
राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) की नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट भारत सरकार की महत्वाकांक्षी ‘आयुष्मान भारत’ योजना की अपार सफलता को रेखांकित करती है। यह योजना अब तक 45 करोड़ से अधिक नागरिकों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ प्रदान करके एक ऐतिहासिक मील का पत्थर पार कर चुकी है। यह उपलब्धि न केवल संख्या के लिहाज से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह देश के गरीब और जरूरतमंद परिवारों को बिना किसी आर्थिक चिंता के मुफ्त और गुणवत्तापूर्ण इलाज उपलब्ध कराने के मिशन की सफलता को भी दर्शाती है।
आयुष्मान भारत योजना को अक्सर दुनिया की सबसे बड़ी सरकारी वित्त पोषित स्वास्थ्य बीमा योजना के रूप में देखा जाता है, और यह दो प्रमुख स्तंभों पर टिकी है: आयुष्मान भारत प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) और आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र (AB-HWC)।
1. AB-PMJAY: वित्तीय सुरक्षा का कवच
AB-PMJAY योजना का मुख्य उद्देश्य कमजोर और वंचित परिवारों को स्वास्थ्य संबंधी वित्तीय जोखिमों से बचाना है।
- लाभार्थियों की संख्या: रिपोर्ट के अनुसार, 45 करोड़ से अधिक नागरिकों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिला है, जिसमें 40.45 करोड़ से अधिक आयुष्मान कार्ड जारी किए जा चुके हैं। ये कार्ड लाभार्थियों को योजना का लाभ उठाने के लिए एक महत्वपूर्ण पहचान पत्र का काम करते हैं।
- बीमा कवरेज: यह योजना प्रति परिवार प्रति वर्ष ₹5 लाख तक का स्वास्थ्य बीमा कवरेज प्रदान करती है। यह कवरेज अस्पताल में भर्ती होने (Secondary और Tertiary Care) के खर्चों को कवर करता है, जिसमें सर्जरी, दवाएं और उपचार शामिल हैं।
- कैशलेस और पेपरलेस सुविधा: लाभार्थियों को सूचीबद्ध अस्पतालों (Empanelled Hospitals) में कैशलेस और पेपरलेस उपचार की सुविधा मिलती है। इसका मतलब है कि मरीज को इलाज के लिए अपनी जेब से कोई पैसा नहीं देना पड़ता, जिससे स्वास्थ्य खर्च के कारण गरीबी में जाने का खतरा (Catastrophic Health Expenditure) कम होता है।
2. योजना की सफलता में डिजिटल तकनीक की भूमिका
राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) ने इस योजना की सफलता का श्रेय बड़े पैमाने पर डिजिटल तकनीक और नवाचार को दिया है।
- डिजिटल हेल्थ इकोसिस्टम: आयुष्मान भारत योजना ने एक मजबूत डिजिटल इकोसिस्टम स्थापित किया है, जिसमें आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM) भी शामिल है। यह मिशन देश के स्वास्थ्य रिकॉर्ड को डिजिटाइज़ करने की दिशा में काम कर रहा है।
- प्रक्रिया में पारदर्शिता: डिजिटल प्लेटफॉर्म ने लाभार्थियों की पहचान, क्लेम प्रोसेसिंग और अस्पतालों के भुगतान की प्रक्रिया को पारदर्शी और कुशल बनाया है, जिससे भ्रष्टाचार और देरी की गुंजाइश कम हुई है।
- डेटा-आधारित निर्णय: बड़े पैमाने पर डेटा के उपयोग से NHA को स्वास्थ्य सेवाओं की कमी वाले क्षेत्रों की पहचान करने और योजना को बेहतर बनाने में मदद मिली है।
- राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों का नवाचार: NHA ने इस बात पर जोर दिया है कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा डिजिटल तकनीक को तेजी से अपनाने और स्थानीय जरूरतों के हिसाब से नवाचार करने से योजना का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित हुआ है।
3. सामाजिक-आर्थिक प्रभाव और भविष्य की दिशा
आयुष्मान भारत का प्रभाव सिर्फ स्वास्थ्य क्षेत्र तक सीमित नहीं है, बल्कि यह देश के सामाजिक और आर्थिक विकास को भी प्रभावित कर रहा है।
- स्वास्थ्य खर्च में कमी: यह योजना करोड़ों परिवारों को अप्रत्याशित स्वास्थ्य खर्च के जाल से बचा रही है, जिससे उनकी बचत सुरक्षित रहती है और वे गरीबी रेखा से नीचे नहीं फिसलते।
- स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुंच: इसने ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में लोगों की गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधाओं तक पहुंच सुनिश्चित की है। सूचीबद्ध निजी और सरकारी अस्पतालों का नेटवर्क लगातार बढ़ रहा है।
- गुणवत्तापूर्ण इलाज: योजना का जोर केवल इलाज पर ही नहीं, बल्कि इलाज की गुणवत्ता पर भी है। NHA द्वारा अस्पतालों के प्रदर्शन की निगरानी की जाती है।
यह ऐतिहासिक उपलब्धि भारत को यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज (Universal Health Coverage) के लक्ष्य की ओर एक कदम और आगे ले जाती है, जहाँ प्रत्येक नागरिक को उसकी आर्थिक स्थिति की परवाह किए बिना आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध हों।