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🚫 स्वास्थ्य पर खतरा: श्रीगंगानगर में नकली ORS और हेल्थ ड्रिंक का बड़ा भंडाफोड़

श्रीगंगानगर में खाद्य सुरक्षा विभाग (Food Safety Department) द्वारा की गई एक बड़ी छापेमारी में नकली ORS (ओरल रिहाइड्रेशन साल्ट) और विभिन्न हेल्थ ड्रिंक्स का एक बड़ा रैकेट पकड़ा गया है। यह कार्रवाई उन उपभोक्ताओं को गुमराह करने वाले तत्वों के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम है, जो अक्सर डिहाइड्रेशन या बीमारी के दौरान इन जीवनरक्षक उत्पादों पर भरोसा करते हैं।

 

🚨 593 पैकेट जब्त: सेहत से खिलवाड़

 

विभाग ने मौके से कुल 593 पैकेटों को जब्त किया है, जिनमें नकली ओआरएस और वायरल प्रोटेक्शन के नाम पर बेचे जा रहे पेय पदार्थों के साथ-साथ अन्य पाउडर उत्पाद भी शामिल थे। ये सभी उत्पाद संदिग्ध गुणवत्ता के पाए गए हैं और आशंका है कि इन्हें विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा निर्धारित मानकों का उल्लंघन करते हुए बनाया जा रहा था।

ओआरएस एक चिकित्सकीय घोल है, जिसमें नमक, चीनी और अन्य इलेक्ट्रोलाइट्स का अनुपात वैज्ञानिक रूप से निर्धारित होता है। यह दस्त या उल्टी जैसी स्थितियों में शरीर में पानी और महत्वपूर्ण इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी को पूरा करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, खासकर बच्चों के लिए यह जीवनरक्षक होता है।

 

⚠️ नकली ORS का खतरा

 

असली ORS के नाम पर नकली या कम गुणवत्ता वाले उत्पाद बेचने से उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा पैदा होता है:

  1. उपचार में विफलता: नकली ORS में इलेक्ट्रोलाइट्स का सही संतुलन नहीं होता, जिससे यह डिहाइड्रेशन का प्रभावी ढंग से इलाज नहीं कर पाता। इससे मरीज, विशेषकर बच्चों की हालत बिगड़ सकती है।
  2. चीनी की अत्यधिक मात्रा: कई नकली ड्रिंक्स में केवल चीनी (Sugar) की मात्रा बहुत अधिक होती है। WHO के मानकों से अधिक चीनी शरीर में इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन पैदा कर सकती है और डायबिटीज के मरीजों के लिए बेहद हानिकारक हो सकती है।
  3. अन्य स्वास्थ्य समस्याएं: इन नकली उत्पादों में इस्तेमाल किए गए सिंथेटिक रंग, स्वाद और सस्ते/अमानक तत्व पेट दर्द, अपच और एलर्जी जैसी स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकते हैं।

 

🕵️‍♂️ जांच का दायरा बढ़ा

 

खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों ने इस मामले में तुरंत जांच शुरू कर दी है। विभाग की टीम अब यह पता लगा रही है कि यह नकली माल कहाँ से आ रहा था, इसे किस तरह बनाया जा रहा था, और श्रीगंगानगर में किन-किन दुकानों और वितरण केंद्रों तक इसकी सप्लाई की गई थी। अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि इस रैकेट में शामिल सभी दोषियों पर खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें भारी जुर्माना और कारावास का प्रावधान है।

इस भंडाफोड़ ने एक बार फिर मिलावटखोरों की सक्रियता को उजागर किया है, जो मुनाफे के लिए लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने से नहीं हिचकते। प्रशासन ने आम जनता से अपील की है कि वे ORS खरीदते समय केवल WHO फॉर्मूला पर आधारित और प्रतिष्ठित ब्रांडों के उत्पादों का ही चयन करें।

©️ श्री गंगानगर न्यूज़ ©️