
1. डिजिटल स्वास्थ्य: भविष्य की दिशा
डिजिटल स्वास्थ्य समाधान, जैसे टेलीमेडिसिन और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM), स्वास्थ्य सेवा को बदल रहे हैं। ABDM के तहत 76 करोड़ से अधिक आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाते (ABHA) बनाए गए हैं, जो मरीजों, डॉक्टरों और स्वास्थ्य प्रणालियों को सुरक्षित रूप से जोड़ रहे हैं। ये पहल ग्रामीण क्षेत्रों में भी गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा पहुंचाने में मदद कर रही हैं।
2. मानसिक स्वास्थ्य: एक वैश्विक चिंता
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, एक अरब से अधिक लोग मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं। इसके बावजूद, अधिकांश देशों में पर्याप्त सहायता उपलब्ध नहीं है। भारत में टेली-मानस जैसी पहलें मानसिक स्वास्थ्य सहायता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं, लेकिन इस क्षेत्र में अभी भी बहुत काम करने की जरूरत है।
3. मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य: “स्वस्थ शुरुआत, आशापूर्ण भविष्य”
विश्व स्वास्थ्य दिवस 2025 की थीम “स्वस्थ शुरुआत, आशापूर्ण भविष्य” मातृ और नवजात शिशु स्वास्थ्य पर केंद्रित थी। गुजरात जैसे राज्य इस दिशा में अग्रणी रहे हैं, जहां मातृ मृत्यु दर में 50% की उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है। इस सफलता का श्रेय गुणवत्तापूर्ण जांच, टीकाकरण और पोषण सेवाओं को दिया जा रहा है।
4. कैंसर देखभाल: जिला स्तर पर पहुंच
भारत सरकार ने कैंसर देखभाल को जिला स्तर तक पहुंचाने की योजना बनाई है। इसके तहत 2025-26 तक 200 नए डेकेयर कैंसर केंद्र स्थापित किए जाएंगे। इसका उद्देश्य महानगरों के अस्पतालों पर बोझ कम करना और ग्रामीण आबादी को उचित उपचार प्रदान करना है।
5. अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स और स्वास्थ्य जोखिम
अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स (UPF) से जुड़े स्वास्थ्य जोखिमों के प्रति जागरूकता बढ़ रही है। इन खाद्य पदार्थों के अधिक सेवन से मोटापा, मधुमेह और अन्य मेटाबोलिक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। सरकार और स्वास्थ्य संगठन UPF के हानिकारक प्रभावों के बारे में शैक्षिक अभियान चला रहे हैं, खासकर बच्चों के लिए।
6. बुजुर्गों का स्वास्थ्य: हेल्दी एजिंग की ओर कदम
एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, 50% भारतीय “हेल्दी एजिंग” की योजना बना रहे हैं। इसमें तकनीक का उपयोग कर खुद को फिट रखना शामिल है। शारीरिक और मानसिक रूप से सक्रिय रहकर और नियमित जांच कराकर बुढ़ापे में भी स्वस्थ रहा जा सकता है।
7. चरम गर्मी का श्रमिकों पर प्रभाव
WHO और विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) ने चेतावनी दी है कि चरम गर्मी दुनिया भर में श्रमिकों के स्वास्थ्य और आजीविका के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है। उच्च तापमान से हीटस्ट्रोक और अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। इससे बचाव के लिए कार्यस्थलों पर उचित उपाय करना आवश्यक है।
8. संतुलित आहार और सुपरफूड्स
आंखों की रोशनी बढ़ाने और लिवर को स्वस्थ रखने के लिए संतुलित आहार और कुछ सुपरफूड्स पर जोर दिया जा रहा है। डॉक्टर आंखों की सेहत के लिए 5 सुपरफूड्स खाने की सलाह देते हैं, वहीं लिवर के लिए 5 विशेष ड्राई फ्रूट्स को डाइट में शामिल करने की बात कही गई है।
9. संचारी और गैर-संचारी रोग
आजकल गैर-संचारी रोगों (NCD) के कारण 60% से अधिक मौतें हो रही हैं। इन बीमारियों में कैंसर, मधुमेह और हृदय रोग शामिल हैं। वहीं, एचआईवी/एड्स, तपेदिक और मलेरिया जैसे संचारी रोग भी अभी भी एक चुनौती बने हुए हैं। इन दोनों प्रकार की बीमारियों की रोकथाम के उपाय अपर्याप्त हैं।
10. स्वास्थ्य बीमा: सामाजिक सुरक्षा का विस्तार
केंद्र सरकार असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए स्वास्थ्य बीमा कवरेज का विस्तार करने के प्रयास कर रही है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (RSBY) जैसी पहलें कम आय वाले परिवारों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच प्रदान करने का लक्ष्य रखती हैं।