
श्री गंगानगर, राजस्थान। (दिनांक: 29 अक्टूबर 2025)
श्री गंगानगर पुलिस ने साइबर ठगी के खिलाफ चलाए जा रहे अपने विशेष अभियान ‘ऑपरेशन फ्रीज’ के तहत एक बड़ी और ऐतिहासिक कार्रवाई को अंजाम दिया है। यह कार्रवाई करीब 2000 करोड़ रुपये से अधिक के एक बड़े साइबर फ्रॉड मामले से जुड़ी है, जिसका जाल देश के कई राज्यों तक फैला हुआ था।
2000 करोड़ के फ्रॉड का मामला
यह पूरा मामला एक विशाल ‘ट्रेडिंग स्कैम’ से संबंधित है, जिसमें आरोपियों ने निवेशकों को अच्छे रिटर्न का लालच देकर हजारों लोगों को अपनी ठगी का शिकार बनाया। यह ठगी इतनी बड़ी थी कि अकेले कर्नाटक से ही कई शिकायतें दर्ज हुईं। जांच में सामने आया कि ठगी के मास्टरमाइंड ने इस अवैध रूप से अर्जित संपत्ति को देश के विभिन्न हिस्सों में, विशेषकर राजस्थान में, निवेश किया था।
पुलिस के मुताबिक, ठगी के मुख्य आरोपी अजय आर्य, उसके पिता और अन्य सहयोगी इस गैंग को संचालित कर रहे थे। हालांकि इनमें से कुछ आरोपी अभी भी फरार हैं, जिनके दुबई में छिपे होने की आशंका है।
करोड़ों की संपत्ति फ्रीज
श्री गंगानगर के सदर थाना पुलिस ने न्यायिक मजिस्ट्रेट सिद्धार्थ गोदारा के आदेश पर, अपराधियों की संपत्ति को कुर्क करने की प्रक्रिया पूरी की। यह कार्रवाई नए आपराधिक कानूनों के तहत की गई है, जो अपराधियों की अवैध संपत्ति को जब्त करने की अनुमति देते हैं। बीकानेर संभाग में इस तरह की यह संभवतः पहली बड़ी कार्रवाई है।
कुर्क (फ्रीज) की गई संपत्तियों का विवरण:
- जयपुर में दो कोठियाँ (बंगले): ठगी के पैसों से आरोपियों ने जयपुर में शानदार कोठियाँ खरीदी थीं, जिनकी कीमत करोड़ों रुपये में आंकी गई है।
- श्री गंगानगर में दो भूखंड (प्लॉट): श्री गंगानगर में चक 7 ई छोटी स्थित मानवी एन्क्लेव, नाथांवाला-सूरतगढ़ बायपास रोड पर दो व्यावसायिक भूखंडों (प्रत्येक 20 गुणा 80 फीट) को भी कुर्क किया गया है।
पुलिस ने बताया कि ये संपत्तियाँ मुख्य आरोपी दीपक आर्य, उसके पिता मलकीत सिंह और उसकी माँ रेणु बाला के नाम पर दर्ज थीं।
‘ऑपरेशन फ्रीज’ का महत्व
पुलिस अधीक्षक (SP) डॉ. अमृता दोहन ने इस कार्रवाई को ‘ऑपरेशन फ्रीज’ का हिस्सा बताया। इस ऑपरेशन का उद्देश्य साइबर अपराधियों और हिस्ट्रीशीटरों द्वारा अवैध तरीके से बनाई गई संपत्ति को जब्त करके उनकी कमर तोड़ना है। इस कार्रवाई से यह कड़ा संदेश गया है कि अपराधी चाहे कितने भी बड़े हों और ठगी की रकम कितनी भी अधिक हो, कानून उन्हें बख्शेगा नहीं और उनकी संपत्ति को जब्त कर लिया जाएगा।
इस कार्रवाई के बाद, पुलिस अब अन्य राज्यों में भी इन आरोपियों की बेनामी संपत्ति की तलाश कर रही है ताकि ठगी के शिकार हुए लोगों को न्याय मिल सके और अवैध रूप से अर्जित धन को सरकारी कोष में जमा कराया जा सके।