
नई दिल्ली/मुंबई: भारत के सबसे कुख्यात गैंगस्टर में से एक, लॉरेंस बिश्नोई के छोटे भाई अनमोल बिश्नोई को अमेरिका में हिरासत में ले लिया गया है। यह घटना भारत और अमेरिका के बीच एक जटिल कानूनी और कूटनीतिक प्रक्रिया को जन्म दे रही है, क्योंकि भारतीय एजेंसियां उसे वापस लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं। अनमोल बिश्नोई पर कई संगीन आरोप हैं, जिनमें पंजाब, मुंबई और अन्य राज्यों में हुई हाई-प्रोफाइल आपराधिक घटनाएं शामिल हैं।
प्रमुख मामले और आरोप
अनमोल बिश्नोई, जिसे ‘भानु’ के नाम से भी जाना जाता है, लॉरेंस बिश्नोई के आपराधिक सिंडिकेट का एक प्रमुख सदस्य है। वह जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई के वैश्विक गिरोह की गतिविधियों को कनाडा और अमेरिका से संचालित कर रहा था। उसके खिलाफ सबसे गंभीर आरोपों में से एक पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या है, जिसकी 29 मई 2022 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जांच एजेंसियों के अनुसार, अनमोल ने इस हत्याकांड को अंजाम देने वाले शूटरों को हथियार और लॉजिस्टिक सहायता प्रदान की थी।
इसके अलावा, वह मुंबई में पूर्व विधायक और एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या में भी वांछित है। अक्टूबर 2024 में हुई इस हत्या के बाद, जांच में यह सामने आया कि अनमोल बिश्नोई स्नैपचैट के माध्यम से शूटरों के संपर्क में था और उसने इस घटना की योजना बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। मुंबई पुलिस का मानना है कि अनमोल ने शूटरों को सिद्दीकी और उनके बेटे ज़ीशान की तस्वीरें भेजी थीं और हमले के लिए फंडिंग की व्यवस्था की थी।
सबसे हालिया मामला बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान के मुंबई स्थित आवास के बाहर हुई गोलीबारी की घटना है। अप्रैल 2024 में हुई इस घटना की जिम्मेदारी अनमोल बिश्नोई ने सोशल मीडिया पर ली थी। मुंबई पुलिस ने इस मामले में उसकी संलिप्तता की पुष्टि करते हुए उसके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू की थी।
अमेरिका में हिरासत और कानूनी चुनौतियाँ
भारतीय एजेंसियों के सूत्रों के अनुसार, अनमोल बिश्नोई को कैलिफ़ोर्निया के सैक्रामेंटो में हिरासत में लिया गया था। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि उसकी हिरासत भारतीय मामलों से संबंधित थी या किसी स्थानीय कारण से। कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि उसके दस्तावेजों में कुछ कमियां पाई गई थीं, जबकि अन्य सूत्रों का दावा है कि उसकी हिरासत भारत सरकार द्वारा दी गई जानकारी के बाद हुई।
अनमोल बिश्नोई की हिरासत के बाद, भारतीय एजेंसियों के सामने सबसे बड़ी चुनौती उसे भारत वापस लाना है। मुंबई पुलिस और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पहले ही उसके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। एनआईए ने अगस्त 2022 में उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी और उसे “आतंकवादी कृत्य” करने के लिए युवाओं की भर्ती और धन जुटाने की साजिश का हिस्सा बताया था। इसके अलावा, इंटरपोल ने भी उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था।
लेकिन, स्थिति में एक नया मोड़ तब आया जब अनमोल बिश्नोई के वकीलों ने अमेरिका में शरण के लिए आवेदन कर दिया। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह एक कानूनी रणनीति है, क्योंकि अमेरिकी कानूनी प्रणाली ऐसे मामलों में जमानत देने और शरण आवेदनों पर विचार करने की अनुमति देती है, जिससे प्रत्यर्पण की प्रक्रिया में देरी या रुकावट आ सकती है। गैंगस्टर गोल्डी बराड़ के मामले में भी ऐसी ही स्थिति देखी गई थी, जिसने कनाडा में शरण के लिए आवेदन किया था।
अगले कदम और एजेंसियों की भूमिका
मुंबई पुलिस और एनआईए अब अमेरिकी कानून प्रवर्तन एजेंसियों, जैसे कि ICE (इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट) और FBI, के साथ लगातार संपर्क में हैं। उनका उद्देश्य अनमोल बिश्नोई को जल्द से जल्द भारत वापस लाना है ताकि उसके खिलाफ लंबित मामलों की सुनवाई हो सके। हालाँकि, यह प्रक्रिया लंबी और जटिल हो सकती है।
कुछ रिपोर्ट्स में यह भी सामने आया है कि कनाडा की पुलिस भी कुछ गैंग-संबंधित मामलों के संबंध में अनमोल बिश्नोई तक पहुँचने की कोशिश कर सकती है, जिससे स्थिति और भी जटिल हो गई है।
अनमोल बिश्नोई की हिरासत बिश्नोई गिरोह के लिए एक बड़ा झटका है, जो जेल में बंद अपने सरगना के बावजूद विदेशों से अपनी आपराधिक गतिविधियों को जारी रखे हुए था। यह घटना भारत में संगठित अपराध के खिलाफ चल रही लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। एजेंसियों को उम्मीद है कि उसकी हिरासत से गिरोह की गतिविधियों पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी और कई लंबित मामलों को सुलझाने में भी सहायता मिलेगी।