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बिहार के ‘दूध पानीया’ गाँव में स्वास्थ्य संकट: दिल्ली की टीम करेगी ऑस्टियोपोरोसिस की गहन जांच

बिहार के दूध पानीया गाँव में सामने आए रहस्यमय स्वास्थ्य संकट ने स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को चिंता में डाल दिया है। गाँव के कई निवासियों में कथित तौर पर गंभीर ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) यानी हड्डी रोग और हाथ-पैरों में दर्द के मामले सामने आए हैं, जिसके बाद स्थानीय प्रशासन ने तत्काल और बड़े स्तर पर कार्रवाई शुरू कर दी है।

इंडिया टुडे की रिपोर्ट का असर

गाँव में स्वास्थ्य संकट की खबरें सामने आने के बाद, स्थानीय प्रशासन तुरंत हरकत में आया। इसके परिणामस्वरूप, गाँव में तुरंत मेडिकल टीमें भेजी गईं। इन टीमों ने न केवल गाँव के बीमार निवासियों की स्वास्थ्य जांच शुरू की, बल्कि Public Health Engineering Department (पीएचईडी) ने पेयजल की गुणवत्ता की जांच के लिए पानी के नमूने भी इकट्ठा किए हैं। क्षतिग्रस्त जल टैंक की मरम्मत का काम भी शुरू कर दिया गया है।

ऑस्टियोपोरोसिस के मामलों की पुष्टि

स्थानीय मेडिकल टीमों द्वारा की गई शुरुआती जांच में गाँव में ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियों का कमजोर होना) और खड़े होने या चलने-फिरने में असमर्थता जैसे मामलों की पुष्टि हुई है। गाँव के कई निवासियों के लिए यह पहला मौका था जब सरकारी अधिकारी उनके घरों तक पहुंचे। एक ग्रामीण ने राहत व्यक्त करते हुए कहा कि, “आपके आने के बाद सभी जानते हैं कि अब हमारा इलाज शुरू होगा। हमारे गाँव में कई लोग हाथ-पैर में दर्द से परेशान हैं।”

राष्ट्रीय स्तर की विशेषज्ञ टीम करेगी दौरा

मामले की गंभीरता और बीमारी के सटीक स्रोत का पता लगाने के लिए अब राष्ट्रीय स्तर की विशेषज्ञ टीम गाँव का दौरा करेगी। यह टीम मुंगेर और नेशनल डिज़ीज कंट्रोल काउंसिल (National Disease Control Council) से आएगी। विशेषज्ञ दल गाँव में बीमारियों के कारणों की गहन जांच करेगा और यह पता लगाएगा कि कहीं यह स्वास्थ्य संकट पानी की गुणवत्ता से तो नहीं जुड़ा है।

पानी के नमूनों की जांच मुंगेर और पटना की प्रयोगशालाओं में की जा रही है, जिसकी रिपोर्ट आने के बाद बीमारी के स्रोत पर स्पष्टता आएगी।

प्रशासन की ओर से सहायता का आश्वासन

स्थानीय अधिकारियों ने गाँव को गोद लेने और प्रभावित लोगों को राहत दिलाने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा है कि यदि कोई ग्रामीण, विशेषकर भूमिहीन, दूसरे स्थान पर जाना चाहता है तो सभी सरकारी योजनाओं का लाभ उनके लिए लागू किया जाएगा। यह कार्रवाई गाँववासियों में उम्मीद जगाती है कि उनके स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता में जल्द ही सुधार होगा।

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