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श्री गंगानगर में सड़कों की बदहाली पर BJP नेता का अनोखा विरोध: PWD को ‘गोबर लेपने’ की चेतावनी 😡

श्री गंगानगर: राजस्थान के श्री गंगानगर जिले में खराब सड़कों और निर्माण कार्य में हो रही देरी ने स्थानीय भाजपा नेताओं को इतना नाराज़ कर दिया है कि एक स्थानीय नेता ने सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD) के खिलाफ विरोध का एक अनोखा तरीका अपनाने की चेतावनी दी है। बुनियादी ढांचे की बदहाली और अधिकारियों की कथित लापरवाही से तंग आकर, इस नेता ने PWD को सीधी चेतावनी दी है कि यदि अगले सात दिनों के भीतर सड़कों का मरम्मत और निर्माण कार्य शुरू नहीं किया गया, तो वे अपने समर्थकों के साथ मिलकर विरोध स्वरूप सड़कों पर गोबर लेपेंगे

 

बुनियादी ढांचे पर बढ़ता गुस्सा

 

यह मामला श्री गंगानगर में बुनियादी ढांचे (Infrastructure) से संबंधित गंभीर समस्याओं को उजागर करता है। लंबे समय से जर्जर पड़ी सड़कें, जो आए दिन दुर्घटनाओं और आवागमन में बाधा का कारण बन रही हैं, अब जनता के सब्र का बांध तोड़ रही हैं। नेता ने स्पष्ट किया कि बार-बार विभाग को शिकायत करने और समस्या की ओर ध्यान दिलाने के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

स्थानीय नेता ने मीडिया को बताया कि, “जनता को गड्ढों वाली सड़कों पर चलना पड़ रहा है। धूल और मिट्टी से लोग बीमार हो रहे हैं, और विभाग गहरी नींद में सोया हुआ है। हमने शांतिपूर्ण ढंग से कई बार अनुरोध किया, ज्ञापन सौंपे, लेकिन PWD के अधिकारियों के कान पर जूं तक नहीं रेंगी। अब हमारे पास गांधीवादी विरोध (Gandhian Protest) के इस अनोखे तरीके को अपनाने के अलावा कोई चारा नहीं बचा है, ताकि उनकी अकर्मण्यता पर ध्यान खींचा जा सके।”

 

विरोध का सांकेतिक महत्व

 

सड़कों पर ‘गोबर लेपने’ की धमकी केवल एक बयान नहीं है, बल्कि यह विरोध का एक शक्तिशाली सांकेतिक तरीका है। गोबर को ग्रामीण और पारंपरिक संदर्भों में साफ-सफाई और शुद्धता से जोड़ा जाता है, लेकिन इसे सड़कों पर लेपने की बात कहकर नेता सरकारी कार्यप्रणाली की अशुद्धता और बदबूदार हालत पर तंज कस रहे हैं। यह प्रतीकात्मक कार्रवाई अधिकारियों को शर्मिंदा करने और उन्हें अपने कर्तव्यों का पालन करने के लिए मजबूर करने का प्रयास है। नेता का कहना है कि अगर PWD सड़कों को ठीक करने में सक्षम नहीं है, तो वे कम से कम उन्हें ‘शुद्ध’ करके अपना विरोध दर्ज कराएंगे।

 

जनता में समर्थन और विभाग पर दबाव

 

इस तीखी चेतावनी के बाद, न केवल स्थानीय राजनीति गरमा गई है, बल्कि आम जनता में भी इस विरोध को लेकर व्यापक समर्थन देखा जा रहा है। व्यापारी वर्ग, किसान और दैनिक यात्री सभी सड़कों की खराब हालत से परेशान हैं और वे इस चेतावनी को अधिकारियों पर दबाव बनाने का एक प्रभावी तरीका मान रहे हैं।

दूसरी ओर, PWD विभाग के अधिकारियों पर अब जल्द कार्रवाई करने का दबाव बढ़ गया है। उन्हें न केवल निर्माण कार्य शुरू करने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, बल्कि इस अनोखे और संभावित रूप से सार्वजनिक रूप से शर्मिंदा करने वाले विरोध प्रदर्शन को टालने की भी जिम्मेदारी है।

यदि विभाग अगले सात दिनों में कोई ठोस कार्रवाई नहीं करता है, तो श्री गंगानगर की सड़कें संभवतः एक अद्वितीय विरोध प्रदर्शन की साक्षी बनेंगी, जो सरकारी निष्क्रियता के खिलाफ जन आक्रोश को दर्शाएगा। यह घटना स्पष्ट करती है कि बुनियादी ढांचे की उपेक्षा अब और बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

©️ श्री गंगानगर न्यूज़ ©️