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बाढ़ की दस्तक! श्रीगंगानगर में आसमानी आफत

श्रीगंगानगर:बाढ़ की दस्तक! श्रीगंगानगर में आसमानी आफत घग्गर नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिसने प्रशासन और स्थानीय निवासियों की चिंता बढ़ा दी है। विशेष रूप से, हनुमानगढ़ की तरफ से पानी की लगातार आवक के कारण सूरतगढ़ और उसके आसपास के क्षेत्रों में हालात गंभीर हो रहे हैं।

पिछले कुछ दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश ने नदी-नालों को उफान पर ला दिया है। घग्गर नदी, जिसे अक्सर ‘राजस्थान का शोक’ कहा जाता है, अपने सामान्य स्तर से ऊपर बह रही है। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, हनुमानगढ़ जिले से घग्गर में छोड़ा गया पानी अब श्रीगंगानगर के निचले इलाकों की ओर बढ़ रहा है।

सूरतगढ़ में अलर्ट जारी

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, जिला प्रशासन ने सूरतगढ़ और उससे सटे गांवों में हाई अलर्ट जारी कर दिया है। प्रशासन ने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है। इसके साथ ही, बचाव और राहत कार्यों के लिए टीमों को तैयार रखा गया है। पुलिस और नागरिक सुरक्षा विभाग की टीमें संवेदनशील क्षेत्रों में गश्त कर रही हैं और लोगों को सतर्क रहने के लिए कह रही हैं।

किसानों की बढ़ी चिंता

घग्गर नदी के बढ़ते जलस्तर से सबसे ज्यादा चिंता किसानों में है। अगर नदी का पानी खेतों में घुसता है, तो धान, कपास और अन्य खरीफ फसलों को भारी नुकसान हो सकता है। कई किसानों ने बताया कि वे अपनी फसलों को लेकर चिंतित हैं और लगातार नदी के जलस्तर पर नजर बनाए हुए हैं।

सुरक्षा उपाय और प्रशासन की तैयारी

जिला कलेक्टर ने सभी संबंधित विभागों की आपातकालीन बैठक बुलाई है। बैठक में जल संसाधन, पुलिस, राजस्व और चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। अधिकारियों ने कहा है कि स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने और केवल आधिकारिक जानकारी पर भरोसा करने की अपील की गई है।

यह भी बताया गया है कि नदी के किनारे बसे गांवों में निगरानी बढ़ा दी गई है और लोगों को सुरक्षित रहने के लिए लगातार जागरूक किया जा रहा है। आने वाले दिनों में और बारिश होने की संभावना को देखते हुए प्रशासन ने अपनी तैयारियों को और पुख्ता कर लिया है।

 श्रीगंगानगर में ड्रोन से भेजी गई हेरोइन की बड़ी खेप जब्त, सीमा पार से तस्करी का भंडाफोड़

श्रीगंगानगर: राजस्थान के सीमावर्ती जिले श्रीगंगानगर में मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ एक बड़ी सफलता मिली है। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और राजस्थान पुलिस ने संयुक्त अभियान चलाकर भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास से हेरोइन की एक बड़ी खेप जब्त की है। बताया जा रहा है कि यह खेप पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए भारतीय सीमा में भेजी गई थी।

जानकारी के अनुसार, सीमा पर तैनात बीएसएफ जवानों को देर रात एक ड्रोन की आवाज सुनाई दी। ड्रोन की संदिग्ध गतिविधि देखकर जवानों ने तुरंत एक्शन लिया। उन्होंने ड्रोन पर फायरिंग की, जिसके बाद ड्रोन वापस पाकिस्तान की सीमा की ओर चला गया। जवानों ने तुरंत इलाके की तलाशी शुरू कर दी। तलाशी के दौरान, उन्हें एक खेत में प्लास्टिक के पैकेट में छिपाकर रखी गई हेरोइन मिली।

इसके बाद, बीएसएफ ने स्थानीय पुलिस को सूचना दी और दोनों सुरक्षा एजेंसियों ने मिलकर पूरे इलाके की गहन तलाशी ली। इस तलाशी में, कुल 5 किलोग्राम से अधिक हेरोइन बरामद की गई, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में करोड़ों रुपये कीमत बताई जा रही है।

ड्रोन तस्करी का नया तरीका

पिछले कुछ समय से पाकिस्तान स्थित तस्करों ने भारत में मादक पदार्थ भेजने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। ये तस्कर रात के अंधेरे का फायदा उठाकर छोटे ड्रोन्स के जरिए भारतीय सीमा में मादक पदार्थों के पैकेट गिराते हैं।

