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🚨 दिल्ली-एनसीआर में गंभीर स्वास्थ्य संकट: प्रदूषण बना ‘साइलेंट किलर’, बढ़ा कैंसर का खतरा

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण (Air Pollution) ने अब एक अत्यंत भयावह रूप ले लिया है, जिसे स्वास्थ्य विशेषज्ञ ‘साइलेंट किलर’ की संज्ञा दे रहे हैं। हाल ही में जारी स्वास्थ्य रिपोर्टों ने इस बात की पुष्टि की है कि क्षेत्र की हवा में मौजूद विषैले तत्व और कार्बन का उच्च स्तर न केवल तात्कालिक श्वसन समस्याओं (Respiratory Issues) को जन्म दे रहा है, बल्कि यह फेफड़ों के कैंसर (Lung Cancer) और अन्य जानलेवा बीमारियों का खतरा भी कई गुना बढ़ा रहा है।


 

फेफड़ों के कैंसर और गंभीर बीमारियों का जोखिम

 

प्रदूषण के कण (PM 2.5 और PM 10), जब सांस के ज़रिए शरीर में प्रवेश करते हैं, तो वे फेफड़ों की सबसे छोटी नलिकाओं तक पहुँच जाते हैं।

  • कार्बन का घातक स्तर: हवा में कार्बन के कणों का लगातार बढ़ना फेफड़ों के ऊतकों (Tissues) को स्थायी रूप से क्षति पहुँचाता है, जिससे फेफड़ों के कैंसर का सीधा जोखिम पैदा होता है, खासकर उन लोगों में जो कभी धूम्रपान नहीं करते थे।
  • श्वसन संकट: इसके अलावा, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) जैसी गंभीर श्वसन संबंधी बीमारियाँ भी तेज़ी से बढ़ रही हैं।

 

डॉक्टरों की गंभीर चेतावनी

 

डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इस स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए जनता को गंभीर चेतावनी जारी की है। उनका कहना है कि इस ज़हरीली हवा के दीर्घकालिक परिणाम बहुत विनाशकारी हो सकते हैं।

“यह ज़हरीली हवा सिर्फ गले की खराश या आंखों में जलन तक सीमित नहीं है। प्रदूषण के कण धीरे-धीरे आंतरिक अंगों, विशेष रूप से हृदय और फेफड़ों को क्षति पहुँचाते हैं। लंबे समय तक इसके संपर्क में रहने से अंगों की कार्यक्षमता कम हो जाती है और यह गंभीर स्वास्थ्य जटिलताओं का कारण बनता है।”

डॉक्टरों ने बताया है कि प्रदूषण से होने वाली क्षति केवल शारीरिक नहीं है, बल्कि यह मानसिक स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव डालती है।


 

बचाव के लिए तत्काल आवश्यक उपाय

 

चूंकि प्रदूषण का स्तर नियंत्रण से बाहर है, इसलिए नागरिकों को खुद को बचाने के लिए कड़े कदम उठाने की सलाह दी गई है।

  • संवेदनशील समूहों पर विशेष ध्यान: बुजुर्गों और बच्चों को सबसे अधिक जोखिम है। उन्हें प्रदूषित घंटों (आमतौर पर सुबह और देर शाम) के दौरान घर के अंदर ही रहने की सलाह दी गई है।
  • उच्च गुणवत्ता वाले मास्क: बाहर निकलने पर उच्च गुणवत्ता वाले N95 मास्क का उपयोग करना अनिवार्य है, क्योंकि ये छोटे से छोटे कणों को भी फ़िल्टर करने में प्रभावी होते हैं।
  • इंडोर एयर प्यूरीफायर: घरों में एयर प्यूरीफायर (Air Purifier) का उपयोग करना और घर के अंदर हवा की गुणवत्ता बनाए रखना भी महत्वपूर्ण है।
  • आहार और जलपान: इम्यूनिटी को मज़बूत करने के लिए पौष्टिक आहार लेने और पर्याप्त मात्रा में पानी पीने की सलाह दी गई है।

प्रदूषण के इस संकट से निपटने के लिए सरकारी प्रयासों के साथ-साथ व्यक्तिगत सावधानी और जागरूकता ही सबसे बड़ा बचाव है।

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