
जॉर्डन/नई दिल्ली। (28 अक्टूबर, 2025)
भारतीय कुश्ती के लिए यह एक बेहद गर्व का क्षण है। देश के युवा पहलवान सुजीत कलकल ने अंडर-23 विश्व चैंपियनशिप (U23 World Championships) में सनसनीखेज प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक (Gold Medal) जीतकर इतिहास रच दिया है। सुजीत की इस जीत ने न केवल उन्हें भारतीय कुश्ती के अगले बड़े सितारे के रूप में स्थापित किया है, बल्कि वैश्विक स्तर पर देश का मान भी बढ़ाया है।
शानदार प्रदर्शन और फाइनल मुकाबला
सुजीत कलकल ने पूरे टूर्नामेंट के दौरान जबरदस्त फॉर्म दिखाई और अपने वर्ग के सभी विरोधियों को पूरी ताकत से हराया। उनकी तकनीक, गति और बेजोड़ धैर्य ने उन्हें फाइनल तक पहुंचने में मदद की।
फाइनल में जीत: सुजीत का सामना फाइनल मुकाबले में उज्बेकिस्तान के मजबूत पहलवान जालोलोव से हुआ। यह मुकाबला काफी रोमांचक और कांटेदार रहा। दोनों पहलवानों ने एक-दूसरे को कड़ी चुनौती दी, लेकिन सुजीत ने अपने बेहतरीन डिफेंस और समय पर किए गए सटीक अटैकों के दम पर जालोलोव को मात दी। उन्होंने सुनिश्चित किया कि निर्णायक क्षणों में वह अंक बटोरें और अंततः स्वर्ण पदक पर कब्जा कर लिया।
यह जीत भारत के लिए इस चैंपियनशिप में एक बड़ा माइलस्टोन है, जो देश में कुश्ती की मजबूत नींव को दर्शाती है।
प्रतिभा और कड़ी मेहनत का परिणाम
सुजीत कलकल की यह सफलता रातों-रात नहीं मिली है। यह उनकी वर्षों की कड़ी मेहनत, समर्पण और अनुशासित प्रशिक्षण का परिणाम है। वह लंबे समय से राष्ट्रीय शिविरों में दिग्गज कोचों के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण ले रहे थे। उनकी तकनीक, खासकर डबल-लेग अटैक और डिफेंसिव मूव्स में सुधार ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय मंच पर सफलता दिलाई है।
कुश्ती विशेषज्ञों का मानना है कि सुजीत में ओलंपिक और सीनियर विश्व चैंपियनशिप जैसे बड़े मंचों पर भारत के लिए पदक जीतने की पूरी क्षमता है। अंडर-23 स्तर पर मिली यह जीत उन्हें भविष्य की चुनौतियों के लिए एक मजबूत आत्मविश्वास देगी।
देश भर में जश्न और बधाई
सुजीत कलकल की ऐतिहासिक जीत की खबर सुनते ही पूरे देश में खुशी की लहर दौड़ गई। भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI), भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) और कई वरिष्ठ खिलाड़ियों ने उन्हें इस बड़ी उपलब्धि के लिए बधाई दी है।
केंद्रीय खेल मंत्री ने सुजीत को बधाई देते हुए कहा, “सुजीत कलकल ने देश का नाम रोशन किया है। यह जीत भारतीय कुश्ती के उज्जवल भविष्य का संकेत है। सरकार उन्हें और अन्य युवा पहलवानों को भविष्य के अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों के लिए हर संभव सहयोग प्रदान करना जारी रखेगी।”
सुजीत कलकल का यह स्वर्ण पदक न केवल एक व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि भारत में कुश्ती के खेल को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरणा का एक स्रोत भी है।