
विशाखापत्तनम (भारत)। आईसीसी महिला वनडे विश्व कप 2025 में भारतीय महिला टीम का अब तक का शानदार प्रदर्शन दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ रुक गया है। एक बेहद रोमांचक और कांटे की टक्कर वाले मुकाबले में, दक्षिण अफ्रीका ने भारत को 3 विकेट से हराकर विश्व कप में भारत को पहली हार का स्वाद चखाया। यह मैच अंत तक खिंचा और दोनों टीमों के बीच जबरदस्त संघर्ष देखने को मिला।
ऋचा घोष की जुझारू पारी
टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम के लिए शुरुआत अच्छी नहीं रही, लेकिन टीम ने मध्यक्रम में जबरदस्त वापसी की। संकट के समय, विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋचा घोष ने एक बार फिर अपने बल्ले से कमाल दिखाया। ऋचा ने मुश्किल परिस्थितियों में धैर्य और आक्रामकता का मिश्रण दिखाते हुए केवल 77 गेंदों में 94 रनों की तूफानी पारी खेली। उनकी पारी में 11 चौके और 4 गगनचुंबी छक्के शामिल थे। ऋचा की इस जुझारू पारी की बदौलत ही टीम इंडिया 49.5 ओवर में 251 रन का एक चुनौतीपूर्ण स्कोर खड़ा करने में सफल रही। हालांकि, वह अपना शतक पूरा करने से चूक गईं, लेकिन उनकी पारी ने टीम को लड़ने लायक स्कोर दिया।
नादिन डी क्लार्क ने दिलाई जीत
252 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए दक्षिण अफ्रीका की टीम ने शुरुआती झटकों के बावजूद शानदार खेल दिखाया। उनकी जीत की सूत्रधार बनीं नादिन डी क्लार्क, जिन्होंने दबाव में एक यादगार पारी खेली। डी क्लार्क ने संयम और दृढ़ता का परिचय देते हुए नाबाद 84 रन बनाए। उनकी इस जुझारू पारी ने दक्षिण अफ्रीका को मुश्किल परिस्थितियों से निकालकर जीत की राह पर ला दिया। डी क्लार्क ने निचले क्रम के बल्लेबाजों के साथ महत्वपूर्ण साझेदारियाँ कीं और भारतीय गेंदबाजों को अंतिम ओवरों में बेअसर कर दिया।
अंक तालिका और आगे की चुनौती
भारत की इस हार से अंक तालिका पर असर पड़ा है। भारत अभी भी तीन मैचों में दो जीत के साथ शीर्ष-4 में बना हुआ है, लेकिन इस करीबी हार के कारण टीम के नेट रन रेट (NRR) को नुकसान हुआ है। यह NRR टूर्नामेंट के अगले चरण में टीमों की स्थिति तय करने में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
भारतीय टीम को अब इस हार को भुलाकर अपनी अगली और सबसे बड़ी चुनौती पर ध्यान केंद्रित करना होगा। टीम इंडिया का अगला मुकाबला डिफेंडिंग चैंपियन ऑस्ट्रेलिया से होगा, जो टूर्नामेंट की सबसे खतरनाक टीमों में से एक है। ऑस्ट्रेलिया को हराने के लिए भारतीय टीम को अपनी बल्लेबाजी, गेंदबाजी और फील्डिंग में बेहतरीन तालमेल बिठाना होगा। कप्तान हरमनप्रीत कौर को यह सुनिश्चित करना होगा कि टीम गेंदबाजी में आखिरी ओवरों में कम रन दे और विपक्षी टीम पर लगातार दबाव बनाए रखे।