
नई दिल्ली। भारत में, जहाँ कभी हृदय रोग (Heart Disease) को बुढ़ापे की समस्या माना जाता था, वहीं अब यह एक चिंताजनक बदलाव दिखाता है। हाल के अध्ययनों में यह पाया गया है कि युवावस्था में हृदय रोग (Heart Disease in Youth) के मामलों में तेज़ी से वृद्धि हो रही है। विशेषज्ञ मानते हैं कि 20 से 39 वर्ष की आयु वर्ग के लोग भी अब इस गंभीर बीमारी की चपेट में आ रहे हैं, और इसके लिए मुख्यतः दो आधुनिक जीवनशैली की आदतें ज़िम्मेदार हैं: तनाव (Stress) और शारीरिक निष्क्रियता (Physical Inactivity)।
दो प्रमुख ख़तरे: तनाव और निष्क्रियता
- तनाव (Stress): करियर की प्रतिस्पर्धा, आर्थिक दबाव और सामाजिक अपेक्षाओं के कारण युवाओं में दीर्घकालिक तनाव (Chronic Stress) बढ़ रहा है। यह तनाव कोर्टिसोल जैसे स्ट्रेस हार्मोन को बढ़ाता है, जो रक्तचाप (Blood Pressure) को बढ़ाकर और धमनियों (Arteries) को नुकसान पहुँचाकर सीधे हृदय स्वास्थ्य को प्रभावित करता है।
- शारीरिक निष्क्रियता (Physical Inactivity): डेस्क जॉब कल्चर, गैजेट्स का अत्यधिक उपयोग और घंटों तक एक ही जगह बैठे रहने की आदत शारीरिक निष्क्रियता को बढ़ा रही है। इससे मोटापा (Obesity), डायबिटीज (Diabetes) और उच्च कोलेस्ट्रॉल का खतरा बढ़ता है, जो हृदय रोगों के लिए प्रमुख जोखिम कारक हैं।
हृदय रोग विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया है कि धूम्रपान और शराब के अत्यधिक सेवन के साथ-साथ जंक फूड का बढ़ता चलन भी इस ख़तरे को कई गुना बढ़ा रहा है।
युवाओं के लिए विशेषज्ञ सलाह: निवारक निवेश
विशेषज्ञों ने 20 से 39 वर्ष के युवाओं को सलाह दी है कि वे अपने स्वास्थ्य को एक निवेश मानें, जिसका रिटर्न उन्हें बुढ़ापे में मिलेगा। इसके लिए निवारक उपाय अपनाना ज़रूरी है:
- नियमित जाँच: हर युवा को समय-समय पर अपने हृदय की जाँच करानी चाहिए, खासकर यदि परिवार में हृदय रोग का इतिहास रहा हो।
- सक्रिय दिनचर्या (Active Routine): हर सप्ताह कम से कम 150 मिनट मध्यम-तीव्रता वाला व्यायाम (जैसे तेज़ चलना, साइकिल चलाना या तैरना) करें। रोज़ाना थोड़ी देर की सक्रियता भी महत्त्वपूर्ण है।
- स्वस्थ वज़न और आहार: संतुलित आहार और सही पोषण से अपना वज़न नियंत्रण में रखें। याद रखें, मोटापा डायबिटीज और उच्च रक्तचाप के जोखिम को कई गुना बढ़ा देता है। जंक फूड और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों से बचें।
- तनाव प्रबंधन: मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें। हर रात 8 घंटे की गहरी नींद लें और योग, प्राणायाम या ध्यान को अपनी दिनचर्या में शामिल करें ताकि तनाव को प्रभावी ढंग से प्रबंधित किया जा सके।
विशेषज्ञों का निष्कर्ष है कि हृदय स्वास्थ्य पर आज किया गया निवेश, आपको एक लंबा, स्वस्थ और खुशहाल जीवन जीने में मदद करेगा। जीवनशैली में छोटे, सकारात्मक बदलाव ही बड़े स्वास्थ्य लाभ की कुंजी हैं।
क्या आप जानना चाहेंगे कि तनाव को प्रभावी ढंग से कम करने के लिए कौन से योग और ध्यान अभ्यास सबसे अधिक उपयोगी हैं?