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📚 श्री गंगानगर: अर्ध वार्षिक परीक्षाओं की चुनौती, 40% कोर्स बाकी

श्री गंगानगर, राजस्थान। (दिनांक: 29 अक्टूबर 2025)

श्री गंगानगर जिले के सरकारी और निजी स्कूलों में अर्ध वार्षिक परीक्षाओं का कार्यक्रम जारी होने के साथ ही छात्र-छात्राओं और शिक्षकों के माथे पर चिंता की लकीरें उभर आई हैं। ये महत्वपूर्ण परीक्षाएँ 20 नवंबर से शुरू होने जा रही हैं, जिसका अर्थ है कि तैयारी के लिए अब केवल 21 दिन का समय बचा है। लेकिन, सबसे बड़ी चिंता यह है कि अधिकांश स्कूलों में विभिन्न कक्षाओं का 40 प्रतिशत तक पाठ्यक्रम (Syllabus) अभी भी अधूरा पड़ा है।

 

छात्रों और अभिभावकों में तनाव

 

अचानक आए परीक्षा कार्यक्रम से विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों में तनाव बढ़ गया है। छात्रों के लिए मात्र तीन सप्ताह में इतना बड़ा हिस्सा कवर करना एक बहुत बड़ी चुनौती है।

  • दोहरी चुनौती: एक तरफ छात्रों को बचे हुए कोर्स को जल्दबाजी में खत्म करना है, वहीं दूसरी ओर उन्हें पहले पढ़ाए गए विषयों की प्रभावी तरीके से पुनरावृत्ति (Revision) भी करनी है।
  • गुणवत्ता पर असर: शिक्षकों का कहना है कि कम समय में इतना अधिक पाठ्यक्रम पूरा करने की हड़बड़ी में पठन-पाठन की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। उन्हें मजबूरन महत्वपूर्ण विषयों को भी सरसरी निगाह से निपटाना पड़ रहा है, जिससे छात्रों की बुनियादी समझ कमजोर हो सकती है।

 

शिक्षकों ने बताई कोर्स अधूरा रहने की वजह

 

शिक्षकों और स्कूल प्रबंधन ने कोर्स अधूरा रहने के पीछे कई वजहें गिनाई हैं:

  1. शैक्षणिक सत्र में देरी: पिछले कुछ महीनों में विभिन्न कारणों से शैक्षणिक सत्र में आई रुकावटें, जैसे कि अवकाश, सरकारी योजनाओं के तहत शिक्षकों की ड्यूटी, और अन्य प्रशासनिक कार्य।
  2. शिक्षकों की कमी: कई स्कूलों में विषयों के अनुसार शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं, जिसके कारण एक ही शिक्षक को अतिरिक्त कक्षाएं लेनी पड़ रही हैं, जिससे कोर्स समय पर पूरा नहीं हो पा रहा है।

 

शिक्षा विभाग से जरूरी हस्तक्षेप की मांग

 

छात्र संगठनों और अभिभावकों ने शिक्षा विभाग से इस गंभीर समस्या पर तत्काल ध्यान देने की मांग की है। उनकी प्रमुख माँगे निम्नलिखित हैं:

  • परीक्षाओं को आगे बढ़ाना: छात्रों को तैयारी के लिए पर्याप्त समय देने हेतु अर्ध वार्षिक परीक्षाओं की तारीखों को कम से कम दो सप्ताह तक आगे बढ़ाया जाए।
  • अतिरिक्त कक्षाएं (Extra Classes): स्कूलों को तुरंत विशेष अनुमति दी जाए ताकि वे छुट्टियों या सामान्य समय के बाद अतिरिक्त कक्षाएं लगाकर जल्द से जल्द पाठ्यक्रम को पूरा कर सकें।
  • सिलेबस में कटौती: कुछ विशेषज्ञ यह भी सुझाव दे रहे हैं कि यदि परीक्षा की तारीखें बदलना संभव न हो, तो केवल इस वर्ष के लिए कुछ गैर-जरूरी हिस्सों को हटाकर पाठ्यक्रम को कम किया जाए।

श्री गंगानगर के शिक्षा विभाग को जल्द ही इस मामले में कोई ठोस निर्णय लेना होगा, ताकि छात्रों के भविष्य और उनकी पढ़ाई की गुणवत्ता पर कोई नकारात्मक असर न पड़े। यह देखना होगा कि विभाग छात्रों को तनावमुक्त होकर परीक्षा देने के लिए क्या कदम उठाता है।

©️ श्री गंगानगर न्यूज़ ©️