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विज्ञान का दावा: खुशहाल शादी के लिए पार्टनर का हैंडसम होना नहीं, ‘भावनात्मक बुद्धिमत्ता’ वाला होना जरूरी; पुरुषों के EI पर बड़ी रिसर्च

नई दिल्ली। अगर आप एक खुशहाल और लंबे समय तक चलने वाले वैवाहिक जीवन की तलाश में हैं, तो अपने साथी के रूप-रंग या बैंक बैलेंस से ज्यादा, उसकी भावनात्मक बुद्धिमत्ता (Emotional Intelligence – EI) पर ध्यान दें। यह निष्कर्ष एक हालिया और व्यापक रिसर्च में सामने आया है, जिसने रिश्तों की दुनिया में एक नई बहस छेड़ दी है। अध्ययन के अनुसार, जिस पुरुष में भावनात्मक बुद्धिमत्ता का स्तर उच्च होता है, वह न केवल एक बेहतर पति साबित होता है, बल्कि वह अपने वैवाहिक जीवन को भी तनावमुक्त और सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

यह नया अध्ययन इस बात पर जोर देता है कि भावनात्मक रूप से बुद्धिमान (Emotionally Intelligent) पुरुष किसी भी रिश्ते के लिए एक मजबूत स्तंभ होते हैं। ऐसे पुरुष:

  1. अपनी भावनाओं को समझते हैं: वे जानते हैं कि उन्हें गुस्सा, दुख या तनाव क्यों हो रहा है, जिससे वे बिना प्रतिक्रिया दिए (Reacting) अपनी भावनाओं को संभाल पाते हैं।
  2. पार्टनर के प्रति संवेदनशील होते हैं: वे अपनी पत्नी की जरूरतों, चिंताओं और संघर्षों को केवल सुनते नहीं, बल्कि उन्हें महसूस करते हैं और सही मायनों में समर्थन देते हैं।
  3. संवाद (Communication) को आसान बनाते हैं: वे समस्याओं को चिल्लाकर या बहस करके नहीं, बल्कि शांत और रचनात्मक तरीके से बातचीत करके सुलझाते हैं।

रिसर्च में पाया गया कि भावनात्मक रूप से बुद्धिमान पुरुषों के साथ शादी करने वाली महिलाएं रिश्ते में अधिक संतुष्ट और कम तनाव में रहती हैं। इसका सीधा कारण यह है कि ऐसे पुरुष छोटी-छोटी बातों पर होने वाले झगड़ों को बढ़ने नहीं देते और समस्याओं को ‘हम दोनों की समस्या’ मानकर हल करते हैं।

विशेषज्ञों की सलाह: शादी से पहले EI को कैसे परखें?

रिलेशनशिप विशेषज्ञों और काउंसलर्स ने महिलाओं को सलाह दी है कि वे शादी से पहले अपने पार्टनर में भावनात्मक बुद्धिमत्ता के निम्नलिखित गुण जरूर परखें:

  • सहानुभूति (Empathy): क्या वह आपकी परेशानी को अपनी परेशानी की तरह देखता है? क्या वह आपके नजरिए को बिना जज किए समझने की कोशिश करता है?
  • तनाव प्रबंधन (Stress Management): क्या वह दबाव में आकर चिल्लाता है या शांत होकर समाधान ढूंढता है? क्या वह अपनी गलती मानता है?
  • स्व-जागरूकता (Self-Awareness): क्या वह जानता है कि उसे कब और क्यों गुस्सा आ रहा है? क्या वह अपनी कमियों को स्वीकार करता है?
  • संघर्ष समाधान (Conflict Resolution): क्या वह झगड़े को खत्म करने के लिए पहल करता है, या अहंकार (Ego) में आकर बात करना बंद कर देता है?

काउंसलर्स का निष्कर्ष है कि एक अच्छी शादी केवल रोमांस पर नहीं टिकी होती, बल्कि यह इस बात पर निर्भर करती है कि जोड़े मुश्किल समय को कितनी समझदारी और सहानुभूति से संभालते हैं, और इस काम में भावनात्मक बुद्धिमत्ता एक अपरिहार्य गुण है।

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