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🏟️ ऐतिहासिक जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम की विदाई: 102 एकड़ में बनेगी आधुनिक ‘स्पोर्ट्स सिटी’

नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली का प्रतिष्ठित जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम (Jawaharlal Nehru Stadium), जो दशकों से भारतीय खेलों के इतिहास का एक महत्वपूर्ण साक्षी रहा है, जल्द ही तोड़ा जाएगा। खेल मंत्रालय ने इस स्टेडियम को ध्वस्त कर इसकी जगह एक अत्याधुनिक और विश्व स्तरीय ‘स्पोर्ट्स सिटी’ बनाने का महत्वाकांक्षी निर्णय लिया है। यह कदम भारत में खेल के बुनियादी ढांचे को एक नया आयाम देने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है।

 

विरासत का अंत, भविष्य का उदय

 

जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम सिर्फ एक खेल का मैदान नहीं है, बल्कि यह कई ऐतिहासिक क्षणों का गवाह रहा है। इसकी नींव:

  • 1982: 9वें एशियाई खेलों (Asian Games) के आयोजन के लिए रखी गई थी।
  • 2010: इसे राष्ट्रमंडल खेलों (Commonwealth Games) के भव्य आयोजन के लिए पूरी तरह से नवीनीकृत किया गया था।

हालांकि, समय के साथ-साथ इसकी संरचना और सुविधाएं वैश्विक मानकों पर पिछड़ने लगी थीं। खेल मंत्रालय का मानना है कि केवल नवीनीकरण के बजाय, एक पूरी तरह से नई, एकीकृत सुविधा समय की मांग है।

 

‘स्पोर्ट्स सिटी’ परियोजना की रूपरेखा

 

इस विशाल परियोजना को स्टेडियम की 102 एकड़ की जमीन पर विकसित किया जाएगा। नई ‘स्पोर्ट्स सिटी’ की परिकल्पना विश्व स्तरीय खेल ढांचा (World-Class Sports Infrastructure) प्रदान करने के उद्देश्य से की गई है।

  • प्रेरणा स्रोत: यह नई परियोजना कतर (Qatar) और ऑस्ट्रेलिया (Australia) जैसे देशों के आधुनिक खेल मॉडल पर आधारित होगी। इन मॉडलों में न केवल बहुउद्देशीय खेल स्थल होते हैं, बल्कि प्रशिक्षण केंद्र, स्पोर्ट्स मेडिसिन सुविधाएं, एथलीट आवास और वैज्ञानिक खेल प्रयोगशालाएँ भी एकीकृत होती हैं।
  • उद्देश्य: इसका मुख्य उद्देश्य भारत में एथलीटों को उच्चतम स्तर की प्रशिक्षण सुविधाएं प्रदान करना है, ताकि वे ओलंपिक और विश्व चैंपियनशिप जैसे अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों में बेहतर प्रदर्शन कर सकें।

 

एक एकीकृत खेल पारिस्थितिकी तंत्र

 

प्रस्तावित ‘स्पोर्ट्स सिटी’ में सिर्फ एक मुख्य स्टेडियम नहीं होगा, बल्कि यह एक एकीकृत खेल पारिस्थितिकी तंत्र के रूप में काम करेगा। इसमें शामिल होने की संभावना है:

  • बहुउद्देशीय इनडोर और आउटडोर स्टेडियम: विभिन्न खेलों (एथलेटिक्स, फुटबॉल, हॉकी, बास्केटबॉल आदि) के लिए विशेष सुविधाएं।
  • हाई-परफॉर्मेंस ट्रेनिंग सेंटर: अत्याधुनिक उपकरण और वैज्ञानिक मार्गदर्शन के साथ।
  • स्पोर्ट्स साइंस और रिसर्च विंग: पोषण, फिजियोथेरेपी और बायोमैकेनिक्स के लिए प्रयोगशालाएं।
  • खिलाड़ी छात्रावास और पुनर्वास केंद्र: एथलीटों के रहने और चोट से उबरने की व्यवस्था।

खेल मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि इस परियोजना पर काम जल्द ही शुरू होगा और इसे निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। यह ‘स्पोर्ट्स सिटी’ भारतीय खेलों के भविष्य को नई दिशा देने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो सकता है।

©️ श्री गंगानगर न्यूज़ ©️