
नई दिल्ली/ग्लोबल: आधुनिक जीवनशैली, काम के बढ़ते दबाव और डिजिटल स्क्रीन के अत्यधिक उपयोग ने युवा पीढ़ी (Gen Z और Millennials) को नींद की गंभीर कमी की ओर धकेल दिया है। इसी समस्या के समाधान के रूप में अब एक नया और अनूठा ट्रैवल ट्रेंड सामने आया है, जिसे ‘नैपकेशन’ (Napcation) नाम दिया गया है। यह ट्रेंड पारंपरिक छुट्टियों की अवधारणा को बदल रहा है, जहाँ घूमने-फिरने या दर्शनीय स्थलों की भीड़ के बजाय, लोग केवल आराम करने और पर्याप्त नींद लेने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
नैपकेशन क्या है?
‘नैपकेशन’ शब्द नैप (Nap) यानी झपकी और वेकेशन (Vacation) यानी छुट्टी से मिलकर बना है। इसका मुख्य उद्देश्य शहरी जीवन की भागदौड़ से दूर एक शांत और आरामदायक माहौल में जाकर शारीरिक और मानसिक थकान को मिटाना है, जिसका प्राथमिक तरीका केवल सोना है। यह उन लोगों के लिए एक परफेक्ट एस्केप है, जिनकी व्यस्त दिनचर्या में 7-8 घंटे की निर्बाध नींद एक लक्जरी बन गई है।
क्यों बढ़ रहा है यह ट्रेंड?
विशेषज्ञों का मानना है कि ‘नैपकेशन’ की लोकप्रियता बढ़ने के पीछे कई कारण हैं:
- क्रोनिक स्लीप डेफिसिट: अत्यधिक काम के घंटों और सोशल मीडिया के कारण युवाओं में नींद की पुरानी कमी एक आम समस्या बन गई है। यह कमी सीधे तौर पर उत्पादकता, मानसिक स्वास्थ्य और शारीरिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालती है।
- तनाव और बर्नआउट: युवा पेशेवर करियर की शुरुआत में ही तेजी से तनाव (Stress) और बर्नआउट (Burnout) का शिकार हो रहे हैं। ऐसे में, ‘नैपकेशन’ मस्तिष्क को पूरी तरह से रिबूट करने और मानसिक शांति (Mental Wellness) बहाल करने का एक प्रभावी तरीका है।
- स्वास्थ्य प्राथमिकता: आज की पीढ़ी अब दिखावे की छुट्टियों के बजाय, स्वास्थ्य और आत्म-देखभाल (Self-Care) को प्राथमिकता दे रही है। उनका मानना है कि शरीर को आराम देना ही सबसे अच्छी छुट्टी है।
होटल और रिजॉर्ट्स का विशेष सहयोग
इस उभरती मांग को देखते हुए, हॉस्पिटैलिटी उद्योग भी तेजी से खुद को बदल रहा है। कई लक्जरी होटल और रिजॉर्ट अब ‘नैपकेशन’ पैकेज पेश कर रहे हैं, जिनमें विशेष सुविधाओं पर जोर दिया जाता है:
- साउंडप्रूफ कमरे: बाहरी शोरगुल से पूरी तरह मुक्त कमरे, जो गहरी नींद सुनिश्चित करते हैं।
- डार्क थेरेपी: कमरे में प्रकाश को पूरी तरह अवरुद्ध करने की व्यवस्था।
- अरोमाथेरेपी: लैवेंडर या अन्य शांतिदायक तेलों का उपयोग, जो नींद की गुणवत्ता को बढ़ाते हैं।
- वेलनेस प्रोग्राम: ब्रीदिंग एक्सरसाइज और हल्के योग सत्र, जो मेहमानों को तनावमुक्त होने में मदद करते हैं।
‘नैपकेशन’ का बढ़ना यह दर्शाता है कि युवा पीढ़ी अब नींद को विलासिता नहीं, बल्कि स्वास्थ्य की अनिवार्य आवश्यकता मानती है।