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पीवी सिंधू को बड़ी वैश्विक जिम्मेदारी: तीसरी बार BWF एथलीट आयोग में शामिल, 2029 तक करेंगी खिलाड़ियों का प्रतिनिधित्व

नई दिल्ली। भारत की गौरव और दो बार की ओलंपिक पदक विजेता बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू ने खेल के मैदान से बाहर एक बड़ी वैश्विक उपलब्धि हासिल की है। उन्हें बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन (BWF) के प्रतिष्ठित एथलीट आयोग (Athletes’ Commission) में सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। यह सिंधू के करियर में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, क्योंकि वह तीसरी बार इस सम्मानित निकाय का हिस्सा बनी हैं।

सिंधू का यह नया कार्यकाल 2029 तक रहेगा। यह लगातार तीसरी बार है जब विश्व स्तर पर खिलाड़ियों ने उन पर इतना भरोसा जताया है, जो न केवल भारतीय बैडमिंटन में उनके कद और महत्व को दर्शाता है, बल्कि वैश्विक स्तर पर एथलीटों के बीच उनकी लोकप्रियता और स्वीकार्यता को भी प्रमाणित करता है।

 

एथलीटों के हितों की करेंगी वकालत

 

BWF एथलीट आयोग, बैडमिंटन जगत में खिलाड़ियों के हितों की रक्षा करने और BWF बोर्ड तथा अन्य समितियों को एथलीटों के दृष्टिकोण से सलाह देने वाला प्रमुख निकाय है। इस आयोग में शामिल होने का मतलब है कि सिंधू अब विश्व भर के बैडमिंटन खिलाड़ियों के सामने आने वाले महत्वपूर्ण मुद्दों जैसे कि कल्याण, टूर्नामेंट का शेड्यूल, स्वास्थ्य और प्रतिस्पर्धात्मक माहौल पर सीधे अपनी बात रख सकेंगी।

सिंधू ने इस जिम्मेदारी को एक बड़े सम्मान के रूप में स्वीकार किया है। उन्होंने कहा, “मैं तीसरी बार एथलीट आयोग का हिस्सा बनकर बहुत सम्मानित महसूस कर रही हूँ। यह एक बड़ा मौका है जहाँ मैं खेल को और बेहतर बनाने के लिए सक्रिय रूप से योगदान दे सकती हूँ। मेरा मुख्य उद्देश्य खिलाड़ियों की आवाज़ को मजबूत करना और यह सुनिश्चित करना है कि फेडरेशन के फैसले उनकी बेहतरी को ध्यान में रखकर लिए जाएँ।”

 

अनुभव और वैश्विक विश्वसनीयता

 

पीवी सिंधू की इस आयोग में वापसी का एक मुख्य कारण उनका विशाल अंतरराष्ट्रीय अनुभव और उनकी अटूट विश्वसनीयता है। उन्होंने ओलंपिक में रजत और कांस्य पदक जीते हैं, विश्व चैंपियनशिप का खिताब अपने नाम किया है और लगातार उच्च स्तर पर प्रतिस्पर्धा की है। इस अनुभव के कारण वह जानती हैं कि खिलाड़ियों को किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है—चाहे वह मानसिक स्वास्थ्य हो, यात्रा की थकान हो, या टूर्नामेंट की अत्यधिक मांग हो।

भारतीय बैडमिंटन संघ (BAI) और खेल मंत्रालय ने भी सिंधू की इस उपलब्धि पर उन्हें बधाई दी है। BAI अध्यक्ष ने कहा कि सिंधू का लगातार तीसरी बार चुना जाना भारतीय बैडमिंटन के लिए एक गौरव का क्षण है और यह विश्व मंच पर देश के बढ़ते प्रभाव को दर्शाता है।

2029 तक चलने वाले इस कार्यकाल के दौरान, यह उम्मीद की जाती है कि सिंधू एथलीटों के बीच बेहतर संवाद स्थापित करने और निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के लिए अपने प्रभाव का उपयोग करेंगी। उनकी यह भूमिका न केवल भारतीय बैडमिंटन को प्रेरणा देगी, बल्कि वैश्विक खेल प्रशासन में भारत की भागीदारी को भी मजबूत करेगी।


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