
क्रिकेट। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने टीम इंडिया के सीनियर खिलाड़ियों के 2027 क्रिकेट वर्ल्ड कप की तैयारियों और चयन को लेकर एक बेहद सख्त और स्पष्ट फरमान जारी किया है। बोर्ड ने साफ कर दिया है कि अगर दिग्गज बल्लेबाज रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे वरिष्ठ खिलाड़ी 2027 वर्ल्ड कप टीम में अपनी जगह पक्की करना चाहते हैं, तो उन्हें घरेलू क्रिकेट (Domestic Cricket) में अनिवार्य रूप से खेलना होगा।
यह फैसला भारतीय क्रिकेट की भविष्य की रणनीति के तहत लिया गया है। बोर्ड का मानना है कि अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के बीच एक लंबा ब्रेक लेने वाले खिलाड़ियों के लिए मैच फिटनेस (Match Fitness) और प्रतिस्पर्धी लय (Competitive Rhythm) बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है। रणजी ट्रॉफी, विजय हजारे ट्रॉफी या अन्य प्रथम श्रेणी टूर्नामेंट में भागीदारी न केवल खिलाड़ियों को मानसिक रूप से मजबूत रखती है, बल्कि उन्हें कठिन परिस्थितियों में खेल की आदत भी बनाए रखती है।
युवाओं को मौका और बेंच स्ट्रेंथ की मजबूती
BCCI के एक उच्च पदस्थ सूत्र ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि यह शर्त केवल रोहित और विराट तक ही सीमित नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय टीम के सभी सीनियर सदस्यों पर लागू होगी। बोर्ड का प्राथमिक उद्देश्य मजबूत बेंच स्ट्रेंथ (Strong Bench Strength) तैयार करना है। जब सीनियर खिलाड़ी घरेलू सर्किट में खेलते हैं, तो:
- युवा प्रतिभाओं को सीखने का मौका: युवा और उभरते हुए खिलाड़ियों को अपने आदर्शों के साथ ड्रेसिंग रूम साझा करने और उनके खिलाफ खेलने का अमूल्य अनुभव मिलता है। यह उनके खेल और आत्मविश्वास को कई गुना बढ़ाता है।
- चयनकर्ताओं को आकलन में आसानी: चयन समिति को पता चलता है कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दबाव झेलने वाले खिलाड़ी घरेलू स्तर पर भी अपनी भूख और फिटनेस बनाए रखे हुए हैं या नहीं।
- अंतर पाटना: यह कदम अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट और घरेलू क्रिकेट के बीच के अंतर को पाटने में मदद करेगा, जिससे नए खिलाड़ी राष्ट्रीय टीम में बेहतर ढंग से समायोजित हो पाएंगे।
फिटनेस और फॉर्म का प्रमाण
अधिकारियों का मानना है कि केवल नेट्स में अभ्यास या आईपीएल जैसे छोटे फॉर्मेट की लीग में खेलने से 50 ओवर के वर्ल्ड कप की कठोर चुनौतियों के लिए पूरी तरह से तैयारी नहीं हो सकती। घरेलू क्रिकेट में लंबे समय तक बल्लेबाजी करना और फील्डिंग करना, खिलाड़ियों की वास्तविक शारीरिक और मानसिक सहनशक्ति (Physical and Mental Stamina) का प्रमाण होता है।
इस कदम को भारतीय क्रिकेट में एक सांस्कृतिक बदलाव लाने की दिशा में देखा जा रहा है, जहाँ राष्ट्रीय टीम के दरवाजे सबके लिए खुले रहेंगे, लेकिन वहाँ प्रवेश करने और बने रहने के लिए सभी को निरंतर अपने फॉर्म और फिटनेस (Form and Fitness) को सिद्ध करना होगा। यह स्पष्ट संदेश है कि भारतीय क्रिकेट टीम में जगह पक्की नहीं है, और खिलाड़ियों को हर स्तर पर अपने प्रदर्शन के लिए जवाबदेह होना पड़ेगा।