🢀
🛑 दिल्ली में ‘मेडिकल इमरजेंसी’: अजन्मे बच्चों पर प्रदूषण का जानलेवा खतरा

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली-एनसीआर और इसके आस-पास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण (Air Pollution) का स्तर एक बार फिर खतरनाक सीमा को पार कर गया है, जिसने एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट को जन्म दे दिया है। स्थिति की भयावहता को देखते हुए, देश के सबसे बड़े चिकित्सा संस्थान एम्स (AIIMS) के विशेषज्ञों ने दिल्ली की हवा को औपचारिक रूप से ‘मेडिकल इमरजेंसी’ घोषित कर दिया है। यह घोषणा लोगों के लिए एक सख्त अलर्ट है कि स्थिति नियंत्रण से बाहर हो चुकी है और तत्काल सावधानी बरतने की आवश्यकता है।

🌬️ ज़हरीली हवा: अजन्मे बच्चों के लिए ‘साइलेंट पॉइज़न’

 

एम्स के विशेषज्ञों ने अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि दिल्ली, हरियाणा और पंजाब की यह ज़हरीली हवा न केवल वयस्कों, बुजुर्गों और सांस की बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए खतरा है, बल्कि यह अजन्मे (Unborn) बच्चों के लिए एक ‘साइलेंट पॉइज़न’ (खामोश जहर) साबित हो रही है।

विशेषज्ञों का कहना है कि हवा में मौजूद सूक्ष्म कण (PM 2.5 और PM 10) गर्भवती महिलाओं के रक्तप्रवाह (Bloodstream) में प्रवेश कर सकते हैं और गर्भनाल (Placenta) के माध्यम से सीधे भ्रूण (Fetus) तक पहुँच सकते हैं। इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • जन्मजात दोष: बच्चों में जन्म के समय दोष (Birth Defects) होने का खतरा।

  • कम वजन: नवजात शिशुओं का वजन सामान्य से काफी कम होना।

  • प्रीमैच्योर डिलीवरी: समय से पहले बच्चे का जन्म होना।

  • फेफड़ों का विकास: बच्चे के फेफड़ों के विकास पर स्थायी नकारात्मक प्रभाव पड़ना।

यह स्थिति बताती है कि प्रदूषण का प्रभाव केवल वर्तमान पीढ़ी तक सीमित नहीं है, बल्कि यह अगली पीढ़ी के स्वास्थ्य को भी गंभीर रूप से खतरे में डाल रहा है।

😷 आपातकालीन स्वास्थ्य सलाह और बचाव के उपाय

 

एम्स के विशेषज्ञों ने लोगों को इस ‘मेडिकल इमरजेंसी’ से निपटने और खुद को बचाने के लिए कुछ सख्त स्वास्थ्य सलाह जारी की हैं:

  1. खिड़कियाँ बंद रखें: लोगों को सलाह दी गई है कि वे अपने घरों की खिड़कियाँ और दरवाजे कसकर बंद रखें, खासकर सुबह और शाम के समय, जब प्रदूषण का स्तर सबसे अधिक होता है।

  2. बाहरी हवा को रोकें: घर के अंदर एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें या गीले कपड़े/चादरों का उपयोग कर बाहर की प्रदूषित हवा को अंदर आने से रोकें।

  3. मास्क का उपयोग: बाहर निकलने पर N95 या N99 मास्क का अनिवार्य रूप से उपयोग करें। सामान्य कपड़े या सर्जिकल मास्क प्रदूषित कणों को फ़िल्टर करने में सक्षम नहीं होते हैं।

  4. पानी का सेवन: शरीर से टॉक्सिंस (Toxins) को बाहर निकालने के लिए अधिक से अधिक पानी पीने की सलाह दी गई है। यह शरीर की प्राकृतिक सफाई प्रक्रिया में मदद करता है।

  5. बाहरी गतिविधियों से बचें: बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को बाहरी शारीरिक गतिविधियों जैसे टहलना या व्यायाम करना पूरी तरह से बंद कर देना चाहिए।

प्रदूषण का वर्तमान स्तर स्वास्थ्य के लिए ‘खतरनाक’ श्रेणी में आता है।

Shutterstock
Explore

यह स्थिति तब तक बनी रह सकती है जब तक मौसम की स्थिति में सुधार नहीं होता या प्रदूषणकारी गतिविधियों पर लगाम नहीं लगती।

©️ श्री गंगानगर न्यूज़ ©️