
राजस्थान के सीमावर्ती जिले श्रीगंगानगर में भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा (International Border) के पास एक संदिग्ध ड्रोन मिलने से सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों में हड़कंप मच गया है। यह घटना सीमा पार से होने वाली घुसपैठ और तस्करी की गतिविधियों के बीच एक गंभीर चिंता का विषय बन गई है।
घटना का विवरण
गुरुवार सुबह श्रीगंगानगर जिले के अनूपगढ़ उपखंड के सीमावर्ती गांव 12 ए के एक खेत में ग्रामीणों ने एक बड़ी, हवाई जहाज के आकार की वस्तु पड़ी देखी। ग्रामीणों ने तुरंत इसकी सूचना स्थानीय पुलिस को दी।
- ड्रोन का आकार और स्थिति: यह संदिग्ध वस्तु एक ड्रोन थी, जिसकी लंबाई 5 से 7 फीट के बीच बताई गई है। ड्रोन क्षतिग्रस्त अवस्था में था।
- टूटा हुआ कैमरा मॉड्यूल: सबसे महत्वपूर्ण बात यह थी कि ड्रोन का कैमरा मॉड्यूल टूटा हुआ और उससे अलग पड़ा हुआ मिला। इससे यह आशंका जताई जा रही है कि यह कोई टोही या सर्विलांस ड्रोन (Reconnaissance or Surveillance Drone) हो सकता है जिसका इस्तेमाल सीमा पार की गतिविधियों पर निगरानी रखने के लिए किया गया होगा।
- स्थान: ड्रोन अंतरराष्ट्रीय सीमा (IB) से करीब 15 किलोमीटर की दूरी पर वन विभाग की नर्सरी के पास मिला।
सुरक्षा एजेंसियों का त्वरित एक्शन
ग्रामीणों की सूचना मिलते ही अनूपगढ़ पुलिस और सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवान तुरंत मौके पर पहुँचे। उन्होंने पूरे क्षेत्र को सुरक्षा घेरे में ले लिया और संदिग्ध ड्रोन को अपने कब्जे में लिया।
- जब्ती और जांच: पुलिस और बीएसएफ ने ड्रोन और उसके टूटे हुए हिस्सों को जब्त कर लिया है।
- हाई अलर्ट: इस घटना के बाद पूरे सीमावर्ती क्षेत्र में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है और सुरक्षा एजेंसियों ने सघन सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है।
- तकनीकी विश्लेषण: ड्रोन को फॉरेंसिक और तकनीकी विश्लेषण के लिए भेजा जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य यह पता लगाना है कि ड्रोन किस देश का है, इसका स्रोत (Source) क्या है, और इसे भारतीय सीमा के भीतर भेजने का उद्देश्य क्या था। बम निरोधक दस्ते को भी एहतियात के तौर पर बुलाया गया था।
चिंता का विषय और संभावित उद्देश्य
श्रीगंगानगर का इलाका पाकिस्तान की सीमा से सटा हुआ है, और पिछले कुछ समय से इस क्षेत्र में ड्रोन के माध्यम से हेरोइन और हथियारों की तस्करी के मामले सामने आते रहे हैं। हालांकि बरामद ड्रोन का आकार (7 फीट लंबा) इसे एक सामान्य तस्करी ड्रोन से अलग करता है और इसके जासूसी या निगरानी (Spying or Surveillance) के उद्देश्य की आशंका को बढ़ाता है।
सुरक्षा एजेंसियां अब इस बात की गहनता से जांच कर रही हैं कि यह ड्रोन दुर्घटनावश भारतीय क्षेत्र में गिरा है, या फिर इसे जानबूझकर किसी विशेष खुफिया जानकारी जुटाने के लिए भेजा गया था।
यह घटना दर्शाती है कि सीमा पार से होने वाली हर संदिग्ध गतिविधि पर भारतीय सुरक्षा बल और स्थानीय एजेंसियां पूरी तरह सतर्क और मुस्तैद हैं।