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🚫 कामकाजी कपल्स के लिए ‘नो-गैजेट टाइम’ की अनिवार्यता: 30 मिनट का ब्रेक बचा सकता है रिश्ता

आधुनिक युग के कामकाजी कपल्स के लिए सबसे बड़ी चुनौती है समय की कमी और स्मार्टफोन का बढ़ता दखल। करियर की भाग-दौड़ में, अक्सर ऐसा होता है कि शारीरिक रूप से एक ही छत के नीचे मौजूद होने पर भी, पति-पत्नी अपने लैपटॉप या मोबाइल फोन में व्यस्त रहते हैं। यह स्थिति रिश्ते में ‘गुणवत्तापूर्ण समय’ (Quality Time) की कमी पैदा करती है, जिससे धीरे-धीरे भावनात्मक दूरी आने लगती है।

रिलेशनशिप एक्सपर्ट्स और मैरिज काउंसलर्स ने इस ‘साइलेंट किलर’ (Silent Killer) यानी गैजेट्स के बढ़ते उपयोग से निपटने के लिए एक सीधा और प्रभावी समाधान पेश किया है: हर दिन 30 मिनट का अनिवार्य ‘नो-गैजेट टाइम’ (No-Gadget Time)।

 

गैजेट्स क्यों हैं रिश्तों के लिए खतरा?

 

एक्सपर्ट्स मानते हैं कि स्मार्टफोन और अन्य गैजेट्स ध्यान भटकाने वाले सबसे बड़े कारक हैं। जब आप अपने पार्टनर के साथ होते हैं, लेकिन लगातार फ़ोन चेक कर रहे होते हैं, तो आप अनजाने में यह संदेश देते हैं कि फ़ोन पर आने वाला नोटिफिकेशन आपके पार्टनर से ज़्यादा ज़रूरी है।

  • भावनाओं की अनदेखी: गैजेट्स की उपस्थिति में, कपल्स एक-दूसरे की छोटी-छोटी भावनाओं और गैर-मौखिक संकेतों (Non-verbal Cues) को नज़रअंदाज़ कर देते हैं।
  • अकेलेपन की भावना: पार्टनर को लगता है कि वे उपेक्षित हैं, जिससे रिश्ते में अकेलापन और निराशा पैदा होती है, जो अंततः बड़े विवादों में बदल सकती है।
  • सतही बातचीत: बातचीत ‘आज का दिन कैसा था?’ जैसे सतही सवालों तक सिमट जाती है, जबकि गहरी और सार्थक बातचीत नहीं हो पाती।

 

30 मिनट का ‘गोल्डन आवर’ और इसके फायदे

 

विशेषज्ञों द्वारा सुझाया गया 30 मिनट का ‘नो-गैजेट टाइम’ रिश्ते में रिचार्ज करने के लिए पर्याप्त है। इस समय को पवित्र (Sacred) माना जाना चाहिए, जहाँ:

  1. संपूर्ण उपस्थिति (Full Presence): दोनों पार्टनर एक-दूसरे को अपनी संपूर्ण उपस्थिति देते हैं। मोबाइल और काम से जुड़ी सभी चीज़ों को दूर रखा जाता है।
  2. गहरी बॉन्डिंग: यह समय एक-दूसरे के दिन की वास्तविक घटनाओं और मानसिक-भावनात्मक स्थिति को समझने में मदद करता है। उदाहरण के लिए, “आज ऑफिस में किस बात से तुम्हें सबसे ज़्यादा निराशा हुई?” जैसे सवाल गहरी बॉन्डिंग बनाते हैं।
  3. सहानुभूति का विकास: जब ध्यान नहीं भटकता, तो आप अपने पार्टनर के तनाव, चिंता या खुशी को बेहतर ढंग से महसूस कर पाते हैं, जिससे रिश्ते में सहानुभूति (Empathy) बढ़ती है।
  4. लगाव और जुड़ाव: यह छोटा सा निवेश लंबे समय में भावनात्मक अलगाव को कम करता है और रिश्ते को स्थायी प्रेम और समर्थन की भावना से भर देता है।

कामकाजी कपल्स के लिए, यह 30 मिनट का ब्रेक केवल फ़ोन बंद करने के बारे में नहीं है; यह एक सचेत निर्णय है कि वे अपने रिश्ते को अपनी करियर की महत्वाकांक्षाओं से ऊपर रखते हैं। यह एक निवेश है जो आपके रिश्ते के स्वास्थ्य को सुनिश्चित करता है।

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