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शादीशुदा जिंदगी में ज़हर घोलने वाले 5 ‘टॉक्सिक’ ताने: रिलेशनशिप काउंसलर्स की चेतावनी, पति के आत्म-सम्मान को ठेस पहुंचाना बन सकता है तलाक की वजह

मुंबई। शादी का रिश्ता प्रेम, विश्वास और सम्मान की नींव पर टिका होता है, लेकिन अक्सर गुस्से और निराशा में दिए गए कुछ ताने इस रिश्ते की नींव को खोखला कर सकते हैं। रिलेशनशिप काउंसलर्स (Relationship Counselors) ने पत्नियों को विशेष चेतावनी दी है कि वे अपने पति को कुछ खास तरह के ताने देने से बचें, क्योंकि ये ताने पुरुषों के ईगो (Ego) और आत्म-सम्मान (Self-Esteem) को बुरी तरह ठेस पहुंचाते हैं, जिससे रिश्ते में प्यार खत्म होकर कड़वाहट और स्थायी दरार आ सकती है।

विशेषज्ञों ने ऐसे 5 सबसे खतरनाक तानों की पहचान की है, जिन्हें गुस्सा आने पर भी पति को कभी नहीं मारना चाहिए:

1. सैलरी/करियर को लेकर ताना मारना: “तुम कितना कमाते हो?” या “तुम्हारा करियर तो बिल्कुल बेकार है।” – इस तरह के ताने सीधे तौर पर एक पुरुष की पहचान और उसकी जिम्मेदारी निभाने की क्षमता पर हमला करते हैं। आर्थिक तंगी या करियर में असफलता से जूझ रहे पुरुष को ये शब्द भावनात्मक रूप से तोड़ सकते हैं।

2. ‘निकम्मा’ या ‘निठल्ला’ कहना: “तुम तो कोई काम ठीक से नहीं करते,” या “तुम बिल्कुल निकम्मे हो।” – ये शब्द अपमानजनक होते हैं। एक आदमी को यह सुनना पसंद नहीं होता कि वह परिवार के लिए पर्याप्त रूप से सक्षम या उपयोगी नहीं है। बार-बार ये शब्द दोहराने से पति रिश्ते में खुद को अनावश्यक महसूस करने लगता है।

3. “तुमसे शादी करके मेरी जिंदगी बर्बाद हो गई”: यह ताना रिश्ते के लिए सबसे घातक माना जाता है। यह पूरे रिश्ते और साथी द्वारा किए गए हर प्रयास को खारिज कर देता है। यह बात पति को गहराई तक चोट पहुंचाती है और उसे यह महसूस कराती है कि वह अपनी पत्नी को खुश नहीं कर सका, जिससे वह भावनात्मक रूप से दूर होने लगता है।

4. तलाक या अलगाव की धमकी देना: “अगर ऐसा ही रहा तो मैं तुम्हें तलाक दे दूंगी” या “मुझे तुम्हारे साथ नहीं रहना।” – विशेषज्ञों का कहना है कि चाहे आप कितने भी गुस्से में क्यों न हों, तलाक जैसे गंभीर विषय को धमकी के रूप में इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। बार-बार धमकी मिलने पर पति को लगने लगता है कि यह रिश्ता खतरे में है, जिससे वह खुद को मानसिक रूप से अलग करना शुरू कर देता है।

5. बार-बार उनके माता-पिता से तुलना करना: “तुम बिल्कुल अपने पिताजी की तरह हो” (नकारात्मक संदर्भ में) या “तुम्हारी मां ने तुम्हें कुछ नहीं सिखाया।” – एक पुरुष के लिए उसके माता-पिता, खासकर उसकी मां, का सम्मान बहुत मायने रखता है। उनके परिवार को सीधे तौर पर दोष देना या अपमान करना सीधे उसके स्वाभिमान पर हमला करता है, जिससे वह रक्षात्मक हो जाता है और रिश्ते में दूरी आ जाती है।

रिलेशनशिप काउंसलर डॉ. विनय प्रकाश का सुझाव है, “गुस्सा आना स्वाभाविक है, लेकिन गुस्से में भी शब्दों पर नियंत्रण रखें। अपने साथी की कमियों पर नहीं, बल्कि उसके व्यवहार पर ध्यान केंद्रित करें। ताने मारने की बजाय, शांत होकर संवाद (Communication) स्थापित करें। रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए आलोचना नहीं, बल्कि आपसी सम्मान जरूरी है।”

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