🢀
❄️ श्रीगंगानगर में शीत लहर का कहर: फसलें प्रभावित, जनजीवन पर असर

श्रीगंगानगर और उसके आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों में 25 नवंबर 2025 को शीत लहर और कड़ाके की ठंड का प्रकोप जारी रहा, जिसने स्थानीय जनजीवन और कृषि गतिविधियों को प्रभावित किया है। न्यूनतम तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है, जो इस वर्ष की सर्दी की शुरुआत को असामान्य रूप से ठंडा बना रही है।


तापमान में गिरावट और मौसम की स्थिति

 

आज सुबह जिले का न्यूनतम तापमान 9.9°C दर्ज किया गया। यह गिरावट पिछले कुछ दिनों से लगातार बनी हुई है, जिसके कारण स्थानीय निवासियों को भीषण सर्दी का सामना करना पड़ रहा है।

  • कोहरा और धुंध: सुबह के समय घना कोहरा और धुंध छाया रहा।

    • विजिबिलिटी पर असर: कोहरे के कारण सड़कों पर विजिबिलिटी (दृश्यता) बहुत कम रही। अनुमानित रूप से विजिबिलिटी 50 से 100 मीटर के बीच रही, जिससे वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

    • यातायात में धीमी गति: कम दृश्यता के चलते हाइवे और ग्रामीण सड़कों पर वाहनों की रफ्तार धीमी हो गई। प्रशासन ने लोगों से कोहरे के दौरान अनावश्यक यात्रा से बचने और फॉग लाइट्स का उपयोग करने की अपील की है।


🌾 फसलों पर बर्फ का जमना: किसानों की बढ़ी चिंता

 

इस कड़ाके की ठंड का सबसे गंभीर असर जिले की फसलों पर पड़ा है। ग्रामीण क्षेत्रों में पाला पड़ने की खबरें सामने आई हैं।

  • ज्वार की फसल: कई गांवों में ज्वार (Sorghum) की फसलों पर बर्फ की परत जम गई है। पाले के कारण फसल की कोशिका संरचना (Cell Structure) को नुकसान पहुँचता है, जिससे पत्तियाँ झुलस जाती हैं और पौधे की वृद्धि रुक जाती है। ज्वार जैसी फसलें जो नमी के प्रति संवेदनशील होती हैं, उन पर पाले का अधिक नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

  • अन्य रबी फसलें: हालांकि, गेहूं और सरसों जैसी प्रमुख रबी की फसलें आमतौर पर इस स्तर की ठंड सहने में सक्षम होती हैं, लेकिन यदि यह तापमान और नीचे जाता है और पाला लंबे समय तक बना रहता है, तो इन पर भी पाले (Frost) का खतरा बढ़ जाएगा।

  • किसानों के उपाय: किसान इस समय अपनी फसलों को पाले से बचाने के लिए विभिन्न उपाय कर रहे हैं, जिनमें खेतों की हल्की सिंचाई करना (जिससे खेत के आस-पास का तापमान बढ़ जाता है) और धुआँ करना शामिल है।


🌡️ मौसम विभाग का पूर्वानुमान और जनजीवन पर प्रभाव

 

स्थानीय मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में सर्दी का मिजाज और सख्त होने की संभावना जताई है।

  • तापमान का रुझान: पूर्वानुमान के अनुसार, दिसंबर के पहले सप्ताह तक न्यूनतम तापमान 8°C या उससे भी नीचे जा सकता है।

  • शीतलहर: तापमान में यह गिरावट शीतलहर की स्थिति को और मजबूत करेगी।

  • स्वास्थ्य: अत्यधिक ठंड के कारण लोगों को श्वसन संबंधी बीमारियों और जोड़ों के दर्द जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय चिकित्सालयों में सर्दी से संबंधित मरीजों की संख्या में वृद्धि दर्ज की गई है।

  • रोजमर्रा के कार्य: सुबह और शाम के समय लोग अपने घरों में हीटर और अलाव का सहारा ले रहे हैं। बाजारों और सार्वजनिक स्थानों पर लोगों की आवाजाही कम हो गई है।

श्रीगंगानगर में जारी यह ठंड न केवल लोगों के दैनिक जीवन को प्रभावित कर रही है, बल्कि कृषि क्षेत्र के लिए एक गंभीर चुनौती भी पेश कर रही है, जिसके लिए प्रशासन और किसानों दोनों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।

©️ श्री गंगानगर न्यूज़ ©️