
नई दिल्ली: आधुनिक जीवनशैली, अनियमित खान-पान और बढ़ते मोटापे के कारण लिवर से संबंधित समस्याएं, विशेष रूप से फैटी लिवर (Fatty Liver Disease) का जोखिम तेजी से बढ़ रहा है। यह एक ऐसी स्थिति है जहां लिवर कोशिकाओं में वसा जमा हो जाती है, जो समय के साथ गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों और पोषणविदों ने अब इस खतरे को कम करने के लिए एक सरल लेकिन प्रभावी समाधान बताया है: एंटीऑक्सीडेंट्स (Antioxidants) से भरपूर खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट में प्राथमिकता देना।
क्यों ज़रूरी है लिवर डिटॉक्स डाइट?
लिवर शरीर का मुख्य डिटॉक्सिफाइंग अंग है। जब यह वसा (Fat) से भर जाता है, तो इसकी कार्यक्षमता प्रभावित होती है। पोषण विशेषज्ञ डॉ. सीमा वर्मा (काल्पनिक नाम) बताती हैं, “कठोर डिटॉक्स प्लान के बजाय, हमें ऐसे खाद्य पदार्थों पर ध्यान देना चाहिए जो स्वाभाविक रूप से लिवर को उसकी सफाई प्रक्रिया में मदद करते हैं और वसा के जमाव को रोकते हैं।”
नवीनतम लाइफस्टाइल ट्रेंड्स ऐसे खाद्य पदार्थों पर जोर दे रहे हैं जो लिवर कोशिकाओं को नुकसान से बचाते हैं और उन्हें पुनर्स्थापित (Restore) करने में मदद करते हैं।
लिवर के लिए 5 ‘सुपरफूड्स’:
विशेषज्ञों ने विशेष रूप से पांच खाद्य पदार्थों को अपनी दैनिक डाइट में शामिल करने की सलाह दी है:
- हरी पत्तेदार सब्जियां: पालक, केल (Kale) और मेथी जैसी सब्जियां ग्लूटाथियोन (Glutathione) जैसे शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होती हैं, जिन्हें लिवर डिटॉक्स का मास्टर एंटीऑक्सीडेंट माना जाता है। ये लिवर से हानिकारक विषाक्त पदार्थों (Toxins) को बाहर निकालने में मदद करती हैं।
- अखरोट (Walnuts): अखरोट ओमेगा-3 फैटी एसिड और आर्जिनिन (Arginine) अमीनो एसिड का एक उत्कृष्ट स्रोत है। ये तत्व लिवर में वसा के निर्माण को कम करते हैं और लिवर के कार्य को बेहतर बनाने में सहायक होते हैं।
- बेरीज़ (Berries): ब्लूबेरी, स्ट्रॉबेरी और रसभरी में उच्च मात्रा में पॉलीफेनोल्स (Polyphenols) होते हैं। ये शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट्स लिवर को ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाते हैं और लिवर कोशिकाओं की मरम्मत में मदद करते हैं।
- हल्दी (Turmeric): भारतीय रसोई का यह मसाला करक्यूमिन (Curcumin) से भरपूर होता है, जिसमें मजबूत एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। हल्दी लिवर की सूजन को कम करने और फैटी लिवर के प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
- ग्रीन टी (Green Tea): ग्रीन टी में कैटेचिन (Catechins) नामक यौगिक होते हैं, जो लिवर एंजाइम के स्तर को बेहतर बनाने और वसा के जमाव को कम करने में सहायक पाए गए हैं। प्रतिदिन एक या दो कप ग्रीन टी पीना फायदेमंद हो सकता है।
जीवनशैली में बदलाव आवश्यक:
विशेषज्ञों का कहना है कि सिर्फ डाइट ही नहीं, बल्कि शराब से दूरी, नियमित व्यायाम और प्रोसेस्ड शुगर का सेवन कम करना भी लिवर को स्वस्थ रखने के लिए उतना ही महत्वपूर्ण है। अपने आहार में इन सुपरफूड्स को शामिल करके, आप अपने लिवर की सेहत को सुनिश्चित कर सकते हैं और फैटी लिवर जैसी गंभीर स्थितियों के जोखिम को कम कर सकते हैं।