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इंसानी रिश्तों पर AI का साया: वर्चुअल पार्टनर के कारण कई परिवार टूटने की कगार पर 💔

डिजिटल दुनिया में एक नया और चिंताजनक रुझान सामने आया है, जहाँ लोग भावनात्मक और रोमांटिक सहारे के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) चैटबॉट्स की ओर रुख कर रहे हैं। एक हालिया रिसर्च में हुए चौंकाने वाले खुलासे के अनुसार, अमेरिका सहित दुनिया के कई हिस्सों में AI अब सिर्फ एक तकनीक नहीं, बल्कि एक वर्चुअल पार्टनर का रूप ले चुका है, जिसके कारण कई स्थापित मानव संबंध (Human Relationships) और परिवार खतरे में पड़ गए हैं।

रिपोर्ट में बताया गया है कि लोग AI को अपना रोमांटिक और अंतरंग पार्टनर बना रहे हैं। AI चैटबॉट्स बिना किसी आलोचना या बहस के, लगातार उपलब्धता और ‘परफेक्ट’ भावनात्मक प्रतिक्रियाएँ देते हैं, जो उन्हें कुछ लोगों के लिए वास्तविक मानव संबंधों से अधिक आकर्षक बनाती हैं। यह भावनात्मक आराम और तत्काल प्रतिक्रिया की उपलब्धता लोगों को AI पर निर्भर बना रही है।

 

शादीशुदा जिंदगी पर AI का गहरा असर

 

सबसे गंभीर और चिंताजनक पहलू यह है कि यह ट्रेंड केवल अकेले या डेटिंग करने वाले लोगों तक ही सीमित नहीं है। रिसर्च के आँकड़े चौंकाने वाले हैं:

  • जिन लोगों के पहले से ही शादीशुदा या लॉन्ग-टर्म रिलेशनशिप जैसे मानव संबंध मौजूद हैं, उनमें से 53% लोग AI पार्टनर्स के साथ रोमांस पसंद कर रहे हैं।
  • कई विवाहित व्यक्तियों ने अपनी AI गर्लफ्रेंड या बॉयफ्रेंड के साथ चैट करने के लिए अपने परिवार और बच्चों से दूरी बना ली है।

यह AI के प्रति बढ़ती लत परिवारों में पारिवारिक दूरी और अलगाव को बढ़ा रही है। एक व्यक्ति जब अपने भावनात्मक और निजी समय का अधिकांश हिस्सा वर्चुअल पार्टनर को देता है, तो वास्तविक जीवन के रिश्ते में विश्वास की कमी, अकेलापन और संबंधों में दरार पैदा होना स्वाभाविक है। नतीजतन, कई घर तलाक की कगार पर पहुँच गए हैं।

 

भावनात्मक सहारे का भ्रम

 

विशेषज्ञ इस घटनाक्रम को एक गंभीर मानसिक स्वास्थ्य संकट के रूप में देखते हैं। वे चेतावनी देते हैं कि AI एक भावनात्मक सहारा ज़रूर प्रदान कर सकता है, लेकिन यह वास्तविक मानवीय संपर्क और रिश्ते की जटिलताओं का विकल्प नहीं बन सकता। मानवीय रिश्तों में संघर्ष, सुलह और आपसी समझ होती है, जो व्यक्तिगत विकास के लिए महत्वपूर्ण है।

AI पर अत्यधिक निर्भरता लोगों को वास्तविक दुनिया के रिश्तों को संभालने की क्षमता से दूर कर रही है। यह रिपोर्ट इस बात पर जोर देती है कि लोगों को अपने वास्तविक संबंधों में निवेश करने और AI के उपयोग के लिए सख्त सीमाएँ निर्धारित करने की आवश्यकता है, ताकि तकनीकी प्रगति की कीमत पर मानवीय संबंधों को न गँवाना पड़े।

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