
फिटनेस जगत में लंबे समय से यह धारणा हावी रही है कि स्वस्थ रहने और वजन नियंत्रित करने के लिए हर दिन 10,000 कदम (Steps) चलना अनिवार्य है। हालांकि, आधुनिक फिटनेस विशेषज्ञों ने इस मानक को व्यस्त जीवनशैली वाले लोगों के लिए अव्यावहारिक और जरूरी नहीं बताया है। एक नई दृष्टिकोण के तहत, एक्सपर्ट्स अब कम समय में अधिक प्रभावी वर्कआउट पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दे रहे हैं, जो पूरे शरीर (Full Body) को लक्षित करता है।
‘कम समय में अधिक प्रभाव’ का सिद्धांत
फिटनेस विशेषज्ञ अब एक ऐसी रणनीति अपनाने की सलाह दे रहे हैं जो केवल चलने के बजाय, शरीर के बड़े मांसपेशी समूहों को एक साथ संलग्न (Engage) करती है। इससे न केवल कैलोरी बर्न तेजी से होती है, बल्कि हृदय गति भी बढ़ती है, जिससे कार्डियोवैस्कुलर स्वास्थ्य बेहतर होता है। यह एप्रोच उन लोगों के लिए वरदान है जिनके पास जिम जाने या लंबे समय तक वॉक करने का समय नहीं है।
5 पावरफुल फुल बॉडी एक्सरसाइज
विशेषज्ञों ने ऐसे 5 प्रमुख अभ्यास (Exercises) सुझाए हैं जिन्हें नियमित रूप से करके आप 10,000 स्टेप्स के बराबर या उससे अधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं:
- स्क्वाट्स (Squats): यह पैरों, कूल्हों और ग्लूट्स (Glutes) की मांसपेशियों के लिए सर्वश्रेष्ठ है। यह कोर (Core) को भी मजबूत करता है।
- पुश-अप्स (Push-ups): यह अपर बॉडी (Upper Body) के लिए बेहतरीन है, जो छाती, कंधे और ट्राइसेप्स को मजबूत करता है।
- लन्जेस (Lunges): यह अभ्यास पैरों की मांसपेशियों को टोन करता है और संतुलन (Balance) में सुधार लाता है।
- प्लेंक (Plank): यह कोर की ताकत और स्थिरता (Stability) को बढ़ाता है, जो पीठ दर्द को रोकने में मदद करता है।
- बर्पीज़ (Burpees): यह एक फुल बॉडी एक्सप्लोसिव मूव है जो हृदय गति को बहुत तेजी से बढ़ाता है, जिससे यह कैलोरी बर्न करने और सहनशक्ति (Stamina) बढ़ाने में सबसे अधिक प्रभावी माना जाता है।
फिटनेस लक्ष्यों की आसान प्राप्ति
इन पाँचों एक्सरसाइज को नियमित रूप से 20 से 30 मिनट के सर्किट ट्रेनिंग (Circuit Training) के रूप में करने से व्यस्त लोग भी अपनी फिटनेस के लक्ष्यों को आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। ये अभ्यास न केवल समय बचाते हैं, बल्कि मांसपेशियों के निर्माण और समग्र शारीरिक क्षमता (Physical Capacity) में सुधार लाने में भी 10,000 स्टेप्स की तुलना में अधिक कारगर हो सकते हैं। यह नई फिटनेस फिलॉसफी इस बात पर ज़ोर देती है कि गुणवत्ता मात्रा से अधिक महत्वपूर्ण है।