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श्रीगंगानगर में सनसनी: गैंगस्टर रोहित गोदारा के नाम पर न्यूरोसर्जन से 5 करोड़ की फिरौती

राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में अपराध जगत से जुड़ी एक बेहद चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसने पूरे शहर में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। शहर के एक प्रतिष्ठित न्यूरोसर्जन को कुख्यात गैंगस्टर रोहित गोदारा के नाम पर जान से मारने की धमकी देते हुए उनसे 5 करोड़ रुपये की भारी-भरकम फिरौती मांगी गई है। इस सनसनीखेज मामले के सामने आते ही श्रीगंगानगर पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया और मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, शहर के जाने-माने न्यूरोसर्जन को कुछ दिन पहले एक अज्ञात नंबर से व्हाट्सएप कॉल आया। कॉल करने वाले बदमाश ने खुद को गैंगस्टर रोहित गोदारा गैंग का सदस्य बताते हुए डॉक्टर को धमकाया। बदमाश ने साफ शब्दों में डॉक्टर को निर्देश दिया कि अगर वह अपनी और अपने परिवार की सलामती चाहते हैं, तो उन्हें तुरंत 5 करोड़ रुपये की रकम देनी होगी। पैसे न देने की सूरत में गंभीर परिणाम भुगतने और जान से मारने की खुली धमकी दी गई।

डॉक्टर ने इस धमकी को हल्के में न लेते हुए तत्काल पुलिस अधीक्षक (SP) कार्यालय से संपर्क किया और पूरे मामले की जानकारी दी। श्रीगंगानगर पुलिस ने मामले की संवेदनशीलता को समझते हुए इसे सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखा। यह मामला इसलिए भी गंभीर है क्योंकि गैंगस्टर रोहित गोदारा का नाम लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़ा हुआ है, जिसकी दहशत राजस्थान और आस-पास के राज्यों में फैली हुई है।

पुलिस ने डॉक्टर की शिकायत पर तुरंत प्रभाव से फिरौती और जान से मारने की धमकी देने की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। डॉक्टर और उनके परिवार की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए, पुलिस ने तत्काल प्रभाव से उन्हें सुरक्षा गार्ड मुहैया कराया है। अब एक विशेष टीम का गठन किया गया है, जिसने कॉल करने वाले बदमाश और उस गिरोह की पहचान व लोकेशन ट्रेस करने का काम शुरू कर दिया है। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि फिरौती के पीछे सीधे तौर पर गैंगस्टर रोहित गोदारा का हाथ है या उसके नाम का इस्तेमाल कर कोई स्थानीय गिरोह या बदमाश डॉक्टर को निशाना बना रहा है।

इस घटना ने श्रीगंगानगर के चिकित्सा जगत और आम नागरिकों में भय पैदा कर दिया है। शहर के डॉक्टर और व्यवसायी वर्ग खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं और पुलिस से मांग की है कि ऐसे आपराधिक तत्वों पर सख्ती से लगाम लगाई जाए। पुलिस का कहना है कि वे तकनीकी निगरानी (सर्विलांस) और मुखबिरों के नेटवर्क का इस्तेमाल कर जल्द ही आरोपियों को पकड़ लेंगे और उन्हें कानून के दायरे में लाएंगे। फिलहाल, पुलिस की टीमें लगातार डॉक्टर के संपर्क में हैं और मामले की तह तक जाने के लिए हर पहलू की जांच कर रही हैं। यह घटना एक बार फिर राज्य में संगठित अपराध की बढ़ती चुनौती को उजागर करती है।

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