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भारत-पाक अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर BSF की बड़ी सफलता: 2.5 करोड़ की हेरोइन बरामद, तस्करी का प्रयास विफल

श्री गंगानगर (राजस्थान): भारत-पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवानों ने एक बार फिर मादक पदार्थों की तस्करी के एक बड़े प्रयास को विफल कर दिया है। श्री गंगानगर सेक्टर की अंतर्राष्ट्रीय सीमा के पास से हेरोइन की एक बड़ी खेप बरामद की गई है, जिसकी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अनुमानित कीमत करीब 2.50 करोड़ रुपये बताई जा रही है। BSF की इस त्वरित और सफल कार्रवाई ने सीमा पार से होने वाली नापाक गतिविधियों को एक और करारा जवाब दिया है।

 

सतर्कता से विफल हुई साजिश

 

यह घटना सीमा सुरक्षा बल के जवानों की अत्यधिक सतर्कता और पैनी निगरानी को दर्शाती है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, जवानों ने रात के अंधेरे में या घने कोहरे के दौरान, जब तस्कर अक्सर अपनी गतिविधियों को अंजाम देने की कोशिश करते हैं, सीमा बाड़ के पास कुछ संदिग्ध हलचल देखी। इसके तुरंत बाद, सीमा पर गश्त कर रहे जवानों ने इलाके की गहन तलाशी शुरू की।

तलाशी अभियान के दौरान, जवानों को सीमा बाड़ के पास एक पैकेट या बैग मिला, जिसमें यह उच्च गुणवत्ता वाली हेरोइन छिपाई गई थी। तस्कर संभवतः इस खेप को सीमा पार से भारतीय क्षेत्र में फेंकने या किसी स्थानीय रिसीवर के हाथों सौंपने की फिराक में थे। हालांकि, BSF के जवानों की मुस्तैदी के चलते तस्करों की यह कोशिश कामयाब नहीं हो पाई और वे अंधेरे का फायदा उठाकर वापस भागने में सफल रहे।

 

संगठित अपराध के खिलाफ कड़ी कार्रवाई

 

बरामद की गई हेरोइन की मात्रा और उसकी ऊंची कीमत यह संकेत देती है कि यह तस्करी किसी छोटे-मोटे अपराधी का काम नहीं, बल्कि एक बड़े और संगठित अंतरराष्ट्रीय गिरोह का हिस्सा है, जिसके तार सीमा पार पाकिस्तान से जुड़े हुए हैं। मादक पदार्थों की तस्करी से प्राप्त धन का उपयोग अक्सर देश विरोधी और आतंकी गतिविधियों को वित्तपोषित करने के लिए किया जाता है, जिससे यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।

 

सुरक्षा एजेंसियां और पुलिस जांच में जुटी

 

हेरोइन बरामद होने के बाद, BSF ने तुरंत स्थानीय पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को इस घटना की सूचना दी। अब पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां संयुक्त रूप से इस पूरे मामले की विस्तृत जांच कर रही हैं। जांच का मुख्य फोकस निम्नलिखित बिंदुओं पर है:

  1. स्थानीय नेटवर्क की पहचान: यह पता लगाना कि हेरोइन की खेप लेने के लिए भारतीय सीमा में कौन से स्थानीय तस्कर सक्रिय थे।
  2. तस्करी के रूट की मैपिंग: यह जानना कि तस्कर किस विशेष रूट का उपयोग कर रहे थे और क्या यह क्षेत्र पहले भी ऐसी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया गया है।
  3. अंतर्राष्ट्रीय लिंक: पाकिस्तानी तस्करों के साथ भारतीय रिसीवरों के बीच के संभावित संपर्कों को उजागर करना।

सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि इस बरामदगी से तस्करों के नेटवर्क को बड़ा झटका लगा है। पुलिस और नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) इस पूरे रैकेट की गहराई तक पहुंचने और इसमें शामिल सभी लोगों को गिरफ्तार करने के लिए तकनीकी और खुफिया जानकारी का उपयोग कर रहे हैं। BSF की यह सफलता न केवल सीमा की रक्षा करती है, बल्कि देश के युवाओं को मादक पदार्थों के चंगुल से बचाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

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