श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जैसे सीमावर्ती जिले इस तरह की तस्करी का केंद्र बन गए हैं। सुरक्षा बल इस खतरे से निपटने के लिए आधुनिक तकनीक और निगरानी उपकरणों का उपयोग कर रहे हैं। रात में गश्त बढ़ा दी गई है और संदिग्ध गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है।

पुलिस और बीएसएफ की संयुक्त कार्रवाई

इस घटना के बाद, पुलिस और बीएसएफ ने सीमावर्ती गांवों में अपनी चौकसी और बढ़ा दी है। पुलिस ने अज्ञात तस्करों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि यह खेप किस तक पहुंचाई जानी थी। इस मामले में कुछ संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है।

सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि यह एक बड़ी सफलता है और इससे सीमा पार से होने वाली तस्करी के नेटवर्क को तोड़ने में मदद मिलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की घटनाएं देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा हैं और उनसे निपटने के लिए सभी एजेंसियां मिलकर काम कर रही हैं।

 श्रीगंगानगर में सड़क हादसे, श्रीकरणपुर-सूरतगढ़ मार्ग पर जानलेवा टक्करें, कई लोगों की मौत

श्रीगंगानगर: राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में सड़कों पर मौत का तांडव जारी है। श्रीकरणपुर-सूरतगढ़ मार्ग पर पिछले कुछ दिनों में हुए दर्दनाक सड़क हादसों ने लोगों को दहला दिया है। इन हादसों में कई लोगों की जान चली गई, जबकि कई गंभीर रूप से घायल हो गए। इन घटनाओं ने एक बार फिर से सड़क सुरक्षा के नियमों और लापरवाह ड्राइविंग पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

हादसों का सिलसिला

यह मार्ग लगातार हादसों का गवाह बन रहा है। हाल ही में, श्रीकरणपुर के पास एक तेज रफ्तार कार और बस की आमने-सामने की टक्कर में तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, सूरतगढ़ के पास एक ट्रैक्टर-ट्रॉली और एक कार की टक्कर में भी दो लोगों की जान चली गई। दोनों ही मामलों में, अत्यधिक गति और लापरवाही को हादसों का मुख्य कारण माना जा रहा है।

हादसों के पीछे की वजह

पुलिस और यातायात विशेषज्ञों के अनुसार, इन हादसों के पीछे कई कारण हैं:

  • तेज रफ्तार: सड़क पर अत्यधिक गति से गाड़ी चलाना हादसों का सबसे बड़ा कारण है।
  • लापरवाही से ओवरटेकिंग: संकरे और भीड़भाड़ वाले मार्गों पर लापरवाही से ओवरटेक करना भी जानलेवा साबित हो रहा है।
  • यातायात नियमों की अनदेखी: कई वाहन चालक यातायात नियमों का पालन नहीं करते, जिससे दुर्घटना का खतरा बढ़ जाता है।
  • ट्रैक्टर-ट्रॉली पर रिफ्लेक्टर का अभाव: रात में बिना रिफ्लेक्टर वाली ट्रैक्टर-ट्रॉलियां सड़कों पर बड़ा खतरा बन जाती हैं।

बढ़ती चिंता और प्रशासन की चुप्पी

क्षेत्र में लगातार हो रहे सड़क हादसों से लोगों में गुस्सा और चिंता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन और पुलिस इस समस्या पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। लोगों ने मांग की है कि सड़कों पर निगरानी बढ़ाई जाए और तेज गति से गाड़ी चलाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए।

जिला प्रशासन ने इन घटनाओं पर संज्ञान लेते हुए सड़क सुरक्षा के नियमों का कड़ाई से पालन करने का आदेश दिया है। पुलिस ने भी इस मार्ग पर गश्त बढ़ाने और नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों के खिलाफ चालान काटने की कार्रवाई शुरू कर दी है। इसके बावजूद, जरूरत इस बात की है कि सड़क सुरक्षा को लेकर जन-जागरूकता अभियान चलाए जाएं, ताकि ऐसी दुखद घटनाओं को रोका जा सके।

 प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में भ्रष्टाचार, पटवारी रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार

श्रीगंगानगर: राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है। एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने एक पटवारी को किसानों से रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। यह घटना दर्शाती है कि कैसे सरकारी योजनाओं का लाभ जरूरतमंदों तक पहुंचने से पहले ही बिचौलिए और भ्रष्ट अधिकारी अपनी जेब भरने लगते हैं।

क्या है मामला?

