🢀
श्री गंगानगर अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर हाई अलर्ट: 200 किलोमीटर का क्षेत्र सील

श्री गंगानगर (राजस्थान)। भारत-पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय सीमा से सटे राजस्थान के प्रमुख जिले श्री गंगानगर में सुरक्षा के मद्देनजर एक अभूतपूर्व कदम उठाया गया है। जिले से लगती लगभग 200 किलोमीटर लंबी सीमा को पूरी तरह से सील कर दिया गया है। यह फैसला सीमा सुरक्षा बल (BSF) और स्थानीय प्रशासन ने देश की आंतरिक और सीमाई सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, विशेष रूप से बढ़ते सुरक्षा अलर्ट के बीच लिया है। यह क्षेत्र रावला मंडी, सूरतगढ़ से लेकर हिंदूमलकोट तक फैला हुआ है, जहां सुरक्षा बलों ने अपनी चौकसी कई गुना बढ़ा दी है।

 

सुरक्षा अलर्ट का कारण और तात्कालिकता

 

सीमा सील करने का मुख्य कारण सीमा पार से किसी भी संभावित घुसपैठ या अवैध गतिविधि को रोकना है। हाल के दिनों में, सीमावर्ती क्षेत्रों में संदिग्ध गतिविधियों, जैसे कि ड्रोन का पाया जाना और सीमा पार से मादक पदार्थों की तस्करी के प्रयासों में वृद्धि देखी गई है। इसके अलावा, किसी भी बड़े अंतर्राष्ट्रीय या राष्ट्रीय तनाव की स्थिति में, सीमावर्ती जिले सबसे पहले प्रभावित होते हैं।

बीएसएफ सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान की तरफ से जीरो लाइन के काफी पीछे मिट्टी का बंध (Earthen Embankment) बनाया गया है, जिससे उस पार की गतिविधियों पर सीधी निगरानी करना मुश्किल हो जाता है। ऐसी परिस्थितियों में, भारत की तरफ से ‘नो-गो ज़ोन’ (No-Go Zone) स्थापित करना और सीमा पर पहरा मजबूत करना अनिवार्य हो जाता है।

 

सुरक्षा बलों की मुस्तैदी और ‘ऑपरेशन सिंदूर’

 

इस हाई अलर्ट के दौरान, सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवानों को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे विभिन्न सुरक्षा अभियानों के तहत चौबीसों घंटे, शिफ्टों में तारबंदी की पैनी निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं।

  • जवानों की संख्या में वृद्धि: सीमा चौकियों पर अतिरिक्त जवानों को तैनात किया गया है।
  • रात में चौकसी: रात के समय गश्त और नाकों (Night Checkpoints) की संख्या बढ़ाई गई है।
  • नो-एंट्री: किसानों को तारबंदी पार खेतों में जाने से फिलहाल रोक दिया गया है, जो कि एक अस्थायी लेकिन आवश्यक प्रतिबंध है।
  • ड्रोन पर प्रतिबंध: किसी भी प्रकार की जासूसी या संदिग्ध गतिविधि को रोकने के लिए जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों में ड्रोन उड़ाने पर भी पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है।

 

आमजन पर प्रभाव और प्रशासन की अपील

 

सुरक्षा के इस कड़े घेरे के बावजूद, स्थानीय प्रशासन और पुलिस लगातार सीमावर्ती गांवों का दौरा कर रहे हैं। ग्रामीणों को किसी भी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान न देने और पूरी तरह से सुरक्षा बलों का सहयोग करने की अपील की गई है। हालांकि, आवाजाही पर प्रतिबंध और कई जगहों पर रात के समय ‘ब्लैकआउट’ (बिजली बंद) लागू होने से रोजमर्रा के जीवन पर थोड़ा असर पड़ा है, लेकिन सीमावर्ती गांवों के लोग, जिन्होंने 1965 और 1971 के युद्ध देखे हैं, सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पूरी तरह से सहयोग कर रहे हैं और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। प्रशासन ने यह भी सुनिश्चित किया है कि लोगों को भ्रामक जानकारी से बचने के लिए केवल आधिकारिक स्रोतों पर ही विश्वास करना चाहिए।

©️ श्री गंगानगर न्यूज़ ©️