
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को श्रीगंगानगर जिला मुख्यालय पर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन मुख्य रूप से किसानों की लंबित समस्याओं और आम जनता को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण मुद्दों को तत्काल हल करने की मांग को लेकर किया गया। पार्टी कार्यकर्ताओं ने जिला कलेक्ट्रेट के सामने इकट्ठा होकर सरकार की नीतियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा।
🌾 किसानों से जुड़ी प्रमुख माँगें
माकपा के विरोध प्रदर्शन का मुख्य केंद्र कृषि क्षेत्र की गंभीर चुनौतियाँ थीं, जो श्रीगंगानगर जैसे कृषि प्रधान जिले की जीवनरेखा हैं। प्रदर्शनकारियों ने निम्नलिखित प्रमुख माँगें उठाईं:
- न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीद सुनिश्चित करना:
- माकपा ने मांग की कि मूंग और नरमा कपास सहित सभी प्रमुख फसलों की खरीद सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर सुनिश्चित की जाए। किसानों को अपनी उपज औने-पौने दामों पर बेचने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए।
- प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि सरकारी खरीद केंद्र निर्धारित समय पर सक्रिय नहीं होते, जिससे किसान बिचौलियों को कम दाम पर फसल बेचने को विवश होते हैं।
- नकली खाद और बीज पर सख्त कार्रवाई:
- किसानों ने नकली और घटिया किस्म के खाद एवं बीज बेचने वाले दोषी डीलरों और कंपनियों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई करने की मांग की। घटिया इनपुट के कारण किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है, जिससे उनकी लागत बढ़ रही है और उत्पादन घट रहा है।
- नहरों में पर्याप्त पानी और समान वितरण:
- श्रीगंगानगर क्षेत्र की सिंचाई मुख्य रूप से नहरों पर निर्भर है। माकपा कार्यकर्ताओं ने मांग की कि नहरों में पर्याप्त मात्रा में पानी छोड़ा जाए ताकि किसानों की सिंचाई की जरूरतें पूरी हो सकें।
- इसके साथ ही, उन्होंने पानी के समान और न्यायसंगत वितरण को सुनिश्चित करने की मांग की ताकि किसी भी क्षेत्र के किसानों को सिंचाई जल की कमी का सामना न करना पड़े।
💡 आम जनता से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे
किसानों की समस्याओं के अलावा, माकपा ने आम नागरिकों को प्रभावित करने वाले निम्नलिखित मुद्दों पर भी विरोध दर्ज कराया:
- स्मार्ट मीटर योजना और बिजली का निजीकरण:
- पार्टी ने स्मार्ट मीटर योजना को तुरंत बंद करने की मांग की। उनका तर्क है कि ये मीटर उपभोक्ताओं पर अनावश्यक वित्तीय बोझ डाल रहे हैं और रीडिंग तथा बिलिंग में पारदर्शिता की कमी है।
- इसके साथ ही, बिजली वितरण के निजीकरण की पहल को रोकने की भी मांग की गई, क्योंकि उनका मानना है कि निजीकरण से बिजली की दरें बढ़ेंगी और आम आदमी की पहुंच से बाहर हो जाएंगी।
- मेडिकल नशे पर अंकुश:
- जिले में बढ़ रहे मेडिकल नशे (दवाओं का दुरुपयोग) के गंभीर खतरे पर चिंता व्यक्त करते हुए, माकपा ने प्रशासन से इस पर तुरंत और कड़ा अंकुश लगाने की मांग की। उन्होंने अवैध रूप से नशीली दवाएं बेचने वालों के खिलाफ विशेष अभियान चलाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
- कानून व्यवस्था की बहाली:
- जिले में बढ़ती चोरी, लूटपाट और अन्य आपराधिक गतिविधियों को देखते हुए, प्रदर्शनकारियों ने कानून व्यवस्था को बहाल करने और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस प्रशासन से अधिक सक्रिय होने की मांग की।
माकपा कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों पर तत्काल ध्यान नहीं दिया गया और समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो वे अपने विरोध प्रदर्शन को और भी उग्र करेंगे।