जानकारी के अनुसार, सूरतगढ़ तहसील के एक गांव के कुछ किसानों ने एसीबी से शिकायत की थी। किसानों ने बताया कि फसल बीमा क्लेम पास करने के लिए पटवारी उनसे रिश्वत की मांग कर रहा था। किसानों की शिकायत पर एसीबी ने जाल बिछाया। तय योजना के अनुसार, किसान पटवारी को रिश्वत देने गए। जैसे ही पटवारी ने रिश्वत के पैसे लिए, एसीबी की टीम ने उसे मौके पर ही दबोच लिया। पटवारी के पास से रिश्वत की राशि भी बरामद की गई है।

किसानों का शोषण

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों को प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसल को हुए नुकसान की भरपाई करने के लिए शुरू की गई थी। लेकिन, इस तरह के भ्रष्ट अधिकारियों के कारण, किसानों को अपने हक का पैसा पाने के लिए भी रिश्वत देनी पड़ रही है। इस घटना से किसानों में भारी गुस्सा है। उनका कहना है कि सरकारी दफ्तरों में हर काम के लिए उन्हें परेशान किया जाता है और रिश्वत के बिना कोई काम नहीं होता।

प्रशासन की कार्रवाई

एसीबी की इस कार्रवाई से प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया है। एसीबी के अधिकारियों का कहना है कि वे इस मामले में और भी गहराई से जांच कर रहे हैं ताकि इस पूरे रैकेट का पर्दाफाश किया जा सके। यह भी पता लगाया जा रहा है कि क्या इस मामले में और भी अधिकारी शामिल हैं।

यह घटना एक बड़ा संकेत है कि जमीनी स्तर पर भ्रष्टाचार अभी भी एक बड़ी समस्या है, जिससे गरीबों और किसानों को सीधा नुकसान हो रहा है। प्रशासन को ऐसे मामलों में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनानी होगी और यह सुनिश्चित करना होगा कि सरकारी योजनाओं का लाभ बिना किसी बाधा और रिश्वत के सीधे लाभार्थियों तक पहुंचे।

 प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में भ्रष्टाचार, पटवारी रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार

श्रीगंगानगर: राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है। एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने एक पटवारी को किसानों से रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। यह घटना दर्शाती है कि कैसे सरकारी योजनाओं का लाभ जरूरतमंदों तक पहुंचने से पहले ही बिचौलिए और भ्रष्ट अधिकारी अपनी जेब भरने लगते हैं।

क्या है मामला?

जानकारी के अनुसार, सूरतगढ़ तहसील के एक गांव के कुछ किसानों ने एसीबी से शिकायत की थी। किसानों ने बताया कि फसल बीमा क्लेम पास करने के लिए पटवारी उनसे रिश्वत की मांग कर रहा था। किसानों की शिकायत पर एसीबी ने जाल बिछाया। तय योजना के अनुसार, किसान पटवारी को रिश्वत देने गए। जैसे ही पटवारी ने रिश्वत के पैसे लिए, एसीबी की टीम ने उसे मौके पर ही दबोच लिया। पटवारी के पास से रिश्वत की राशि भी बरामद की गई है।

किसानों का शोषण

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों को प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसल को हुए नुकसान की भरपाई करने के लिए शुरू की गई थी। लेकिन, इस तरह के भ्रष्ट अधिकारियों के कारण, किसानों को अपने हक का पैसा पाने के लिए भी रिश्वत देनी पड़ रही है। इस घटना से किसानों में भारी गुस्सा है। उनका कहना है कि सरकारी दफ्तरों में हर काम के लिए उन्हें परेशान किया जाता है और रिश्वत के बिना कोई काम नहीं होता।

प्रशासन की कार्रवाई

एसीबी की इस कार्रवाई से प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया है। एसीबी के अधिकारियों का कहना है कि वे इस मामले में और भी गहराई से जांच कर रहे हैं ताकि इस पूरे रैकेट का पर्दाफाश किया जा सके। यह भी पता लगाया जा रहा है कि क्या इस मामले में और भी अधिकारी शामिल हैं।

यह घटना एक बड़ा संकेत है कि जमीनी स्तर पर भ्रष्टाचार अभी भी एक बड़ी समस्या है, जिससे गरीबों और किसानों को सीधा नुकसान हो रहा है। प्रशासन को ऐसे मामलों में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनानी होगी और यह सुनिश्चित करना होगा कि सरकारी योजनाओं का लाभ बिना किसी बाधा और रिश्वत के सीधे लाभार्थियों तक पहुंचे।

 प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में भ्रष्टाचार, पटवारी रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार

श्रीगंगानगर: राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है। एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने एक पटवारी को किसानों से रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। यह घटना दर्शाती है कि कैसे सरकारी योजनाओं का लाभ जरूरतमंदों तक पहुंचने से पहले ही बिचौलिए और भ्रष्ट अधिकारी अपनी जेब भरने लगते हैं।

क्या है मामला?

