
एक हालिया राष्ट्रीय सर्वेक्षण (National Survey) ने आधुनिक समाज में रोमांटिक रिश्तों (Romantic Relationships) और अकेले रहने (Being Single) के प्रति युवाओं की बदलती मानसिकता को उजागर किया है। सर्वे के नतीजे स्पष्ट करते हैं कि आज की युवा पीढ़ी—विशेषकर मिलेनियल्स (Millennials) और जेन ज़ी (Gen Z)—अनावश्यक सामाजिक दबाव में आकर किसी भी रिश्ते में बंधने के लिए तैयार नहीं है।
सर्वे का मुख्य निष्कर्ष: गुणवत्ता पर ज़ोर
सर्वे का सबसे महत्वपूर्ण निष्कर्ष यह रहा है कि बड़ी संख्या में सिंगल लोगों ने माना है कि वे केवल एक ‘औसत’ या ‘काम चलाऊ’ रिश्ते (Mediocre Relationship) में रहने की बजाय अकेला रहना ज़्यादा पसंद करते हैं।
- ‘बोरियत’ से इनकार: युवाओं का मानना है कि एक ऐसा रिश्ता, जो उनके जीवन में कोई वास्तविक खुशी या विकास न जोड़े, समय और ऊर्जा की बर्बादी है। वे किसी भी हाल में बोरियत भरे या संघर्षपूर्ण रिश्ते को गले लगाने के पक्ष में नहीं हैं।
- अकेलेपन की स्वीकार्यता: पहले अकेले रहने को सामाजिक रूप से नकारात्मक माना जाता था, लेकिन अब सिंगल लोग इसे आत्म-देखभाल (Self-Care), व्यक्तिगत विकास और स्वतंत्रता के अवसर के रूप में देखते हैं।
बदलती प्राथमिकताएँ: मानसिक स्वास्थ्य और करियर
यह बदलाव केवल रिश्ते की अनिच्छा नहीं है, बल्कि जीवन प्राथमिकताओं में एक बुनियादी बदलाव है। सर्वे के अनुसार, सिंगल लोग अब इन बातों को अधिक महत्व दे रहे हैं:
| प्राथमिकता | महत्व क्यों? |
| मानसिक स्वास्थ्य | वे एक टॉक्सिक (Toxic) या तनावपूर्ण रिश्ते में पड़ने से बचना चाहते हैं, जो उनके मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुँचाए। |
| करियर विकास | युवा पेशेवर अपने करियर, शिक्षा और व्यक्तिगत लक्ष्यों को रिश्ते की मांगों से ऊपर प्राथमिकता दे रहे हैं। |
| भावनात्मक ज़रूरतें | वे एक ऐसे पार्टनर की तलाश में हैं जो उनकी भावनात्मक ज़रूरतों को समझे और उन्हें बढ़ने में मदद करे। |
नया दृष्टिकोण: सामाजिक दबाव से मुक्ति
यह सर्वे समाज पर से पारंपरिक वैवाहिक दबाव (Societal Pressure) के कम होने का भी संकेत देता है।
“आज की युवा पीढ़ी ‘मात्रा (Quantity)’ से ज़्यादा ‘गुणवत्ता (Quality)’ पर ध्यान केंद्रित कर रही है। वे केवल इसलिए शादी नहीं करेंगे या रिश्ते में नहीं आएंगे, क्योंकि उनकी उम्र हो गई है या समाज उनसे ऐसा करने की उम्मीद करता है। उन्हें ‘परफेक्ट मैच’ चाहिए—एक ऐसा पार्टनर जो उनके मूल्यों, लक्ष्यों और जीवनशैली के साथ तालमेल बिठाए।”
निष्कर्ष यह है कि सिंगल लोग अब रिश्ते को एक ‘चाहत’ (Want) के रूप में देखते हैं, न कि ‘ज़रूरत’ (Need) के रूप में। यह बदलाव न केवल डेटिंग कल्चर को बदल रहा है, बल्कि यह व्यक्तियों को आत्म-सशक्तिकरण (Self-Empowerment) की ओर भी ले जा रहा है।