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श्री गंगानगर पुलिस का ऐतिहासिक कदम: साइबर ठगों की संपत्ति पर ‘नए कानून’ से पहला प्रहार

श्री गंगानगर। राजस्थान पुलिस ने संगठित अपराध, विशेषकर बढ़ते साइबर ठगी के मामलों पर लगाम कसने के लिए एक ऐतिहासिक और निर्णायक कदम उठाया है। श्री गंगानगर पुलिस ने राज्य में पहली बार साइबर ठगों की अवैध रूप से अर्जित संपत्ति के खिलाफ नवीनतम आपराधिक कानून (BNNS) की धारा 107 के तहत बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। यह धारा मुख्य रूप से संगठित अपराधों और गैरकानूनी तरीकों से बनाई गई संपत्ति को जब्त करने के उद्देश्य से लागू की गई है, जो अब साइबर अपराधों की आर्थिक कमर तोड़ने का हथियार बन गई है।

 

आर्थिक जड़ों पर सीधा वार

 

साइबर ठगी की वारदातों में तेजी से हो रही बढ़ोतरी ने कानून प्रवर्तन एजेंसियों के सामने नई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। अब तक पुलिस की कार्रवाई अधिकांशतः अपराधियों की गिरफ्तारी तक सीमित रहती थी, लेकिन अब श्री गंगानगर पुलिस ने अपनी रणनीति में महत्वपूर्ण बदलाव किया है। इस नई पहल के तहत, पुलिस अब अपराधियों की गिरफ्तारी के साथ-साथ उनकी अवैध संपत्ति को जब्त करने पर भी जोर दे रही है। यह कार्रवाई साइबर अपराधियों को एक सख्त और स्पष्ट संदेश देती है कि कानून की नई और मजबूत धाराओं के तहत, न केवल उन्हें जेल जाना होगा, बल्कि उनकी आर्थिक नींव को भी ध्वस्त कर दिया जाएगा।

पुलिस अधिकारियों का मानना है कि साइबर ठगी जैसे अपराधों की जड़ें अक्सर बड़े पैमाने पर आर्थिक लाभ से जुड़ी होती हैं। जब तक अपराधियों की अवैध संपत्ति को जब्त नहीं किया जाता, तब तक वे जेल से बाहर आने के बाद भी अपने आपराधिक नेटवर्क को फिर से सक्रिय कर सकते हैं। BNNS की धारा 107 का उपयोग करके श्री गंगानगर पुलिस ने राज्य में एक मिसाल कायम की है, जिससे अन्य जिलों की पुलिस को भी इस दिशा में कार्रवाई करने की प्रेरणा मिलेगी।

 

आमजन को ‘नए आपराधिक कानूनों’ से अवगत कराना

 

कार्रवाई के साथ-साथ, श्री गंगानगर पुलिस आमजन में जागरूकता फैलाने पर भी विशेष ध्यान दे रही है। पुलिस ने नवीन आपराधिक कानूनों (NCLs) के प्रावधानों से लोगों को परिचित कराने के लिए एक व्यापक अभियान शुरू किया है। इसके तहत, पुलिस अधिकारी विभिन्न सार्वजनिक स्थानों, बाजारों और चौराहों पर ‘पब्लिक वार्ता’ (Public Talk) आयोजित कर रहे हैं।

इन वार्ताओं का मुख्य उद्देश्य व्यापारियों, छात्रों और आम नागरिकों को नए कानूनी प्रावधानों, विशेष रूप से साइबर अपराधों और ऑनलाइन धोखाधड़ी से संबंधित धाराओं की विस्तृत जानकारी देना है। पुलिस का मानना है कि नागरिक तभी पुलिस का प्रभावी ढंग से सहयोग कर पाएंगे, जब वे नए कानूनों और अपराधों के स्वरूप से भली-भांति परिचित होंगे। जागरूकता अभियान का लक्ष्य लोगों को सतर्क करना और उन्हें साइबर ठगों के नए-नए तरीकों से सुरक्षित रहने के उपाय बताना है।

श्री गंगानगर पुलिस की यह दोहरी रणनीति – एक तरफ संपत्ति जब्त करके अपराधियों पर सख्त कार्रवाई और दूसरी तरफ जन जागरूकता बढ़ाकर अपराधों की रोकथाम – आधुनिक अपराध से निपटने में एक सकारात्मक और प्रभावी मॉडल के रूप में उभरी है।

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