🢀
🚨 श्री गंगानगर मास्टर प्लान घोटाला: औद्योगिक भूमि को आवासीय बनाने पर बड़ा बवाल, उच्च स्तरीय जांच शुरू

श्री गंगानगर में नगर विकास के लिए तैयार किए गए मास्टर प्लान (Master Plan) में बड़े पैमाने पर हेराफेरी (manipulation) का गंभीर मामला सामने आया है, जिसने शहर के प्रशासनिक और राजनीतिक गलियारों में भूचाल ला दिया है। यह विवाद तब और गहरा गया जब पता चला कि शहर के कुछ प्रमुख इलाकों में, विशेष रूप से मास्टर प्लान के तहत औद्योगिक उपयोग (Industrial Use) के लिए आरक्षित की गई बेशकीमती सरकारी और निजी भूमि को गुपचुप तरीके से आवासीय उपयोग (Residential Use) की भूमि दर्शाकर उस पर अवैध रूप से बड़े-बड़े भूखंड (plots) काट दिए गए हैं।

इस मामले का खुलासा होते ही, नगरीय विकास, आवासन एवं स्वायत्त शासन राज्यमंत्री ने इसे अत्यंत गंभीरता से लिया है। उन्होंने तत्काल प्रभाव से स्वायत्त शासन विभाग (Local Self Government Department) के प्रमुख सचिव को इस पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच करवाने और अपनी विस्तृत टिप्पणी प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं। मंत्री ने साफ कहा है कि इस तरह से मास्टर प्लान के साथ छेड़छाड़ करना न केवल नियमों का उल्लंघन है, बल्कि यह भविष्य के शहर नियोजन (city planning) को भी बुरी तरह प्रभावित करेगा।

करोड़ों की ज़मीन का दुरुपयोग और मिलीभगत के आरोप

 

जांच के दायरे में यह बात सामने आई है कि यह हेराफेरी किसी छोटे स्तर पर नहीं हुई है। आरोप है कि एक संगठित भूमाफिया (land mafia) ने स्थानीय अधिकारियों (officials) और नगर नियोजन से जुड़े कर्मचारियों के साथ मिलकर साठगांठ (collusion) की। मास्टर प्लान जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज़ में नियमों को दरकिनार करते हुए, औद्योगिक क्षेत्र को बदलकर आवासीय क्षेत्र दिखा दिया गया, जिससे करोड़ों रुपए की ज़मीन का रातों-रात मूल्य कई गुना बढ़ गया। इस बदलाव के बाद, उस ज़मीन पर धड़ल्ले से कॉलोनियां काटने और भूखंड बेचने का काम शुरू कर दिया गया, जिससे सरकारी खजाने को तो चूना लगा ही, साथ ही शहर के औद्योगिकीकरण की संभावनाओं को भी गहरा धक्का लगा।

जनप्रतिनिधियों और जनता में आक्रोश

 

इस घोटाले के सामने आने के बाद स्थानीय जनप्रतिनिधियों और शहरवासियों में भारी आक्रोश है। उनका कहना है कि यह पहली बार नहीं है जब मास्टर प्लान में इस तरह की गड़बड़ी की गई है। शहर के सामाजिक संगठनों ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि इस मामले में लिप्त सभी अधिकारियों और भूमाफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की गई, तो वे बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे।

प्रमुख सचिव को दिए गए जांच आदेश में मंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि यह पता लगाया जाए कि यह बदलाव किस स्तर पर, किसके दबाव में और किस तारीख को किया गया। जांच में सभी संबंधित फाइलों, नोटिंग्स और तत्कालीन अधिकारियों की भूमिका की गहन समीक्षा की जाएगी। प्रशासन का दावा है कि जांच पूरी होने के बाद न केवल दोषी अधिकारियों को निलंबित किया जाएगा, बल्कि अवैध रूप से काटे गए भूखंडों को भी मास्टर प्लान के मूल स्वरूप (original form) के अनुसार बहाल करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी, भले ही इसके लिए बड़े निर्माणों को हटाना पड़े।

इस जांच का उद्देश्य केवल दोषियों को सजा दिलाना नहीं है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना है कि भविष्य में कोई भी तत्व शहर के विकास की आधारशिला यानी मास्टर प्लान के साथ खिलवाड़ न कर सके। श्री गंगानगर की जनता इस जांच के परिणाम पर टकटकी लगाए हुए है।

©️ श्री गंगानगर न्यूज़ ©️