
श्री गंगानगर, राजस्थान। राजस्थान सरकार के एक मंत्री, डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने श्री गंगानगर जिले में बीज और खाद बनाने वाले कई गोदामों पर ताबड़तोड़ छापेमारी कर एक बड़े नकली बीज और खाद के गोरखधंधे का पर्दाफाश किया है। इस औचक कार्रवाई से कृषि विभाग और बीज कारोबारियों में हड़कंप मच गया। मंत्री के अनुसार, यह रैकेट सीधे-सादे किसानों को धोखा देकर घटिया माल ऊंचे दामों पर बेच रहा था, जिससे उनकी फसलें बर्बाद हो रही थीं।
केमिकल से चमकाए जा रहे थे बीज
डॉ. मीणा ने छापे के दौरान मौके पर मौजूद पत्रकारों को बताया कि प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि गोदामों में डुप्लीकेट और निम्न गुणवत्ता वाले बीज तथा खाद तैयार किए जा रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि बीज की गुणवत्ता सुधारने के बजाय, उसे आकर्षक बनाने के लिए खतरनाक केमिकलों का इस्तेमाल किया जा रहा था।
मंत्री ने कहा, “यह किसानों के साथ बहुत बड़ा धोखा है। ये लोग साधारण और घटिया गुणवत्ता के बीज को केमिकल से चमकाते हैं ताकि वह आकर्षक दिखे। किसान इसे चमकीला और बेहतर गुणवत्ता वाला समझकर महंगे दाम पर खरीद लेता है और अपनी खेत में डाल देता है। लेकिन जब फसल नहीं उगती या खराब निकलती है, तब किसान को पता चलता है कि उसे ठगा गया है। इससे किसान की मेहनत, पैसा और फसल सब बर्बाद हो जाता है।”
किसानों के भरोसे पर चोट
डॉ. मीणा ने स्पष्ट किया कि यह केवल आर्थिक धोखाधड़ी नहीं, बल्कि किसानों के भरोसे पर चोट है। श्री गंगानगर जिले को ‘अन्न का कटोरा’ कहा जाता है, जहाँ खेती मुख्य व्यवसाय है। ऐसे में नकली बीज और खाद का कारोबार क्षेत्र की अर्थव्यवस्था और अन्न उत्पादन के लिए एक गंभीर खतरा है।
छापेमारी के दौरान गोदामों से भारी मात्रा में संदिग्ध बीज, खाद और केमिकल जब्त किए गए हैं। मंत्री ने कृषि विभाग और पुलिस अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि जब्त माल की गहन जांच की जाए और इसके पीछे के पूरे नेटवर्क का पता लगाया जाए। उन्होंने कहा कि इस गोरखधंधे में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह कितना भी रसूखदार क्यों न हो।
आगे की कार्रवाई और किसानों से अपील
इस मामले में पुलिस ने गोदाम संचालकों और संबंधित फर्मों के खिलाफ धोखाधड़ी और मिलावट के तहत मामले दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पुलिस टीमें अब इस रैकेट के राज्यव्यापी कनेक्शन और आपूर्ति श्रृंखला की जांच कर रही हैं।
डॉ. मीणा ने राज्य के किसानों से अपील की है कि वे बीज और खाद खरीदते समय पक्की रसीद जरूर लें और केवल विश्वसनीय तथा लाइसेंस प्राप्त डीलरों से ही खरीदारी करें। उन्होंने किसानों को सलाह दी है कि यदि उन्हें किसी भी बीज या खाद की गुणवत्ता पर संदेह होता है, तो वे तुरंत कृषि विभाग या मंत्री के कार्यालय में शिकायत करें।
यह कार्रवाई राजस्थान सरकार की किसानों के हितों की रक्षा और कृषि क्षेत्र में भ्रष्टाचार एवं धोखाधड़ी को समाप्त करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। उम्मीद है कि इस खुलासे के बाद अन्य जिलों में भी नकली कृषि उत्पादों के खिलाफ ऐसी ही कड़ी कार्रवाई की जाएगी।