
श्री गंगानगर (राजस्थान)। ‘राजस्थान का अन्न का कटोरा’ कहे जाने वाले श्री गंगानगर जिले में इस बार घग्गर नदी का रौद्र रूप देखने को मिला है। पंजाब और हरियाणा में हुई भारी बारिश के कारण घग्गर नदी में जलस्तर अचानक और तेजी से बढ़ गया। इस अप्रत्याशित वृद्धि के कारण जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों, विशेष रूप से अनूपगढ़ और आसपास के गांवों में, नदी के बांध (बंधों) में कई जगहों पर बड़ा कटाव आ गया या वे टूट गए।
सैकड़ों गांवों पर खतरा और फसलों को भारी नुकसान
घग्गर नदी के बांधों में 50 फीट तक के चौड़े कटाव आने से पानी तेजी से खेतों में फैल गया, जिससे हजारों बीघा कृषि भूमि जलमग्न हो गई। किसानों की खड़ी फसलें—जिनमें मुख्य रूप से कपास (नरमा), मूंग, धान और ग्वार शामिल हैं—पूरी तरह से पानी में डूब गईं और बर्बाद हो गईं। कई किसानों की तो लगभग 600 से 3500 बीघा तक की फसलें जलमग्न हो गईं, जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है।
किसानों के लिए यह दृश्य अत्यंत दर्दनाक था, क्योंकि वे अपनी आंखों के सामने अपनी मेहनत को पानी में डूबते देख रहे थे, लेकिन पानी का बहाव इतना तेज था कि वे बेबस थे। कई किसानों ने अपनी जान जोखिम में डालकर पड़ोसी खेतों को बचाने के लिए भी प्रयास किए।
अवैध बंधे और लापरवाही बने कारण
किसानों का आरोप है कि इस त्रासदी का एक बड़ा कारण घग्गर बहाव क्षेत्र में बने अवैध बंधे हैं। उनका कहना है कि अवैध रूप से बंधे बनाने वालों पर प्रशासन ने समय रहते कोई कार्रवाई नहीं की, जिससे पानी का प्राकृतिक प्रवाह बाधित हुआ और दबाव बढ़ने पर बांधों में कटाव आ गया।
इसके अलावा, कुछ किसानों ने यह भी आरोप लगाया है कि घग्गर नदी का जलस्तर बढ़ने की आशंका के बावजूद प्रशासन ने समय पर ध्यान नहीं दिया। कुछ मामलों में तो कलेक्टर से गुहार लगाने के महज 24 घंटे के भीतर ही बांध टूट गए, जिसने स्थानीय प्रशासन की लापरवाही पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
प्रशासन का एक्शन और मुआवजा की मांग
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, जिला कलेक्टर और अन्य प्रशासनिक अधिकारी नदी क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं और ग्रामीणों के साथ मिलकर कटाव को भरने और अतिरिक्त सुरक्षा बांध बनाने के प्रयास कर रहे हैं। ग्रामीणों और किसानों की सूझबूझ से कई जगह बड़े हादसे टाल दिए गए हैं।
हालांकि, किसानों की मुख्य मांग अब बर्बाद हुई फसलों के लिए तत्काल और पर्याप्त मुआवजा देने की है, ताकि वे अपनी आर्थिक क्षति से उबर सकें। घग्गर नदी का कहर श्री गंगानगर की कृषि समृद्धि पर एक गंभीर संकट बनकर आया है, जिससे निपटने के लिए सरकारी तंत्र और किसानों के बीच दीर्घकालिक समन्वय की आवश्यकता है।