
लुधियाना में हुई आतंकी मुठभेड़ में घायल हुए श्रीगंगानगर जिले के गाँव ताखरावाली निवासी संदिग्ध रामलाल के मामले में पुलिस की गहन जाँच में कई चौंकाने वाले और विरोधाभासी खुलासे हुए हैं। रामलाल के तार एक आतंकी मॉड्यूल से जुड़े होने के संदेह ने सुरक्षा एजेंसियों को हैरान कर दिया है, खासकर तब जब जाँच में सामने आया है कि उसका पुजारी के रूप में दोहरा जीवन था।
🕉️ पुजारी कनेक्शन: धर्म की आड़ में आतंकी गतिविधि?
पुलिस की शुरुआती जाँच में यह गंभीर तथ्य सामने आया है कि गोली लगने से घायल हुआ संदिग्ध रामलाल, अपने गृहनगर श्रीगंगानगर में स्थित एक मंदिर में बतौर पुजारी (Priest) काम करता था। यह खुलासा इस पूरे मामले को और भी अधिक जटिल और संवेदनशील बना देता है।
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धर्म और अपराध का घालमेल: रामलाल का पुजारी होना उन लोगों के दावों का समर्थन करता है जो उसे एक धार्मिक व्यक्ति मानते थे, जैसा कि उसके परिवार ने जोर देकर कहा था कि वह “माता की सेवा” करता था। हालाँकि, आतंकी मॉड्यूल से उसका कथित संबंध दर्शाता है कि उसने अपने धार्मिक पद का उपयोग अपनी वास्तविक गतिविधियों की आड़ के रूप में किया हो।
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जाँच का नया कोण: पुलिस अब इस कोण से भी जाँच कर रही है कि क्या वह अपने धार्मिक संपर्कों का उपयोग नेटवर्क बनाने, संदेश भेजने या फंडिंग जुटाने के लिए कर रहा था।
🤝 ट्रेनिंग और ग्रेनेड डिलीवरी की साज़िश
पुलिस हिरासत में रामलाल और उसके गिरफ्तार साथी दीपक से की गई पूछताछ में कई महत्वपूर्ण साज़िशें सामने आई हैं। पूछताछ से पता चला है कि इन दोनों ने पंजाब में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने की तैयारी की थी।
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चार दिन साथ: हैंड ग्रेनेड की डिलीवरी लेने से पहले रामलाल और दीपक ने लगातार चार दिन तक साथ समय बिताया था। इस अवधि का उपयोग उन्होंने संभवतः ऑपरेशन की योजना बनाने, लॉजिस्टिक्स तय करने और सीमा पार हैंडलर जसवीर उर्फ चौधरी से अंतिम निर्देश लेने में किया होगा।
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हथियारों का स्रोत: पुलिस अब इन ग्रेनेडों की डिलीवरी चेन और इनके स्रोत की जाँच कर रही है। यह माना जा रहा है कि ये हथियार सीमा पार पाकिस्तान से ड्रोन के माध्यम से गिराए गए थे।
❓ पुलिस के सामने सबसे बड़ा सवाल
जाँच एजेंसियों के सामने अब सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण सवाल यह है कि मंदिर का एक साधारण पुजारी, जो धार्मिक अनुष्ठानों से जुड़ा था, वह कैसे और क्यों एक खतरनाक आतंकी मॉड्यूल का हिस्सा बन गया?
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भटकने की वजह: पुलिस इस बात की जाँच कर रही है कि रामलाल को किसने कट्टरपंथी बनाया, उसे पैसे का लालच दिया गया या उसे किसी विचारधारा से प्रेरित किया गया।
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पारिवारिक दावे बनाम सबूत: रामलाल का परिवार अभी भी उसके निर्दोष होने और उसे फँसाए जाने का दावा कर रहा है। पुलिस को अब ठोस तकनीकी और फोरेंसिक सबूत जुटाने होंगे जो उसके परिवार के दावों का खंडन कर सकें और अदालत में उसका आतंकी कनेक्शन साबित कर सकें।
यह मामला धर्म, राष्ट्रीय सुरक्षा और सीमा पार आतंकवाद के जटिल गठजोड़ को उजागर करता है, जिसकी गहराई से जाँच आवश्यक है।