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सीमा पर हेरोइन तस्करी रैकेट का भंडाफोड़: भारत-पाक सीमा पर बीएसएफ का बड़ा प्रहार

श्री गंगानगर (राजस्थान)। राजस्थान के उत्तरी सिरे पर स्थित श्री गंगानगर, जिसे ‘राजस्थान का अन्न का कटोरा’ भी कहा जाता है, अपनी कृषि समृद्धि के साथ-साथ भारत-पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय सीमा से सटे होने के कारण मादक पदार्थों की तस्करी के लिए भी एक संवेदनशील क्षेत्र रहा है। हाल ही में, सीमा सुरक्षा बल (BSF) और स्थानीय पुलिस ने मिलकर एक बड़े हेरोइन तस्करी रैकेट का भंडाफोड़ किया है, जिसने सीमा पार से होने वाले नशे के कारोबार की कमर तोड़ दी है। यह कार्रवाई न केवल सुरक्षा एजेंसियों की मुस्तैदी को दर्शाती है, बल्कि ‘ऑपरेशन सीमा संकल्प’ जैसे अभियानों को भी मजबूती प्रदान करती है।

 

तस्करी का आधुनिक तरीका: ‘ड्रोन’ की चुनौती

 

पिछले कुछ वर्षों में, पाकिस्तानी तस्करों ने हेरोइन की तस्करी के लिए एक नया और आधुनिक तरीका अपना लिया है—ड्रोन का उपयोग। रात के अंधेरे में, ये तस्कर सीमा पार से ड्रोन के जरिए हेरोइन के पैकेट भारतीय सीमा में, विशेषकर श्री गंगानगर के सीमावर्ती गांवों के खेतों में, गिराते हैं। इसके बाद, स्थानीय “स्लीपर सेल” और उनके भारतीय सहयोगी इन पैकेट्स को उठाकर पंजाब और राजस्थान सहित देश के अन्य हिस्सों में सप्लाई करते हैं। इस क्षेत्र में आए दिन 10 करोड़ से लेकर 35 करोड़ रुपये तक की हेरोइन बरामद होने की खबरें आती रहती हैं, जिससे पता चलता है कि यह नेटवर्क कितना बड़ा और संगठित है।

 

सुरक्षा एजेंसियों की संयुक्त कार्रवाई

 

इस नवीनतम भंडाफोड़ में, BSF और पुलिस ने खुफिया जानकारी (इंटेलिजेंस इनपुट) के आधार पर काम किया। यह सूचना मिली थी कि पाकिस्तानी ड्रोन ने हाल ही में भारतीय क्षेत्र में हेरोइन की खेप गिराई है, जिसे कोई तस्कर उठाने की फिराक में है। सूचना पुख्ता होने पर, सुरक्षा एजेंसियों ने तुरंत रावला और श्रीकरणपुर जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों में गहन सर्च ऑपरेशन शुरू किया।

ग्रामीणों का सहयोग: कई मामलों में, इस तस्करी के भंडाफोड़ में स्थानीय किसानों और ग्रामीणों की सतर्कता ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अक्सर, खेत में काम करते समय किसान संदिग्ध पैकेट या ड्रोन देखते हैं, जिसकी तुरंत सूचना वे BSF या पुलिस को देते हैं।

 

रैकेट का खुलासा और तस्करों की गिरफ्तारी

 

हाल की कार्रवाईयों में, सुरक्षा बलों ने न केवल लाखों/करोड़ों रुपये की हेरोइन जब्त की है, बल्कि पंजाब और राजस्थान के कई तस्करों को भी गिरफ्तार किया है। ये तस्कर अक्सर सीमावर्ती गांवों के घरों में शरण लेते थे और डिलीवरी लेने के लिए सक्रिय रहते थे। गिरफ्तार किए गए लोगों में वे “स्लीपर सेल” भी शामिल हैं, जो इस पूरे अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क की एक महत्वपूर्ण कड़ी हैं। कई गिरफ्तारियां ऐसे समय में हुई हैं, जब तस्कर हेरोइन की डिलीवरी ले चुके थे और उसे आगे खपाने की तैयारी में थे।

 

नशे के खिलाफ ‘बुलडोजर एक्शन’

 

इस तस्करी को रोकने के लिए, पुलिस प्रशासन ने अब मादक पदार्थों के तस्करों के खिलाफ “ऑपरेशन सीमा संकल्प” के तहत सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। इसके तहत, पुलिस ने अवैध मादक पदार्थों की तस्करी से अर्जित की गई करोड़ों रुपये की संपत्ति (मकान, कृषि भूमि) को फ्रीज/सीज करना और सरकारी जमीन पर किए गए अवैध अतिक्रमण को बुलडोजर से ध्वस्त करना शुरू कर दिया है। इस तरह का सख्त एक्शन तस्करों के बीच खौफ पैदा कर रहा है और उन्हें यह संदेश दे रहा है कि तस्करी से अर्जित काली कमाई और संपत्ति दोनों ही सुरक्षित नहीं रहेंगी।

श्री गंगानगर में हेरोइन तस्करी रैकेट का भंडाफोड़ भारत-पाक सीमा पर चल रहे इस गंभीर खतरे को नियंत्रित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण सफलता है, लेकिन यह एक निरंतर चुनौती है जिसके लिए BSF, पुलिस और आम जनता के बीच स्थायी समन्वय और सतर्कता की आवश्यकता है।

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