
मुंबई/चंडीगढ़। भारतीय क्रिकेट टीम से बाहर चल रहे सलामी बल्लेबाज पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) ने अपनी वापसी की दस्तक जोर से दी है। उन्होंने घरेलू क्रिकेट के सबसे बड़े टूर्नामेंट, रणजी ट्रॉफी 2025-26 में धमाकेदार प्रदर्शन करते हुए चयनकर्ताओं को एक कड़ा संदेश भेजा है। चंडीगढ़ के खिलाफ खेलते हुए, शॉ ने न केवल एक बड़ा स्कोर खड़ा किया, बल्कि उन्होंने अपनी चिर-परिचित आक्रामक शैली और तेज गति से यह कारनामा कर दिखाया।
रिकॉर्ड तोड़ दोहरा शतक
यह असाधारण पारी मुंबई की टीम की ओर से खेलते हुए आई, जहाँ पृथ्वी शॉ ने अपनी बल्लेबाजी का विस्फोटक प्रदर्शन किया। उन्होंने सिर्फ 141 गेंदों का सामना करते हुए तेज-तर्रार दोहरा शतक (Double Century) जड़ दिया। यह पारी रणजी ट्रॉफी के इतिहास की सबसे तेज पारियों में से एक बन गई है।
- पारी का विवरण: शॉ की इस पारी में उनके आक्रामक तेवर साफ झलक रहे थे। उन्होंने गेंदबाजों को कोई मौका न देते हुए पूरे मैदान में 29 शानदार चौके और 5 गगनचुंबी छक्के जड़े। उनका स्ट्राइक रेट बताता है कि उन्होंने मैदान पर बिल्कुल भी समय बर्बाद नहीं किया।
- रणनीतिक महत्व: चंडीगढ़ की गेंदबाजी के खिलाफ उनकी यह पारी न केवल टीम को एक मजबूत स्थिति में ले गई, बल्कि यह दर्शाती है कि शॉ ने फिटनेस और मानसिक मजबूती पर कितना काम किया है।
टीम इंडिया में वापसी का दावा
पिछले कुछ समय से खराब फॉर्म और फिटनेस के मुद्दों के कारण पृथ्वी शॉ भारतीय टीम (Team India) से बाहर चल रहे थे। कई विशेषज्ञ और प्रशंसक मान रहे थे कि उनके अंतरराष्ट्रीय करियर पर ब्रेक लग गया है। हालांकि, रणजी ट्रॉफी में उनका यह धमाकेदार प्रदर्शन उनके लिए वापसी का रास्ता खोल सकता है।
- चयनकर्ताओं का ध्यान: राष्ट्रीय चयन समिति लगातार प्रतिभाशाली और फॉर्म में चल रहे खिलाड़ियों पर नजर रखती है। इस तरह का शानदार और रिकॉर्ड-ब्रेकिंग प्रदर्शन निश्चित रूप से चयनकर्ताओं को मजबूर करेगा कि वे आगामी अंतरराष्ट्रीय असाइनमेंट के लिए उनके नाम पर विचार करें।
- सलामी बल्लेबाज की जगह: भारतीय टीम को अक्सर एक आक्रामक सलामी बल्लेबाज की जरूरत होती है, जो पॉवरप्ले का पूरा फायदा उठा सके। शॉ में यह क्षमता भरपूर है।
<h3>प्रदर्शन में निरंतरता की जरूरत</h3>
विश्लेषकों का मानना है कि शॉ को भारतीय टीम में अपनी जगह पक्की करने के लिए इस तरह के प्रदर्शन में निरंतरता बनाए रखनी होगी। उन्हें न केवल बड़े स्कोर बनाने होंगे, बल्कि अपनी फिटनेस और अनुशासन पर भी काम करना होगा।
पृथ्वी शॉ की यह पारी भारतीय क्रिकेट के लिए एक रोमांचक संकेत है, क्योंकि यह युवा सितारा अब मैदान पर अपनी क्षमता साबित करने के लिए पूरी तरह तैयार है।