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बैंक्सिंग’ रिश्तों की नई समस्या: पार्टनर का धीरे-धीरे गायब हो जाना

मुंबई। रिश्तों की दुनिया में, जहाँ ‘घोस्टिंग’ (Ghosting) (अचानक बिना बताए संपर्क तोड़ लेना) एक जानी-मानी समस्या थी, वहीं अब एक नया और उससे भी अधिक दर्दनाक भावनात्मक ट्रेंड उभर रहा है—जिसे ‘बैंक्सिंग’ (Banksying) कहा जाता है। बैंक्सिंग में पार्टनर अचानक गायब नहीं होता, बल्कि धीरे-धीरे रिश्ता खत्म करने की प्रक्रिया अपनाता है, जिससे दूसरे पार्टनर को भावनात्मक रूप से बहुत नुकसान पहुँचता है।

 

बैंक्सिंग क्या है और यह घोस्टिंग से कैसे अलग है?

 

बैंक्सिंग का नाम प्रसिद्ध स्ट्रीट आर्टिस्ट बैंक्सी के नाम पर रखा गया है, जो अचानक प्रकट होते हैं और फिर गायब हो जाते हैं। रिश्ते के संदर्भ में, इसमें पार्टनर:

  • धीरे-धीरे बातचीत कम करता है।
  • मिलने-जुलने से कतराता है या आखिरी मिनट में प्लान कैंसिल कर देता है।
  • भावनात्मक रूप से अनुपस्थित (Emotionally Absent) रहने लगता है, भले ही वह शारीरिक रूप से मौजूद हो।

यह घोस्टिंग से इसलिए अलग है क्योंकि घोस्टिंग में संपर्क अचानक टूटता है, जबकि बैंक्सिंग में पार्टनर धीरे-धीरे रिश्ते से पीछे हटता है, जिससे पीड़ित पार्टनर को लंबे समय तक अनिश्चितता और भ्रम का सामना करना पड़ता है।

 

बैंक्सिंग के पीछे के कारण

 

मनोवैज्ञानिकों और संबंध विशेषज्ञों का मानना है कि बैंक्सिंग अक्सर टकराव से बचने की मानसिकता (Conflict Avoidance) या कायरता के कारण होती है।

  • सीधे मना करने में असमर्थता: जो व्यक्ति रिश्ता तोड़ना चाहता है, उसमें सीधे और स्पष्ट रूप से ‘ना’ कहने की हिम्मत नहीं होती।
  • आरामदायक निकास मार्ग: धीरे-धीरे दूरी बनाकर, वह पार्टनर को मजबूर करता है कि वह खुद ही दूर हो जाए, जिससे उसे खुद ब्रेकअप की जिम्मेदारी नहीं लेनी पड़ती।
  • विकल्प खुला रखना: कई बार, बैंक्सिंग करने वाला व्यक्ति रिश्ते को पूरी तरह खत्म नहीं करता, बल्कि पार्टनर को एक ‘बैकअप’ के रूप में रखता है, जब तक उसे कोई बेहतर विकल्प नहीं मिल जाता।

यह व्यवहार रिश्ते में भावनात्मक लगाव और निकटता को कम कर देता है, जिससे पीड़ित पार्टनर को ऐसा महसूस होता है कि उसकी भावनाओं को कोई महत्व नहीं दिया जा रहा।

 

रिश्तों को बचाने के लिए समाधान

 

बैंक्सिंग जैसी विषाक्त (Toxic) प्रवृत्ति से बचने और रिश्ते को स्वस्थ बनाए रखने के लिए, विशेषज्ञ इन बातों पर जोर देते हैं:

  1. खुला और ईमानदार संवाद (Open and Honest Communication): यदि आप रिश्ते से असंतुष्ट हैं, तो सीधे और सम्मानपूर्ण ढंग से अपनी भावनाओं को व्यक्त करें।
  2. स्पष्ट सीमाएँ निर्धारित करें: शुरुआत से ही यह स्पष्ट करें कि रिश्ते में आपकी अपेक्षाएँ (Expectations) क्या हैं और आप किस तरह के कमिटमेंट की तलाश में हैं।
  3. आत्म-सम्मान को प्राथमिकता दें: यदि आपको लगे कि पार्टनर जानबूझकर दूरी बना रहा है, तो खुद को दोषी न मानें। अपने आत्म-सम्मान को प्राथमिकता दें और ऐसे रिश्ते से बाहर निकलने का साहस करें जो आपको भावनात्मक रूप से महत्व नहीं दे रहा है।

किसी भी रिश्ते की नींव विश्वास और स्पष्टता पर टिकी होती है, और बैंक्सिंग इन दोनों को ही कमज़ोर करती है।

©️ श्री गंगानगर न्यूज़ ©️