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भारत-पाक सीमा पर हाई अलर्ट: श्रीगंगानगर में 7 फीट लंबा संदिग्ध ड्रोन बरामद

राजस्थान के सीमांत जिले श्रीगंगानगर में भारत-पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय सीमा के पास एक विशाल और संदिग्ध ड्रोन मिलने से सुरक्षा एजेंसियां तुरंत हाई अलर्ट पर आ गईं। यह घटना क्षेत्र में एक बार फिर सीमा पार से होने वाली नापाक हरकतों की ओर इशारा करती है, जिसके बाद पुलिस और सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने संयुक्त रूप से गहन जांच शुरू कर दी है।

ड्रोन की बरामदगी और उसका स्वरूप

जानकारी के अनुसार, श्रीगंगानगर जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में एक खेत में ग्रामीणों ने करीब 7 फीट लंबा एक संदिग्ध ड्रोन देखा। ग्रामीणों ने तत्काल इसकी सूचना स्थानीय पुलिस और बीएसएफ को दी। मौके पर पहुंची सुरक्षा टीमों ने ड्रोन को अपने कब्जे में ले लिया।

जांच में पता चला है कि यह ड्रोन काफी बड़ा था और संभवतः इसे किसी महत्वपूर्ण निगरानी या तस्करी के इरादे से भेजा गया था। सबसे महत्वपूर्ण बात यह थी कि ड्रोन का कैमरा मॉड्यूल टूटा हुआ या अलग था, जिससे यह संकेत मिलता है कि या तो यह क्रैश हुआ है, या इसे जानबूझकर उस स्थिति में छोड़ा गया है ताकि इसके अंदर की जानकारी तक पहुंचा न जा सके। सुरक्षा एजेंसियां अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि यह ड्रोन किस देश का है, किस उद्देश्य से भेजा गया था, और इसके पीछे किन तत्वों का हाथ है।

सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप और हाई अलर्ट

चूंकि श्रीगंगानगर का यह इलाका पाकिस्तान की सीमा से सटा हुआ है, इसलिए इस तरह के संदिग्ध उपकरण का मिलना चिंता का विषय है। सुरक्षा एजेंसियां इस बात की आशंका जता रही हैं कि ड्रोन का इस्तेमाल जासूसी, हथियार या मादक पदार्थों (जैसे हेरोइन) की तस्करी के लिए किया जा सकता था। पिछले कुछ समय में पंजाब और राजस्थान की अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर ड्रोन के माध्यम से हथियार और ड्रग्स गिराने की कई घटनाएं सामने आई हैं, जिसके मद्देनजर इस बरामदगी को अत्यंत गंभीरता से लिया जा रहा है।

ड्रोन मिलने के तुरंत बाद, श्रीगंगानगर जिले के पूरे सीमावर्ती क्षेत्र में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। बीएसएफ ने सीमा पर अपनी गश्त बढ़ा दी है और निगरानी चौकियों को अतिरिक्त सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है। पुलिस भी आस-पास के गांवों में लोगों से पूछताछ कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि उन्होंने ड्रोन को कब और किस दिशा से आते देखा था।

जांच का दायरा

पुलिस और बीएसएफ ने संयुक्त रूप से ड्रोन के टुकड़ों को फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है। जांच दल अब निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं:

  1. ड्रोन का निर्माण और तकनीक: यह किस देश में बना है और इसमें किस तरह की तकनीक का इस्तेमाल किया गया है।
  2. उड़ान का मार्ग: यह किस जगह से उड़ाया गया था और इसका लक्ष्य क्या था।
  3. टूटने का कारण: क्या यह तकनीकी खराबी के कारण क्रैश हुआ या इसे भारतीय सुरक्षा बलों से बचने के लिए गिराया गया।
  4. पिछले लिंक: क्या इस ड्रोन का संबंध हाल ही में पकड़े गए किसी तस्करी रैकेट या आतंकवादी गतिविधि से है।

इस घटना ने एक बार फिर सीमा सुरक्षा को लेकर चुनौती बढ़ा दी है और यह साबित कर दिया है कि दुश्मन ताकतें लगातार नई तकनीक का इस्तेमाल कर सीमा पार से अपनी नापाक गतिविधियां चलाने की कोशिश कर रही हैं। सुरक्षा एजेंसियां जल्द ही जांच के नतीजे सार्वजनिक करने की उम्मीद है। (शब्द संख्या: 483)

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