इस अनोखे आउट ने सोशल मीडिया पर भी हलचल मचा दी। भारतीय टीम के दिग्गज ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन (R Ashwin) ने इस घटना पर ट्वीट करते हुए कहा, “रणजी ट्रॉफी में ‘डबल शॉट’ देखकर हैरान हूँ। यह नियम क्रिकेट के मैदान पर बहुत कम देखने को मिलता है, शायद हर कुछ सालों में एक बार। यह नियम खेल की बारीकियों को दर्शाता है, लेकिन अंपायरिंग का यह फैसला हमेशा विवाद पैदा करता है।”
इस विवाद से साफ है कि रणजी ट्रॉफी में तकनीक और तीव्रता के साथ, क्रिकेट के नियम भी चर्चा का केंद्र बन गए हैं। इस फैसले से न केवल मैच का रुख प्रभावित हुआ, बल्कि क्रिकेट के नियमों के बारे में जागरूकता भी बढ़ी है।