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अहंकार की दीवारें तोड़ रही हैं रिश्ते: रिलेशनशिप काउंसलर्स ने बताए ‘ईगो’ से बचने के 4 अचूक उपाय

मुंबई: आज के दौर में जहां जीवनशैली की तनावपूर्ण परिस्थितियाँ रिश्तों पर दबाव डालती हैं, वहीं विशेषज्ञों ने एक और बड़े खलनायक की पहचान की है: ईगो (Ego) या अहंकार। रिलेशनशिप काउंसलर्स ने चेतावनी दी है कि छोटी-छोटी बातों पर होने वाला अहंकार का टकराव कई मजबूत रिश्तों को अंदर से खोखला कर रहा है, जिससे वे टूटने की कगार पर पहुँच रहे हैं।

ईगो रिश्ते में एक ऐसी अदृश्य दीवार खड़ी कर देता है जो पार्टनर को माफ़ी मांगने, गलतियाँ स्वीकार करने और खुद को सही साबित करने के बजाय समझौता करने से रोकती है।

रिश्तों का सबसे बड़ा दुश्मन ‘ईगो’:

मनोवैज्ञानिक और रिलेशनशिप एक्सपर्ट डॉ. मीनाक्षी कपूर (काल्पनिक नाम) बताती हैं, “ईगो तब पनपता है जब पार्टनर के लिए रिश्ते से ज़्यादा अपनी व्यक्तिगत जीत मायने रखती है। ईगो रिश्ते में सहानुभूति (Empathy) को खत्म कर देता है और पार्टनर को यह महसूस कराता है कि उसकी भावनाओं का कोई मूल्य नहीं है।”

अहंकार के कारण लोग अक्सर ये गलतियाँ करते हैं: अपनी गलती होने पर भी ‘सॉरी’ न कहना, पिछली लड़ाइयों को बार-बार दोहराना, और हर बहस को जीतने की कोशिश करना।

ईगो से रिश्ते को बचाने के 4 अचूक उपाय:

विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि ईगो की नकारात्मकता को दूर करने और एक स्वस्थ, प्रेमपूर्ण रिश्ता बनाए रखने के लिए इन चार महत्वपूर्ण युक्तियों को अपनी आदत में शामिल करना चाहिए:

  1. बहस में पार्टनर को न काटें, पहले सुनें: बहस के दौरान, ईगो आपको तुरंत अपनी बात सही साबित करने के लिए प्रेरित करता है। इससे बचने के लिए, पार्टनर की बात को बीच में न काटें। उन्हें पूरा बोलने दें और यह समझें कि वे किस नज़रिए से बात कर रहे हैं। सुनना एक-दूसरे के प्रति सम्मान दर्शाता है।
  2. ‘मैं’ की जगह ‘हम’ का प्रयोग करें: रिश्ते की बातचीत में ‘तुमने यह किया’ या ‘मैंने हमेशा सही कहा’ जैसे अहंकारी वाक्यों के बजाय, ‘हम इस समस्या को कैसे सुलझाएँ’ या ‘हम दोनों के लिए क्या सही है’ जैसे वाक्य बोलें। यह भाषा रिश्ते में सहयोग और एकजुटता की भावना को मजबूत करती है।
  3. माफ़ी माँगने में देर न करें (और उसे दिल से कहें): ईगो अक्सर माफ़ी माँगने से रोकता है। लेकिन यदि आप गलत हैं या आपकी बातों से पार्टनर को ठेस पहुँची है, तो तुरंत और बिना किसी शर्त के माफ़ी माँगना रिश्ते को बचाता है। माफ़ी माँगना यह दिखाता है कि आपके लिए आपका पार्टनर आपके अहंकार से ज़्यादा महत्वपूर्ण है।
  4. अपनी गलती स्वीकार करने की हिम्मत रखें: रिश्ते में हर बार सही होने की जिद छोड़ दें। यदि आपको पता है कि आपकी गलती है, तो उसे स्वीकार करने की हिम्मत रखें। अपनी गलतियाँ स्वीकार करना न केवल परिपक्वता (Maturity) का संकेत है, बल्कि यह आपके पार्टनर को भी आपके प्रति अधिक दयालु बनाता है।

डॉ. कपूर का निष्कर्ष है, “रिश्ते को बचाने के लिए हारने से न डरें। अगर आप ईगो को हरा देते हैं, तो असल में रिश्ता जीत जाता है।”

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