
FICCI और EY-Parthenon की एक हालिया रिपोर्ट ने भारतीय स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र की चुनौतियों और उपभोक्ताओं की बढ़ती अपेक्षाओं को उजागर किया है। रिपोर्ट में यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है कि भारत में लगभग 90 प्रतिशत लोग बेहतर और उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सुविधाओं के लिए अधिक पैसा खर्च करने को तैयार हैं। यह आँकड़ा स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि भारतीय नागरिक अपनी स्वास्थ्य सुरक्षा को प्राथमिकता दे रहे हैं और गुणवत्तापूर्ण इलाज तक पहुँचने के लिए वित्तीय बाधाओं को पार करने के इच्छुक हैं।
गुणवत्ता के लिए बढ़ती मांग
यह रिपोर्ट इस बात की पुष्टि करती है कि भारत में स्वास्थ्य सेवा कुशल है, लेकिन जनता की अपेक्षाएं अब केवल उपलब्धता तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे प्रमाणित और उच्च-मानक गुणवत्ता वाले इलाज की तलाश में हैं। लोगों की यह बढ़ी हुई इच्छा स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं पर दबाव डालती है कि वे अपनी सेवाओं और बुनियादी ढांचे में सुधार करें।
संरचनात्मक चुनौतियाँ और बेड की कमी 🏥
रिपोर्ट ने भारतीय स्वास्थ्य प्रणाली में मौजूद कुछ गंभीर संरचनात्मक चुनौतियों की ओर भी ध्यान दिलाया है। सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा अस्पतालों में बेड की भारी कमी है:
- भारत में औसतन प्रति अस्पताल में केवल 25 से 30 बेड उपलब्ध हैं।
- यह संख्या अंतरराष्ट्रीय मानक (जो प्रति अस्पताल 100 से अधिक बेड का है) से बहुत कम है।
बेड की यह कमी न केवल चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता को प्रभावित करती है, बल्कि संकट के समय में मरीजों के लिए एक बड़ी समस्या बन जाती है, जैसा कि COVID-19 महामारी के दौरान देखा गया था। यह स्थिति स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे में बड़े निवेश और विस्तार की तत्काल आवश्यकता को दर्शाती है।
सुरक्षित चिकित्सा विकल्प और मानक की आवश्यकता
रिपोर्ट के निष्कर्ष राष्ट्रीय स्तर पर न्यूनतम गुणवत्ता मानक (Minimum Quality Standards) तय करने की अनिवार्यता पर जोर देते हैं। जब 90% आबादी बेहतर इलाज के लिए अधिक खर्च करने को तैयार है, तो सरकार और नियामक निकायों का यह दायित्व बन जाता है कि वे यह सुनिश्चित करें कि दिया जाने वाला इलाज सुरक्षित और विश्वसनीय हो।
वर्तमान में, गुणवत्ता मानकों और सुरक्षित चिकित्सा विकल्पों की कमी मरीजों को सही और प्रमाणित स्वास्थ्य प्रदाताओं को चुनने में असमंजस में डालती है। राष्ट्रीय स्तर पर एक मजबूत फ्रेमवर्क बनाने की आवश्यकता है जो सभी स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए एक समान और उच्च गुणवत्ता मानक लागू करे। यह कदम जनता के विश्वास को मजबूत करेगा और उन्हें यह भरोसा देगा कि उनके द्वारा खर्च किया गया पैसा उन्हें अपेक्षित गुणवत्ता वाली सेवा प्रदान करेगा। संक्षेप में, यह रिपोर्ट भारतीय स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में सुधार और आधुनिकीकरण के लिए एक मजबूत आह्वान है।