🢀
किन्नू की बंपर पैदावार: श्री गंगानगर के किसानों में हर्ष और समृद्धि की आस 🍊

श्री गंगानगर (राजस्थान)। अपनी उपजाऊ भूमि और नहरों के नेटवर्क के कारण ‘राजस्थान का अन्न का कटोरा’ के रूप में विख्यात श्री गंगानगर जिला, इस बार अपनी पारंपरिक रबी और खरीफ फसलों के अलावा, किन्नू की बंपर पैदावार के कारण सुर्खियों में है। किन्नू, जो कि संतरे की एक संकर (hybrid) किस्म है, ने इस बार किसानों के चेहरों पर खुशी ला दी है और जिले की कृषि समृद्धि को एक नया आयाम दिया है।

 

किन्नू: श्री गंगानगर की नई पहचान

 

ऐतिहासिक रूप से, श्री गंगानगर गेहूं, सरसों, और कपास जैसी फसलों के लिए जाना जाता है। हालांकि, पिछले कुछ दशकों में, यहां के किसानों ने बागवानी को भी अपनाया है, जिसमें किन्नू ने एक प्रमुख स्थान बना लिया है। क्षेत्र की ठंडी सर्दियां और रेतीली दोमट मिट्टी किन्नू की खेती के लिए अत्यंत उपयुक्त हैं, जिसके कारण यहां पैदा होने वाले किन्नू की गुणवत्ता पूरे देश में सराही जाती है।

इस साल, अनुकूल मौसम, पर्याप्त नहर जल (सिंचाई) और किसानों द्वारा उन्नत कृषि तकनीकों के उपयोग के कारण किन्नू की पैदावार अभूतपूर्व रही है। पिछले वर्षों की तुलना में फलों की संख्या और उनका आकार दोनों ही बेहतर है, जिससे उत्पादन में भारी वृद्धि दर्ज की गई है।

 

किसानों में उत्साह का कारण

 

किन्नू की बंपर फसल ने किसानों के उत्साह को कई कारणों से बढ़ा दिया है:

  1. बेहतर आय की उम्मीद: अधिक उत्पादन का सीधा अर्थ है अधिक बिक्री। किसान मंडियों में अच्छी कीमतों की उम्मीद कर रहे हैं, जिससे उनकी आय में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। किन्नू की खेती पारंपरिक फसलों की तुलना में अधिक लाभप्रद साबित हो रही है।
  2. गुणवत्ता और मांग: श्री गंगानगर के किन्नू की मिठास और रंगत बेहतरीन होने के कारण इसकी मांग दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और अन्य राज्यों की बड़ी फल मंडियों में हमेशा उच्च रहती है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी निर्यात की संभावनाएं तलाश की जा रही हैं।
  3. रोजगार सृजन: बंपर फसल के कारण फलों की तुड़ाई, पैकिंग और परिवहन से जुड़े कार्यों में स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर पैदा हुए हैं, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल मिला है।

 

कृषि समृद्धि में योगदान

 

किन्नू की सफलता ने यह साबित कर दिया है कि श्री गंगानगर सिर्फ अन्न का नहीं, बल्कि बागवानी उत्पादों का भी प्रमुख केंद्र बन सकता है। इस सफलता को देखते हुए, कई किसान अब अपने खेतों के कुछ हिस्सों को किन्नू के बागों में बदल रहे हैं।

हालांकि, किसानों को अभी भी कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जिनमें फसल को कोल्ड स्टोरेज तक पहुंचाना, सही मूल्य मिलना, और फसल को रोगों से बचाना शामिल है। इन चुनौतियों के बावजूद, इस साल की बंपर पैदावार ने किसानों में एक नई उम्मीद जगाई है कि श्री गंगानगर कृषि के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित करेगा और अपनी ‘हरियाली’ की पहचान को और भी मजबूत करेगा।


इस बंपर फसल ने किसानों के लिए आर्थिक समृद्धि का मार्ग प्रशस्त किया है, जिससे जिले की समग्र खुशहाली में वृद्धि होगी।


©️ श्री गंगानगर न्यूज़ ©️