
मुंबई/दिल्ली: आज की युवा पीढ़ी (Gen Z) ने डेटिंग और रिलेशनशिप के नियमों को पूरी तरह से बदल दिया है। रिश्ते में स्थिरता और भावनात्मक गहराई की पारंपरिक अवधारणाओं को पीछे छोड़ते हुए, अब ‘सिचुएशनशिप्स’ और नए, जटिल ट्रेंड्स का चलन तेजी से बढ़ रहा है। इनमें से दो प्रमुख ट्रेंड्स ‘डेट टिल यू हेट’ और ‘फ्लडलाइटिंग’ रिलेशनशिप विशेषज्ञों और माता-पिता के लिए चिंता का विषय बन गए हैं।
‘डेट टिल यू हेट’: कमिटमेंट से बचने की नई रणनीति
‘डेट टिल यू हेट’ (Date Till You Hate) का शाब्दिक अर्थ है “तब तक डेट करना जब तक आप नफरत न करने लगें।” यह एक ऐसा डेटिंग पैटर्न है, जहाँ युवा जानबूझकर किसी रिश्ते को तब तक घसीटते रहते हैं, जब तक कि वह पार्टनर या रिश्ता उनके लिए पूरी तरह से असहनीय न हो जाए।
- सतही जुड़ाव: इस ट्रेंड में शामिल युवा वास्तव में भावनात्मक रूप से गहराई से जुड़ने से बचते हैं। रिश्ते का अंत किसी स्वाभाविक टकराव या आपसी सहमति से नहीं होता, बल्कि यह तब होता है जब एक व्यक्ति दूसरे के प्रति इतनी नफरत महसूस करने लगता है कि रिश्ता जारी रखना असंभव हो जाए।
- अंतिम छोर तक खींचना: विशेषज्ञ बताते हैं कि यह कमिटमेंट के डर का परिणाम है। युवा, रिश्ते को खत्म करने की जिम्मेदारी लेने से बचते हैं और तब तक इंतजार करते हैं, जब तक कि वे या उनका पार्टनर इसे छोड़ने के लिए मजबूर न हो जाएं। यह पैटर्न रिश्ते के दोनों व्यक्तियों के लिए मानसिक और भावनात्मक रूप से हानिकारक साबित हो रहा है।
‘फ्लडलाइटिंग’: पहली डेट पर भावनात्मक सैलाब
दूसरा उभरता हुआ ट्रेंड ‘फ्लडलाइटिंग’ (Floodlighting) है, जो अत्यधिक भावनात्मक खुलासे से जुड़ा है। यह वह स्थिति है, जहाँ कोई व्यक्ति डेटिंग ऐप्स पर बातचीत के दौरान या पहली मुलाकात में ही अपनी सबसे गहन भावनात्मक समस्याओं, पिछले ट्रॉमा या बचपन के मुश्किल अनुभवों को पार्टनर के सामने ‘उजागर’ कर देता है।
- थेरेपी या डेटिंग?: ‘फ्लडलाइटिंग’ करने वाले लोग अक्सर इसे अपनी प्रामाणिकता (Authenticity) दिखाने या रिश्ते को ‘ईमानदारी’ से शुरू करने का तरीका मानते हैं। कुछ युवा इसे भावनात्मक रूप से रिलीज़ होने के एक तरीके के रूप में इस्तेमाल करते हैं, लगभग एक ‘थेरेपी सेशन’ की तरह।
- अनावश्यक दबाव: हालांकि, रिलेशनशिप काउंसलर्स इसे एक अस्वस्थ आदत मानते हैं। उनका कहना है कि पहली मुलाकात में ही किसी नए व्यक्ति पर इतना भारी भावनात्मक बोझ डालना अनावश्यक मानसिक दबाव बनाता है। यह पार्टनर को डरा सकता है या उसे ऐसा महसूस करा सकता है कि उन्हें तुरंत ही ‘थेरेपिस्ट’ की भूमिका निभानी है, जिससे रिश्ता शुरू होने से पहले ही टूट जाता है।
ये दोनों ट्रेंड्स दर्शाते हैं कि Gen Z कमिटमेंट से बचने और भावनात्मक सुरक्षा के बीच एक जटिल संतुलन बनाने की कोशिश कर रहा है, जिससे रिश्तों की प्रकृति पहले से कहीं अधिक अस्थिर और चुनौतीपूर्ण हो गई है।