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📉 WHO-विश्व बैंक की रिपोर्ट: सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज में असमानताएँ बढ़ीं, गरीबों पर बढ़ा वित्तीय बोझ

सार्वजनिक स्वास्थ्य: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और विश्व बैंक (World Bank) द्वारा दिसंबर 2025 में जारी की गई एक महत्वपूर्ण संयुक्त निगरानी रिपोर्ट (UHC Global Monitoring Report 2025) ने सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (Universal Health Coverage – UHC) प्राप्त करने की दिशा में वैश्विक प्रगति का मूल्यांकन किया है। रिपोर्ट ने सकारात्मक कदमों को स्वीकार किया है, लेकिन साथ ही एक गंभीर चिंता भी व्यक्त की है: स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच और स्वास्थ्य लागत के कारण होने वाली वित्तीय कठिनाई (Financial Hardship) के बीच की असमानताएँ (Inequalities) लगातार बढ़ रही हैं।

असमानता का बढ़ता संकट

रिपोर्ट के अनुसार, UHC की दिशा में हुई प्रगति ने सबसे अमीर आबादी की तुलना में सबसे गरीब और सबसे अधिक असुरक्षित समूहों को आनुपातिक रूप से कम लाभ पहुँचाया है। यह एक गंभीर वैश्विक स्वास्थ्य समस्या को उजागर करता है:

  • गरीबों पर वित्तीय बोझ: रिपोर्ट में 2022 के डेटा का हवाला देते हुए बताया गया है कि सबसे गरीब आबादी के बीच प्रत्येक चार में से तीन लोगों को स्वास्थ्य लागत का भुगतान करने के कारण वित्तीय कठिनाई का सामना करना पड़ा। इस ‘वित्तीय कठिनाई’ में स्वास्थ्य व्यय के कारण गरीबी में धकेले जाना या आवश्यक वस्तुओं पर खर्च करने की क्षमता का गंभीर रूप से कम होना शामिल है।

  • पहुँच में अंतर: अमीर और गरीब के बीच गुणवत्तापूर्ण आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच में अंतर बढ़ रहा है। अमीर आबादी में बेहतर स्वास्थ्य परिणाम और अधिक सेवाओं का उपभोग देखा जा रहा है, जबकि गरीब अक्सर भौगोलिक दूरी, सेवा शुल्क और सूचना के अभाव के कारण आवश्यक उपचार से वंचित रह जाते हैं।

यह इंगित करता है कि स्वास्थ्य प्रणालियाँ उन लोगों की रक्षा करने में विफल रही हैं जिन्हें सबसे अधिक सुरक्षा की आवश्यकता है, जिससे स्वास्थ्य सेवाएँ एक अधिकार के बजाय एक सुविधा बनती जा रही हैं।

रिपोर्ट की प्रमुख सिफारिशें

असमानताओं को कम करने और 2030 तक सतत विकास लक्ष्य (SDG) 3.8 (UHC) प्राप्त करने के लिए, रिपोर्ट ने सभी सदस्य देशों से तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया है:

  1. प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल (PHC) को मजबूत करना: रिपोर्ट ने PHC को स्वास्थ्य प्रणाली का आधार बनाने पर जोर दिया। मजबूत PHC प्रणालियाँ समुदायों के करीब पहुँच प्रदान करती हैं, जिससे निवारक (Preventive), उपचारात्मक (Curative) और पुनर्वास (Rehabilitative) सेवाएं सस्ती दरों पर उपलब्ध होती हैं।

  2. सार्वजनिक निवेश बढ़ाना: सरकारों को स्वास्थ्य प्रणालियों में सार्वजनिक खर्च को प्राथमिकता देनी चाहिए। बाहरी जेब से होने वाले खर्च (Out-of-pocket expenditure) को कम करने के लिए सार्वजनिक धन के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भुगतान करना आवश्यक है।

  3. गरीबों के लिए आवश्यक स्वास्थ्य देखभाल को शुल्क-मुक्त बनाना: गरीबों और वंचितों के लिए आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं (जैसे मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य देखभाल, टीकों और कुछ प्राथमिक उपचार) को शुल्क-मुक्त या अत्यधिक रियायती बनाना चाहिए। यह वित्तीय बाधाओं को दूर करने का सबसे सीधा तरीका है।

  4. डेटा और निगरानी: स्वास्थ्य असमानताओं को ठीक से ट्रैक करने के लिए आयु, लिंग, आय और भौगोलिक स्थिति के आधार पर विभाजित डेटा (Disaggregated Data) का उपयोग करके निगरानी प्रणाली को बेहतर बनाने की आवश्यकता है।

WHO और विश्व बैंक ने चेतावनी दी है कि यदि वर्तमान प्रवृत्ति जारी रहती है, तो UHC का लक्ष्य 2030 तक अप्राप्य रहेगा, जिससे वैश्विक विकास और स्थिरता प्रभावित होगी।

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