जानकारी के अनुसार, सूरतगढ़ तहसील के एक गांव के कुछ किसानों ने एसीबी से शिकायत की थी। किसानों ने बताया कि फसल बीमा क्लेम पास करने के लिए पटवारी उनसे रिश्वत की मांग कर रहा था। किसानों की शिकायत पर एसीबी ने जाल बिछाया। तय योजना के अनुसार, किसान पटवारी को रिश्वत देने गए। जैसे ही पटवारी ने रिश्वत के पैसे लिए, एसीबी की टीम ने उसे मौके पर ही दबोच लिया। पटवारी के पास से रिश्वत की राशि भी बरामद की गई है।

किसानों का शोषण

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों को प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसल को हुए नुकसान की भरपाई करने के लिए शुरू की गई थी। लेकिन, इस तरह के भ्रष्ट अधिकारियों के कारण, किसानों को अपने हक का पैसा पाने के लिए भी रिश्वत देनी पड़ रही है। इस घटना से किसानों में भारी गुस्सा है। उनका कहना है कि सरकारी दफ्तरों में हर काम के लिए उन्हें परेशान किया जाता है और रिश्वत के बिना कोई काम नहीं होता।

प्रशासन की कार्रवाई

एसीबी की इस कार्रवाई से प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया है। एसीबी के अधिकारियों का कहना है कि वे इस मामले में और भी गहराई से जांच कर रहे हैं ताकि इस पूरे रैकेट का पर्दाफाश किया जा सके। यह भी पता लगाया जा रहा है कि क्या इस मामले में और भी अधिकारी शामिल हैं।

यह घटना एक बड़ा संकेत है कि जमीनी स्तर पर भ्रष्टाचार अभी भी एक बड़ी समस्या है, जिससे गरीबों और किसानों को सीधा नुकसान हो रहा है। प्रशासन को ऐसे मामलों में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनानी होगी और यह सुनिश्चित करना होगा कि सरकारी योजनाओं का लाभ बिना किसी बाधा और रिश्वत के सीधे लाभार्थियों तक पहुंचे।

श्रीगंगानगर में दोहरे प्रदर्शन, व्यापारी अतिक्रमण हटाने के खिलाफ और ग्रामीण स्कूलों को क्रमोन्नत करने की मांग पर अड़े

श्रीगंगानगर: राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में दो अलग-अलग मुद्दों पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। एक तरफ, नगर पालिका की अतिक्रमण हटाओ कार्रवाई के खिलाफ व्यापारी सड़कों पर उतर आए हैं, तो दूसरी तरफ, गांवों में स्कूलों को क्रमोन्नत करने की मांग भी जोर पकड़ रही है। इन दोहरे विरोध प्रदर्शनों ने जिला प्रशासन के लिए नई चुनौती खड़ी कर दी है।


 

श्रीगंगानगर में दोहरे प्रदर्शन, व्यापारी अतिक्रमण हटाने के खिलाफ और ग्रामीण स्कूलों को क्रमोन्नत करने की मांग पर अड़े

श्रीगंगानगर: राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में दो अलग-अलग मुद्दों पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। एक तरफ, नगर पालिका की अतिक्रमण हटाओ कार्रवाई के खिलाफ व्यापारी सड़कों पर उतर आए हैं, तो दूसरी तरफ, गांवों में स्कूलों को क्रमोन्नत करने की मांग भी जोर पकड़ रही है। इन दोहरे विरोध प्रदर्शनों ने जिला प्रशासन के लिए नई चुनौती खड़ी कर दी है।


 

व्यापारियों का आक्रोश: अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के खिलाफ प्रदर्शन

 

श्रीगंगानगर शहर में नगर पालिका द्वारा चलाए जा रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान ने व्यापारियों को नाराज कर दिया है। व्यापारियों का आरोप है कि नगर पालिका बिना किसी पूर्व सूचना के और भेदभावपूर्ण तरीके से कार्रवाई कर रही है। उनका कहना है कि यह कार्रवाई उनके रोजगार पर सीधा हमला है, खासकर छोटे व्यापारियों के लिए।

व्यापारियों ने एकजुट होकर नगर पालिका कार्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन किया। उन्होंने आरोप लगाया कि नगर पालिका शहर में केवल कुछ खास लोगों को ही निशाना बना रही है, जबकि अन्य जगहों पर हुए अतिक्रमण पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही। व्यापारियों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो वे अपने विरोध को और तेज करेंगे।


 

 

©️ श्री गंगानगर न्यूज़ ©️