
आधुनिक युग को डिजिटल क्रांति का युग कहा जाता है, जिसने हमारे जीवन को कई मायनों में सुविधाजनक बनाया है। हालांकि, इस क्रांति का एक अप्रत्याशित और नकारात्मक पहलू यह है कि सोशल मीडिया (Social Media) और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का अत्यधिक उपयोग अब हमारे मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) के लिए एक बड़ा खतरा बन गया है।
विशेषज्ञ इस बात पर लगातार जोर दे रहे हैं कि हमारी वर्तमान जीवनशैली में लगातार ऑनलाइन रहने की आदत ने हमारे दिमाग को कभी भी पूरी तरह से आराम करने का मौका नहीं दिया है। स्मार्टफोन और लगातार आने वाले नोटिफिकेशन (Notifications) मस्तिष्क को हमेशा सक्रिय रखते हैं, जिससे ध्यान केंद्रित करने की क्षमता घटती है और मानसिक थकान तथा तनाव (Stress) का स्तर लगातार बढ़ता जाता है।
तुलनात्मक जीवन और आत्म-सम्मान पर चोट
मानसिक स्वास्थ्य पर डिजिटल दुनिया का सबसे खतरनाक असर तुलनात्मक जीवन जीने की प्रवृत्ति है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लोग अक्सर अपनी केवल ‘परफेक्ट’ और फिल्टर्ड (Filtered) जीवनशैली को ही प्रदर्शित करते हैं। जब कोई व्यक्ति इन आदर्श जीवन की तस्वीरों को देखता है, तो अनजाने में ही वह अपनी वास्तविक जिंदगी की तुलना इन डिजिटल भ्रमों से करने लगता है।
यह निरंतर तुलना व्यक्ति के आत्म-सम्मान (Self-Esteem) को बुरी तरह प्रभावित करती है और अकेलेपन तथा ईर्ष्या की भावना को जन्म देती है, जो धीरे-धीरे डिप्रेशन (Depression) और अन्य गंभीर मानसिक बीमारियों का कारण बन सकती है। इसके अलावा, डिजिटल निर्भरता सामाजिक अलगाव भी पैदा करती है, क्योंकि लोग शारीरिक रूप से मिलने के बजाय वर्चुअल दुनिया में अधिक समय बिताते हैं।
मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए एक्सपर्ट के उपाय
इस डिजिटल ओवरलोड से बचने और मानसिक स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने के लिए, विशेषज्ञ निम्नलिखित उपाय अपनाने की सलाह देते हैं:
- डिजिटल डिटॉक्स (Digital Detox): दिन में कुछ समय के लिए, खासकर भोजन के समय और सोने से पहले, स्मार्टफोन और लैपटॉप से पूरी तरह से दूरी बनाएँ।
- नियमित व्यायाम (Regular Exercise): प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट की वॉक या कोई भी शारीरिक गतिविधि करें। व्यायाम तनाव कम करने में मदद करता है।
- संतुलित आहार (Balanced Diet): मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए पौष्टिक और संतुलित भोजन लेना महत्वपूर्ण है।
- पर्याप्त नींद: मस्तिष्क को ठीक होने और खुद को रिचार्ज करने के लिए हर रात 7 से 8 घंटे की पर्याप्त और गहरी नींद लेना अनिवार्य है।
- सीमाएं निर्धारित करें: सोशल मीडिया के उपयोग के लिए सख्त समय सीमा निर्धारित करें और काम के घंटों के बाद नोटिफिकेशन्स को बंद रखें।
इन छोटे-छोटे, लेकिन महत्वपूर्ण जीवनशैली परिवर्तनों को अपनाकर, कोई भी व्यक्ति डिजिटल युग की चुनौतियों का सामना कर सकता है और एक स्वस्थ एवं संतुलित मानसिक जीवन जी सकता है।