
साउथ सिनेमा की ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘KGF’ में ‘कासिम चाचा’ की भूमिका निभाने वाले लोकप्रिय अभिनेता हरीश राय (Harish Rai) का 55 वर्ष की आयु में थायरॉइड कैंसर (Thyroid Cancer) के कारण निधन हो गया है। उनके दुखद निधन ने एक बार फिर इस गंभीर लेकिन अक्सर नज़रअंदाज़ किए जाने वाले कैंसर के प्रति सार्वजनिक जागरूकता को बढ़ा दिया है।
हरीश राय लंबे समय से थायरॉइड कैंसर से जूझ रहे थे। हालाँकि, उनका निधन इस बात पर ज़ोर देता है कि समय पर निदान और उपचार जीवन को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
थायरॉइड कैंसर क्या है?
थायरॉइड कैंसर, गले के निचले हिस्से में स्थित तितली के आकार की थायरॉइड ग्रंथि (Thyroid Gland) में शुरू होता है। यह ग्रंथि हार्मोन बनाती है जो हृदय गति, रक्तचाप, शरीर के तापमान और वजन को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। अच्छी बात यह है कि अन्य कैंसरों की तुलना में थायरॉइड कैंसर अक्सर अधिक इलाज योग्य (treatable) होता है, बशर्ते इसका पता शुरुआती चरण में चल जाए।
डॉक्टरों द्वारा सुझाए गए शुरुआती लक्षण
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इस कैंसर के शुरुआती संकेतों को पहचानने पर ज़ोर दिया है, ताकि लोग समय रहते चिकित्सा सहायता ले सकें:
| लक्षण (Symptom) | विवरण (Description) |
| गले में गांठ या सूजन | गले के निचले हिस्से में या कॉलर बोन के ऊपर एक गांठ महसूस होना। यह आमतौर पर सख्त होती है और छूने पर दर्द रहित हो सकती है। |
| आवाज़ में बदलाव | आवाज़ का भारी होना, कर्कश होना (Hoarseness) या आवाज में अस्पष्टता आना, जो कुछ हफ्तों से ज़्यादा समय तक बनी रहे। |
| निगलने में कठिनाई | खाना या पानी निगलने में लगातार दर्द या मुश्किल महसूस होना (Dysphagia)। |
| गर्दन में दर्द | गर्दन या गले में दर्द, जो कान तक जा सकता है। |
| सांस लेने में कठिनाई | लगातार बढ़ते दबाव के कारण सांस लेने में तकलीफ होना (यदि ट्यूमर बड़ा हो जाए)। |
जागरूकता और समय पर निदान का महत्व
हरीश राय के मामले को देखते हुए, डॉक्टरों ने नागरिकों को सलाह दी है कि उन्हें गले या गर्दन में होने वाले किसी भी असामान्य बदलाव को हल्के में नहीं लेना चाहिए।
जागरूकता ही सबसे बड़ा बचाव है। यदि ऊपर बताए गए कोई भी लक्षण दो सप्ताह से अधिक समय तक बने रहते हैं, तो तुरंत एंडोक्रिनोलॉजिस्ट (Endocrinologist) या विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लेना आवश्यक है।
थायरॉइड कैंसर का निदान आमतौर पर शारीरिक जाँच, अल्ट्रासाउंड और अंततः फाइन नीडल एस्पिरेशन बायोप्सी (FNAB) द्वारा किया जाता है। शुरुआती पहचान से सरल उपचार (जैसे सर्जरी या रेडियोएक्टिव आयोडीन थेरेपी) के माध्यम से सफल इलाज की संभावना बहुत अधिक हो जाती है।
यह ज़रूरी है कि हम ‘कासिम चाचा’ को याद करते हुए, उनके निधन को एक जागरूकता संदेश के रूप में लें और अपने स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहें।