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ISI जासूस गिरफ्तार: श्रीगंगानगर में बड़ा खुलासा 🚨

राजस्थान की सीमांत नगरी श्रीगंगानगर में एक बड़ी सुरक्षा कार्रवाई में, राजस्थान सीआईडी इंटेलिजेंस (CID-Intelligence) ने साधुवाली छावनी क्षेत्र के निकट से एक संदिग्ध ISI एजेंट को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी ऐसे समय में हुई है जब देश की सुरक्षा एजेंसियां सीमावर्ती क्षेत्रों में जासूसी नेटवर्क पर कड़ी निगरानी रख रही हैं।

गिरफ्तारी और पहचान

पकड़े गए संदिग्ध की पहचान प्रकाश सिंह उर्फ बादल के रूप में हुई है, जो मूल रूप से पंजाब के फिरोजपुर का निवासी है। इंटेलिजेंस टीम ने आरोपी को लंबे समय से संदेह के आधार पर निगरानी में रखा हुआ था। साधुवाली सैन्य प्रतिष्ठान, जो कि भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा के करीब स्थित है, की संवेदनशीलता को देखते हुए यह गिरफ्तारी अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

इंटेलिजेंस के सूत्रों के अनुसार, प्रकाश सिंह उर्फ बादल एक सामान्य नागरिक की आड़ में इस क्षेत्र में सक्रिय था, लेकिन उसकी गतिविधियाँ संदिग्ध थीं, जिसने सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क किया। लगातार तकनीकी और भौतिक निगरानी के बाद, सीआईडी इंटेलिजेंस ने पुख्ता सबूत जुटाकर उसे हिरासत में ले लिया।

जासूसी की कार्यप्रणाली

प्रारंभिक पूछताछ में, आरोपी ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के लिए काम करने की बात कबूल की है। उसकी कार्यप्रणाली बेहद चौंकाने वाली है। वह मुख्य रूप से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का उपयोग करता था, जिसके माध्यम से वह पाकिस्तान में बैठे अपने हैंडलर्स के सीधे संपर्क में था।

प्रकाश सिंह भारतीय सेना से जुड़ी गोपनीय सूचनाएं और संवेदनशील डेटा पाकिस्तान भेजता था। इन सूचनाओं में शामिल हैं:

सैन्य प्रतिष्ठानों की तस्वीरें और वीडियो: साधुवाली और आसपास के अन्य सैन्य ठिकानों की अंदरूनी और बाहरी जानकारी।

भारतीय सेना के वाहनों की आवाजाही: सीमावर्ती सड़कों पर सेना के काफिलों, लॉजिस्टिक मूवमेंट और हथियारों की ढुलाई से संबंधित जानकारी।

सीमावर्ती क्षेत्रों की टोह: सीमा पर स्थित बंकरों, फेंसिंग की स्थिति और सीमा सुरक्षा बल (BSF) की तैनाती की गोपनीय जानकारी।

इंटेलिजेंस अधिकारियों का मानना है कि आरोपी को इन जानकारियों को भेजने के बदले पैसा मिलता था, जिसे वह डिजिटल माध्यमों से प्राप्त करता था। यह गिरफ्तारी इस बात का संकेत है कि ISI अब भी सोशल मीडिया और डिजिटल कम्युनिकेशन का उपयोग करके सीमावर्ती राज्यों में अपने नेटवर्क को मजबूत करने की कोशिश कर रहा है।

आगे की कार्रवाई

सीआईडी इंटेलिजेंस अब इस मामले की तह तक जाने की कोशिश कर रही है। आरोपी से विस्तृत पूछताछ की जा रही है ताकि उसके पूरे नेटवर्क और अन्य सहयोगियों का पता लगाया जा सके। जाँच का मुख्य उद्देश्य यह पता लगाना है कि इस नेटवर्क में और कितने लोग शामिल हैं और उन्होंने अब तक कितनी संवेदनशील जानकारी पाकिस्तान भेजी है। इसके अलावा, उन पाकिस्तानी हैंडलर्स की पहचान और उनके ठिकाने का पता लगाना भी प्राथमिकता में है, जो प्रकाश सिंह को निर्देश दे रहे थे।

  1. सुरक्षा एजेंसियां अब सीमावर्ती क्षेत्रों में तैनात जवानों और स्थानीय निवासियों को सोशल मीडिया पर ‘अज्ञात’ व्यक्तियों से मित्रता करने या संवेदनशील जानकारी साझा करने के प्रति और अधिक सतर्क रहने की सलाह दे रही हैं। यह घटना एक बार फिर से सीमावर्ती सुरक्षा की संवेदनशीलता को उजागर करती है।
©️ श्री गंगानगर न्यूज़ ©️